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किसानों की आय दोगुनी करने के दावे खोखले : चौधरी पुष्पेंद्र सिंह

केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट को लेकर किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा है कि मौजूदा कृषि विकास दर को देखते हुए सरकार के दावे खोखले लगते हैं और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर पाना इस बजट के साथ तो संभव नहीं प्रतीत होता.

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किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह
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Published : Feb 3, 2020, 9:05 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 1:36 AM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा बीते शनिवार को पेश बजट को लेकर किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा है कि यह बजट पूरी तरह से खोखला है. इस बजट से सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने दावा तो संभव नहीं हो सकेगा.

किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा वर्ष 2016 में किया था और 2022 तक इसको पूरा किया जाना है, जो संभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा कृषि विकास दर को देखते हुए ये दावे खोखले लगते हैं और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर पाना इस बजट के साथ तो संभव नहीं हो सकेगा.

ईटीवी भारत से बात करते किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह.

किसान नेता पुष्पेंद्र ने कहा कि पिछली बार जहां कुल बजट का 12% कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को दिया गया था वहीं इस बार 11% ही दिया गया है.

इतना ही नहीं, किसानों की आय दोगुनी करने के दावे पर भी चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा कि आज देश में जो कृषि विकास दर है, वह 3% के आसपास है.

वहीं, दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने इन दोनों विभागों के लिए केवल 4114 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जबकि इसका बजट कम से कम 40 हजार करोड़ रुपये होना चाहिए था.

पढ़ें - सर्वेक्षण : 43 प्रतिशत लोगों का मत, बजट के बाद महंगाई नहीं होगी कम

चौधरी पुष्पेंद्र ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 16 सूत्रीय फार्मूले पर कहा कि वास्तव में सरकार ने पिछली बार की तुलना में इस बार बजट को घटाया है. ऐसे में कोई बड़ी क्रांति नहीं होने वाली है.

इसके अलावा कृषि क्षेत्र में ऋण सुविधा को बढ़ाकर 15 लाख करोड़ करने के फैसले का किसान नेता ने स्वागत तो किया, लेकिन ध्यान में रखना चाहिए कि यह किसानों को दिया गया कर्ज होगा जो कि उन्हें ब्याज समेत वापस भी करना होगा. यह कोई बजटीय आवंटन नहीं है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा बीते शनिवार को पेश बजट को लेकर किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा है कि यह बजट पूरी तरह से खोखला है. इस बजट से सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने दावा तो संभव नहीं हो सकेगा.

किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा वर्ष 2016 में किया था और 2022 तक इसको पूरा किया जाना है, जो संभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा कृषि विकास दर को देखते हुए ये दावे खोखले लगते हैं और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर पाना इस बजट के साथ तो संभव नहीं हो सकेगा.

ईटीवी भारत से बात करते किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह.

किसान नेता पुष्पेंद्र ने कहा कि पिछली बार जहां कुल बजट का 12% कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को दिया गया था वहीं इस बार 11% ही दिया गया है.

इतना ही नहीं, किसानों की आय दोगुनी करने के दावे पर भी चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा कि आज देश में जो कृषि विकास दर है, वह 3% के आसपास है.

वहीं, दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने इन दोनों विभागों के लिए केवल 4114 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जबकि इसका बजट कम से कम 40 हजार करोड़ रुपये होना चाहिए था.

पढ़ें - सर्वेक्षण : 43 प्रतिशत लोगों का मत, बजट के बाद महंगाई नहीं होगी कम

चौधरी पुष्पेंद्र ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 16 सूत्रीय फार्मूले पर कहा कि वास्तव में सरकार ने पिछली बार की तुलना में इस बार बजट को घटाया है. ऐसे में कोई बड़ी क्रांति नहीं होने वाली है.

इसके अलावा कृषि क्षेत्र में ऋण सुविधा को बढ़ाकर 15 लाख करोड़ करने के फैसले का किसान नेता ने स्वागत तो किया, लेकिन ध्यान में रखना चाहिए कि यह किसानों को दिया गया कर्ज होगा जो कि उन्हें ब्याज समेत वापस भी करना होगा. यह कोई बजटीय आवंटन नहीं है.

Intro:बजट से पहले जहां किसान नेता और विशेषज्ञ अपनी उम्मीदें और अपनी राय सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे वही बजट के आ जाने के बाद इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं और विश्लेषण लगातार सामने आ रहे हैं।
बजट से पहले भी हमने किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष और किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह से बातचीत की थी और अब बजट के बाद भी जब उनके साथ ईटीवी भारत ने इस पर चर्चा की तो चंद मिनटों के भीतर ही चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने आंकड़ों के साथ ऐसा विश्लेषण दिया है कि मानो सरकार के इस बजट की पोल ही खोल दी हो।
जहां एक तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 16 सूत्रीय फार्मूला के तहत ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बात कही वहीं चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि वास्तव में सरकार ने पिछले बजट की तुलना में इस बार बजट को घटाया है। पिछली बार जहां कुल बजट का 12% कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को दिया गया था वहीं इस बार महज 11% दिया गया है इतना ही नहीं किसानों की आय दोगुनी करने के दावे पर भी चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि आज देश में जो कृषि का विकास दर है वह 3% के आसपास है। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा वर्ष 2016 में किया था और 2022 तक इसको किया जाना है लेकिन मौजूदा कृषि विकास दर को देखते हुए यह दावे खोखले लगते हैं और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर पाना इस बजट के साथ तो संभव नहीं हो सकेगा।


Body: चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने सरकार के कुछ कदमों का स्वागत भी किया जैसे कि सहकारिता क्षेत्र में टैक्स दर को घटाकर 22% किया गया और साथ ही पीएम किसान योजना से लाभार्थी सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दिए जाने की बात भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। इसके साथ-साथ कृषि क्षेत्र में क्रेडिट सुविधा को बढ़ाकर 15 लाख करोड़ किया गया है। किसान नेता ने इसका स्वागत तो किया लेकिन साथ ही उनका कहना था कि कृषि क्षेत्र में क्रेडिट को 1200000 करोड़ से बढ़ाकर 15 लाख करोड़ किया गया है यह स्वागत योग्य कदम है लेकिन यह ध्यान में रखना चाहिए कि किसानों को दिया गया कर्ज होगा जो कि उन्हें ब्याज समेत वापस भी करना होगा यह कोई बजटीय आवंटन नहीं है।
ईटीवी भारत से इस विशेष बातचीत में किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने ऐसे कई आंकड़े बताए हैं जोकि इस बजट का विश्लेषण करते हुए उसकी आलोचना भी करते हैं।


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 1:36 AM IST
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