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आंध्र प्रदेश में राजधानी पर रार :  पुलिस और प्रदर्शनकारी में झड़प, PM के दखल की मांग

आंध्र प्रदेश सरकार के तीन राजधानियों के प्रस्ताव पर विपक्ष ने अमरावती से राजधानी स्थानांतरित करने का विरोध किया. स्थानीय महिलाओं को पुलिस ने मंदिर जाने से रोक दिया. इसके बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. वहीं किसानों ने मोदी से दखल की भी मांग की. जानें विस्तार से...

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Published : Jan 10, 2020, 11:40 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 12:12 AM IST

clashes break out as cops prevent women's march to shrine in andhra
आंध्र प्रदेश में झड़प

अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार के तीन राजधानियों के प्रस्ताव पर शुक्रवार को हिंसक रुप ले लिया. दरअसल स्थानीय महिलाओं को पुलिस ने मंदिर जाने से रोक दिया. इसके बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.

ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प

दरअसल आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती को स्थानांतरित करने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है. वहीं किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया है. भाजपा समेत विपक्षी दलों ने गुरुवार को मछलीपट्टनम में प्रदर्शन कर वाईएसआर कांग्रेस सरकार से अनुरोध किया कि वह अपनी इस योजना को छोड़ दे.

किसान और आम लोगों ने मन की बात की फोन लाइन पर डायल कर अपना संदेश रिकॉर्ड करवाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह राज्य की राजधानी को अमरावती से विशाखापट्टनम स्थानांतरित करने से रोकें.

उन्होंने याद किया कि मोदी ने अमरावती को बनाने के लिये आधारशिला रखी थी और केंद्र अब तक इस उद्देश्य के लिये 2,500 करोड़ रुपये का अनुदान दे चुकी है. जिन किसानों ने अमरावती को प्रदेश की राजधानी के तौर पर विकसित करने के लिए अपनी जमीन दी थी वो पिछले 20 दिनों से विरोध पर हैं. ये किसान राजधानी को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का विरोध कर रहे हैं.

तटीय शहर मछलीपट्टनम में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया मांग की कि सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस प्रदेश की राजधानी को स्थानांतरित करने के कदम को वापस ले ले.

भाकपा के प्रदेश सचिव के रामकृष्णा और अन्य नेता अमरावती परिरक्षण समिति के झंडे तले तेलगुदेशम पार्टी अध्यक्ष के साथ थे.

नायडू ने भाजपा व जन सेना के नेताओं के साथ दुकानदारों और वहां से गुजरने वालों से उनके आंदोलन में मदद का अनुरोध किया. इन लोगों की मांग है कि आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती ही रहे.

इसे भी पढे़ं- अमरावती में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प

बड़ी संख्या में महिलाओं और छात्रों ने समिति नेताओं की रैली में हिस्सा लिया और अमरावती के समर्थन में नारे लगाए. इनकी मुख्य मांग है कि वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार राजधानी अमरावती से स्थानांतरित करने की अपनी योजना को रद्द करे.

राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष नायडु ने कहा कि जब तक सरकार अपने रुख को छोड़ नहीं देती तब तक वह संघर्ष जारी रखेंगे.

इस बीच प्रदेश सरकार में मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रियों और नौकरशाहों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की दूसरी बैठक यहां शुक्रवार को होगी, जिसमें विषेशज्ञ समिति और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा की गई सिफारिश पर चर्चा की जाएगी.

बता दें कि समिति की पहली बैठक दो दिन पहले हुई थी और इसमें विकास और प्रशासन के विकेंद्रीकरण का पक्ष लिया गया था.

अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार के तीन राजधानियों के प्रस्ताव पर शुक्रवार को हिंसक रुप ले लिया. दरअसल स्थानीय महिलाओं को पुलिस ने मंदिर जाने से रोक दिया. इसके बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.

ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प

दरअसल आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती को स्थानांतरित करने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है. वहीं किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया है. भाजपा समेत विपक्षी दलों ने गुरुवार को मछलीपट्टनम में प्रदर्शन कर वाईएसआर कांग्रेस सरकार से अनुरोध किया कि वह अपनी इस योजना को छोड़ दे.

किसान और आम लोगों ने मन की बात की फोन लाइन पर डायल कर अपना संदेश रिकॉर्ड करवाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह राज्य की राजधानी को अमरावती से विशाखापट्टनम स्थानांतरित करने से रोकें.

उन्होंने याद किया कि मोदी ने अमरावती को बनाने के लिये आधारशिला रखी थी और केंद्र अब तक इस उद्देश्य के लिये 2,500 करोड़ रुपये का अनुदान दे चुकी है. जिन किसानों ने अमरावती को प्रदेश की राजधानी के तौर पर विकसित करने के लिए अपनी जमीन दी थी वो पिछले 20 दिनों से विरोध पर हैं. ये किसान राजधानी को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का विरोध कर रहे हैं.

तटीय शहर मछलीपट्टनम में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया मांग की कि सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस प्रदेश की राजधानी को स्थानांतरित करने के कदम को वापस ले ले.

भाकपा के प्रदेश सचिव के रामकृष्णा और अन्य नेता अमरावती परिरक्षण समिति के झंडे तले तेलगुदेशम पार्टी अध्यक्ष के साथ थे.

नायडू ने भाजपा व जन सेना के नेताओं के साथ दुकानदारों और वहां से गुजरने वालों से उनके आंदोलन में मदद का अनुरोध किया. इन लोगों की मांग है कि आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती ही रहे.

इसे भी पढे़ं- अमरावती में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प

बड़ी संख्या में महिलाओं और छात्रों ने समिति नेताओं की रैली में हिस्सा लिया और अमरावती के समर्थन में नारे लगाए. इनकी मुख्य मांग है कि वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार राजधानी अमरावती से स्थानांतरित करने की अपनी योजना को रद्द करे.

राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष नायडु ने कहा कि जब तक सरकार अपने रुख को छोड़ नहीं देती तब तक वह संघर्ष जारी रखेंगे.

इस बीच प्रदेश सरकार में मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रियों और नौकरशाहों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की दूसरी बैठक यहां शुक्रवार को होगी, जिसमें विषेशज्ञ समिति और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा की गई सिफारिश पर चर्चा की जाएगी.

बता दें कि समिति की पहली बैठक दो दिन पहले हुई थी और इसमें विकास और प्रशासन के विकेंद्रीकरण का पक्ष लिया गया था.

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Last Updated : Jan 11, 2020, 12:12 AM IST
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