पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए केी शीट शेयरिंग के बाद एक ट्वीट कर लिखा, 'बिहार में हमारी सरकार बनने के बाद 'सात निश्चय' में भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों को जेल भेजा जाएगा.' चिराग ने लिखा कि अधूरे काम पूरे हो सकें इसलिए लंबित राशि का भी भुगतान किया जाएगा.
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अगली सरकार बनते ही सात निश्चय योजना में हुए भ्रष्टाचार की जाँच कर सभी दोषीयों को जेल भेजा जाएगा व लम्बित राशि का तुरंत भुगतान किया जाएगा ताकि अधूरे पड़े कार्य पुरे हों सके।
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— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 6, 2020
चिराग ने ऐसे समय ट्वीट किया जब राषट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल मीडिया से मुखातिब हुए और सीट बंटवारे का सार्वजनिक किया. इस घोषणा के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.
इस घटनाक्रम के बीच दिलचस्प है कि बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद से ही चिराग हमलावर मोड में हैं. यह भविष्य मेंं उनके लिए मुसीबत बन सकता है.
एलजेपी को एक तरह से स्पष्ट संदेश भी दिया गया. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जेडीयू अध्यक्ष नीतीश के बगल में बैठकर कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए के चार सहयोगियों (भाजपा, जेडीयू, हम और वीआईपी) के अलावा कोई भी अन्य राजनीतिक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
सुशील मोदी सिर्फ यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा यदि आवश्यक हुआ तो हम चुनाव आयोग से संपर्क करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई अन्य राजनीतिक दल बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल न करे. चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा.
यह बयान बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल की उस घोषणा के तुरंत बाद आया था कि जो लोग नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, वह बिहार में एनडीए का हिस्सा नहीं हैं.
जायसवाल के भारी शब्द यह समझने के लिए काफी थे कि उनका यह संदेश स्पष्ट रूप से एलजेपी नेता चिराग पासवान के लिए था, जो नीतीश पर लगातार हमला कर रहे थे.
यहां तक कि नीतीश भी लचर दिख रहे थे, क्योंकि चिराग पासवान उनके विकास के एजेंडे और सात निश्चय जैसे ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर उनपर लगातार हमला कर रहे थे. जिस पर नीतीश बिहार के लोगों से वोट मांग रहे हैं.
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मीडिया से बातचीत के दौरान जब चिराग के बारे में सवाल किया गया, तो नीतीश ने उनका नाम नहीं लिया. मगर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि मैं परेशान नहीं हूं कि मेरे बारे में कोई क्या कह रहा है. मुझे काम करने में विश्वास है और अगर किसी को मुझ पर हमला करने से खुशी मिलती है, तो उन्हें ऐसा करने की अनुमति है. इस तरह की चीजें मुझे परेशान नहीं करती हैं.
नीतीश ने चिराग के पिता रामविलास पासवान पर हमला करने के अवसर का भी इस्तेमाल किया, जिनकी हाल ही में हार्ट सर्जरी हुई है.
जेडीयू अध्यक्ष ने कहा वह (रामविलास पासवान) लंबे समय से राजनीति में हैं और मैं सोच रहा हूं कि कोई कैसे हमें बता रहा है कि हम अपने साथी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि रामविलास जी राज्य सभा के लिए कैसे चुने गए और उनके पास कितने विधायक हैं. इसलिए यह सभी चीजें मेरे लिए शायद ही मायने रखती हैं, क्योंकि मैं ईमानदारी के साथ काम करने में विश्वास करता हूं.
भाजपा और नीतीश का एलजेपी के खिलाफ कड़ा रुख चिराग के लिए दोहरा संकट बन गया है, जो 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' एजेंडे के साथ बिहार में अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं.
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दूसरी तरफ भाजपा ने एलजेपी को हटाकर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुकेश साहनी को एनडीए में शामिल कर लिया है, जो 'मल्लाह के बेटे' के नाम से प्रसिद्ध हैं. यह चिराग को संदेश देना है कि पार्टी किसी पर निर्भर नहीं है.
दूसरे शब्दों में कहें तो भगवा पार्टी ने एलजेपी को साफ संदेश दिया है कि बिहार में उसका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है, चाहे एलजेपी एनडीए में हो या न हो.
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यह सब एनडीए के बीच सीट बंटवारे की घोषणा के दिन हुआ. बिहार में जेडीयू 122 और भाजपा 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. यह भी घोषणा की गई है कि भाजपा साहनी की पार्टी वीआईपी और जेडीयू जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' के साथ सीट साझा करेगी.
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'हम' को पहले से ही जेडीयू द्वारा सात सीटों की पेशकश की जा चुकी है. हालांकि, वीआईपी को अभी सीटों की पेशकश नहीं की गई है, क्योंकि वार्ता का अंतिम दौर अब भी जारी है.