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अयोध्या मामला: SC ने मध्यस्थता पैनल से 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी - अयोध्या केस की सुनवाई

अयोध्या जमीन विवाद मामले का आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए बनाए गए मध्यस्थ्ता पैनल को भंग करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पैनल से 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jul 11, 2019, 7:46 AM IST

Updated : Jul 11, 2019, 1:32 PM IST

नई दिल्ली: अयोध्या जमीन विवाद मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया को रोकने के लिए लगी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 25 जुलाई तक मध्यस्थता पैनल से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. बता दें, याचिका में मध्यस्थता प्रक्रिया को रोककर इस मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की गई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में संवैधानिक बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की.

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता की प्रक्रिया को खत्म करने की मांग वाली याचिका को ठुकरा दिया है.

कोर्ट ने पैनल से 18 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है और 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. 18 जुलाई को स्टेटस रिपोर्ट आने के बाद फैसला किया जाएगा कि इस मामले में आगे रोजाना सुनवाई की जाएगी या नहीं.

etvbharat
सुप्रीम कोर्ट नें पैनल से मांगी रिपोर्ट

कोर्ट ने कहा कि हम मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट आने का इंतजार करेंगे. पैनल को अपनी रिपोर्ट देने दें, रिपोर्ट आने के बाद फैसला किया जाएगा.

पैनल 18 जुलाई को अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जरूरी हुआ तो 25 जुलाई से अयोध्या मामले में दैनिक आधार पर सुनवाई होगी.

कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल को 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

वकील विष्णु जैन ने दी जानकारी

अयोध्या भूमि विवाद मामले पर जल्द सुनवाई के लिए SC में याचिका लगाने वाले निर्मोही अखाड़ा दल के वकील के पारासरन ने मामले में जल्द सुनवाई के लिए एक तारीख की मांग करते हुए कहा कि चूंकि मध्यस्थता से कोई सकारात्मक परिणाम आने की संभावना नहीं है, इसलिए अदालत को मामले की सुनवाई के लिए एक तारीख देना चाहिए.

etvbharat ayodhya case
दोनों पक्षों का बयान

मुस्लिम पक्षकारों में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डॉ राजीव धवन ने कहा कि यह मध्यस्थता समिति की आलोचना करने का समय नहीं है.

बता दें इस समिति में समिति की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस फाकिर मोहम्मद इब्राहिम खलीफुल्ला कर रहे हैं. बाकी अन्य सदस्यों में धर्मगुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू हैं.

मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी से बातचीत

मध्यस्थता समिति को बातचीत के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अब्दुल नजीर ने मार्च में मध्यस्थता समिति के सभी पक्षों से बातचीत कर इस मसले का सर्वमान्य हल निकालने के लिए आठ हफ्ते का समय दिया था.

निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा से बातचीत

पढ़ें-सुब्रमण्यम स्वामी का मोदी को पत्र, 'अयोध्या की भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए आवंटित करें'

याचिका में कोर्ट से पैनल को भंग कर मामले की सुनवाई करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि अयोध्या मामले में बनाई गई मध्यस्थता समिति से अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है.

नई दिल्ली: अयोध्या जमीन विवाद मामले में मध्यस्थता प्रक्रिया को रोकने के लिए लगी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 25 जुलाई तक मध्यस्थता पैनल से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. बता दें, याचिका में मध्यस्थता प्रक्रिया को रोककर इस मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की गई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में संवैधानिक बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की.

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता की प्रक्रिया को खत्म करने की मांग वाली याचिका को ठुकरा दिया है.

कोर्ट ने पैनल से 18 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है और 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. 18 जुलाई को स्टेटस रिपोर्ट आने के बाद फैसला किया जाएगा कि इस मामले में आगे रोजाना सुनवाई की जाएगी या नहीं.

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सुप्रीम कोर्ट नें पैनल से मांगी रिपोर्ट

कोर्ट ने कहा कि हम मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट आने का इंतजार करेंगे. पैनल को अपनी रिपोर्ट देने दें, रिपोर्ट आने के बाद फैसला किया जाएगा.

पैनल 18 जुलाई को अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जरूरी हुआ तो 25 जुलाई से अयोध्या मामले में दैनिक आधार पर सुनवाई होगी.

कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल को 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

वकील विष्णु जैन ने दी जानकारी

अयोध्या भूमि विवाद मामले पर जल्द सुनवाई के लिए SC में याचिका लगाने वाले निर्मोही अखाड़ा दल के वकील के पारासरन ने मामले में जल्द सुनवाई के लिए एक तारीख की मांग करते हुए कहा कि चूंकि मध्यस्थता से कोई सकारात्मक परिणाम आने की संभावना नहीं है, इसलिए अदालत को मामले की सुनवाई के लिए एक तारीख देना चाहिए.

etvbharat ayodhya case
दोनों पक्षों का बयान

मुस्लिम पक्षकारों में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डॉ राजीव धवन ने कहा कि यह मध्यस्थता समिति की आलोचना करने का समय नहीं है.

बता दें इस समिति में समिति की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस फाकिर मोहम्मद इब्राहिम खलीफुल्ला कर रहे हैं. बाकी अन्य सदस्यों में धर्मगुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू हैं.

मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी से बातचीत

मध्यस्थता समिति को बातचीत के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अब्दुल नजीर ने मार्च में मध्यस्थता समिति के सभी पक्षों से बातचीत कर इस मसले का सर्वमान्य हल निकालने के लिए आठ हफ्ते का समय दिया था.

निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा से बातचीत

पढ़ें-सुब्रमण्यम स्वामी का मोदी को पत्र, 'अयोध्या की भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए आवंटित करें'

याचिका में कोर्ट से पैनल को भंग कर मामले की सुनवाई करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि अयोध्या मामले में बनाई गई मध्यस्थता समिति से अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है.

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Last Updated : Jul 11, 2019, 1:32 PM IST
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