जयपुर: राज्यसभा चुनाव को लेकर अब प्रदेश में राजनीति अपने चरम पर है. चुनाव को लेकर राजस्थान कांग्रेस की ओर से अस्थाई बाड़ाबंदी शुरू हो गई है. विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब सीएम गहलोत ने यह खुल कर कह दिया है कि इस चुनाव में विधायकों को खरीदने का प्रयास किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैश बड़ी तादाद में जयपुर पहुंच चुका है. उन्होंने कहा भाजपा मध्यप्रदेश वाला खेल राजस्थान में खेलना चाहती है. लेकिन यहां के विधायक समझदार हैं.
गहलोत ने कहा कि उन्हें लालच देने की कोशिश की गई. लेकिन मुझे गर्व है कि मैं उस राज्य का मुख्यमंत्री हूं जहां विधायक सौदा नहीं करते. उन्होंने कहा कि उन्हें 13 निर्दलीय विधायक और छह बसपा के विधायकों ने कांग्रेस में सम्मिलित होकर बिना किसी शर्त के समर्थन दिया. जिसमें एक पैसे का लालच किसी को नहीं था. ऐसा केवल राजस्थान की धरती पर ही हो सकता है.
गहलोत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि दो महीने पहले जब राज्यसभा चुनाव हो जाने चाहिए थे उस समय चुनाव आयोग को दबाव में लेकर केंद्र सरकार ने चुनाव को स्थगित इसलिए करवाया क्योंकि वह उस समय गुजरात और राजस्थान में सौदेबाजी का खेल नहीं पूरा कर सके थे.
गहलोत ने कहा कि अब जब चुनाव हो रहे हैं तब भी कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है, तो फिर उस समय ही क्यों चुनाव नहीं करवाए गए. गहलोत ने संकेत दिए कि आगे तमाम विधायक एक साथ एक जगह पर ही रुकेंगे. उन्होंने कहा कि विधायक लंबे समय से कोरोना संक्रमण से जनता को बचाने में जुटे हुए थे. अब सब चाहते हैं कि वह एक साथ रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधवार को मीटिंग में सभी लोगों ने सकारात्मक विचार रखे हैं. उन्होंने बताया कि राज्यसभा चुनाव में कैंडिडेट केसी वेणुगोपाल और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे गुरुवार को जयपुर आएंगे, जिसके बाद शाम 5:00 बजे फिर से सभी विधायक यहां इकट्ठे होंगे. इसके अलावा सीएम गहलोत ने कहा कि मुख्य सचेतक महेश जोशी ने, जो एसीबी में शिकायत दी है उससे उम्मीद है की कार्रवाई होगी और ऐसे लोग पकड़ में आएंगे.
वहीं, अब ये कहा जा रहा है कि राजस्थान में अस्थाई बाड़ेबंदी कांग्रेस पार्टी ने शुरू कर दी है. जिसके तहत बुधवार और गुरुवार को विधायकों को छूट दी गई है कि वह अपना सामान लेकर आ जाए. जिसके बाद शुक्रवार से संभव है कि सभी विधायक शिव विलास रिसोर्ट में रुकेंगे.