नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई का आज 32वां दिन है. सीजेआई रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि केस में सुनवाई 18 अक्टूबर तक खत्म होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगले चार हफ्ते में फैसला दे दिया तो चमत्कार होगा.
सीजेआई रंजन गोगोई अधिवक्ताओं से चर्चा करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर और दीपावली को ध्यान में रखते हुए अयोध्या का विवाद 18 अक्टूबर तक खत्म हो जाना चाहिए. उन्होंने अधिवक्ता राजीव धवन से पूछा कि क्या 2 दिन प्रस्तुतियां (submission) समाप्त करने के लिए पर्याप्त हैं. इस पर धवन ने जवाब दिया यह संभवत: कम है.
बता दें कि उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष बुधवार को अपने उस बयान से पीछे हट गया कि अयोध्या के विवादित स्थल के बाहरी हिस्से में स्थित 'राम चबूतरा' ही भगवान राम का जन्मस्थल है. साथ ही उसने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की उस रिपोर्ट पर हमला बोला जिसमें सुझाव दिया गया है कि यह ढांचा बाबरी मस्जिद से पहले स्थित था.
मुस्लिम पक्ष ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है कि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि 2.27 एकड़ का विवादित स्थल भगवान राम का जन्मस्थान था.
उन्होंने यह भी कहा कि उनका यही तात्पर्य है कि मुस्लिम पक्ष ने 18 मई 1886 के जिला न्यायाधीश के फैसले को चुनौती नहीं दी थी.
मुस्लिम पक्ष ने एएसआई की 2003 की उस रिपोर्ट पर हमला बोला जिसमें पाए गए अवशेषों, प्रतिमाओं एवं कलाकृतियों के आधार पर यह सुझाव दिया गया है कि बाबरी मस्जिद से पहले एक ढांचा था. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इसमें पुष्टि योग्य कोई भी निष्कर्ष नहीं है तथा यह अधिकतर आशयों पर अधारित है.
बहरहाल, न्यायालय ने कहा कि यदि एएसआई रिपोर्ट पर कोई आपत्ति थी तो विरोध करने वाले पक्ष को उसे उच्च न्यायालय के समक्ष उठाना चाहिए था क्योंकि कानून के तहत कानूनी समाधान उपलब्ध हैं.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा, 'आपकी जो भी आपत्ति हो, भले ही वह कितनी भी मजबूत हो, उसकी सुनवाई हम नहीं कर सकते.'