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सीमा पर तनाव के बीच बोली चीनी बहू- 'भरोसे का खून बहा, मैं फूट-फूटकर रोई'

मूल रुप से चीनी नागरिक यीन ह की शादी 2016 में असिस्टेंट लेक्चरर अरुण कुमार से हुई. यीन ह भारतीय बहू बनकर खुश हैं. उन्होने कहा कि जिस दिन गलवान घाटी में दोनों देशों के भरोसे का खून बहा, वो फूट-फूटकर रोई.

chinese citizen
चीन की भारतीय बहू यीन ह
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Published : Jul 7, 2020, 2:35 PM IST

नालंदा: भारत-चीन मित्रता की मिसाल यीन ह मूल रूप से चीनी हैं. अभी हिंदी ठीक से बोल नहीं पातीं हैं, लेकिन समझती जरूर हैं. यीन ह भारतीय बहू बनकर खुश हैं. साथ ही तीन साल के बेटे की मां भी हैं. इसीलिए बेटे का नाम मैत्रेय रखा. हाल ही में भारत चीन सीमा पर हुए तनाव को याद करते हुए उनकी आंखे नम हो जाती है. वो कहती हैं कि जिस दिन गलवान घाटी में दोनों देशों के भरोसे का खून बहा, मैं फूट-फूटकर रोई. ऐसा लगा जैसे मेरे माता-पिता और सास-ससुर झगड़ रहे हों. यह मेरे लिए एक सदमे की तरह है.

इंसानियत और शांति दोनों देशों का मूलमंत्र
यीन बताती हैं कि वो भगवान बुद्ध को मानती हैं. उन्होंने कहा कि भारत से ही शांति और अहिंसा का संदेश चीन गया. सांस्कृतिक और वैचारिक तौर पर चीन भारत के सबसे करीब है. एशिया की ये दोनों ताकतें एक हो जाएं तो विश्व का परिदृश्य बदल जाएगा. यीन ने बताया कि वो चीन में पैदा हुई और शादी भारतीय से हुई. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सामरिक कारणों से भले ही विवाद है. इंसानियत और शांति दोनों देशों का मूलमंत्र है.

यीन ह का बयान

खूब मिल रहा सम्मान
यीन ने बताया कि उन्हें यहां खूब सम्मान मिल रहा है. चीन के लोग भी भारतीयों की इज्जत करते हैं. उन्होंने बताया कि भारत की खूबी है कि यहां लोग संयुक्त परिवार में रहना पसंद करते है. यीन ह के पति अरुण कुमार यादव डीम्ड यूनिवर्सिटी नव नालंदा महाविहार में पॉली भाषा के असिस्टेंट लेक्चरर हैं. अरुण कुमार ने बताया कि 2011-12 में उन्हें इंडो-चाइनीज स्कॉलरशिप मिला. तब वो चीन के विवि में मंदारिन भाषा की पढ़ाई करने गए. वहीं बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रही यीन से उनकी मुलाकात हुई और दोस्ती प्यार में बदल गई.

शादी की खातिर छोड़ी नौकरी
लेक्चरर अरुण कुमार ने बताया कि कुछ दिन बाद उन्होंने शादी का फैसला कर लिया. बीजिंग में रह रहे यीन के पिता इतनी बड़ी दूरी को लेकर चिंतित थे. लेकिन समझाने पर वो सहमत हो गए. 2016 में दोनों परिणय सूत्र में बंध गए. शादी के खातिर यीन ने 6 हजार युआन यानी 60 हजार रुपए की नौकरी छोड़ दी. अभी यीन नव नालंदा महाविहार से पॉली भाषा में डॉक्टरेट कर रही हैं. अरुण मूलत: यूपी के वाराणसी के रहने वाले हैं.

पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करेंगी यीन
अरुण और यीन ने बताया कि प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग नालंदा विवि से 637 पुस्तकों के रूप में बौद्ध लिटरेचर चीन ले गए. यह गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. यीन ने कहा कि डॉक्टरेट पूरी करने के बाद वो पति के साथ उन सभी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करेंगी.

नालंदा: भारत-चीन मित्रता की मिसाल यीन ह मूल रूप से चीनी हैं. अभी हिंदी ठीक से बोल नहीं पातीं हैं, लेकिन समझती जरूर हैं. यीन ह भारतीय बहू बनकर खुश हैं. साथ ही तीन साल के बेटे की मां भी हैं. इसीलिए बेटे का नाम मैत्रेय रखा. हाल ही में भारत चीन सीमा पर हुए तनाव को याद करते हुए उनकी आंखे नम हो जाती है. वो कहती हैं कि जिस दिन गलवान घाटी में दोनों देशों के भरोसे का खून बहा, मैं फूट-फूटकर रोई. ऐसा लगा जैसे मेरे माता-पिता और सास-ससुर झगड़ रहे हों. यह मेरे लिए एक सदमे की तरह है.

इंसानियत और शांति दोनों देशों का मूलमंत्र
यीन बताती हैं कि वो भगवान बुद्ध को मानती हैं. उन्होंने कहा कि भारत से ही शांति और अहिंसा का संदेश चीन गया. सांस्कृतिक और वैचारिक तौर पर चीन भारत के सबसे करीब है. एशिया की ये दोनों ताकतें एक हो जाएं तो विश्व का परिदृश्य बदल जाएगा. यीन ने बताया कि वो चीन में पैदा हुई और शादी भारतीय से हुई. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सामरिक कारणों से भले ही विवाद है. इंसानियत और शांति दोनों देशों का मूलमंत्र है.

यीन ह का बयान

खूब मिल रहा सम्मान
यीन ने बताया कि उन्हें यहां खूब सम्मान मिल रहा है. चीन के लोग भी भारतीयों की इज्जत करते हैं. उन्होंने बताया कि भारत की खूबी है कि यहां लोग संयुक्त परिवार में रहना पसंद करते है. यीन ह के पति अरुण कुमार यादव डीम्ड यूनिवर्सिटी नव नालंदा महाविहार में पॉली भाषा के असिस्टेंट लेक्चरर हैं. अरुण कुमार ने बताया कि 2011-12 में उन्हें इंडो-चाइनीज स्कॉलरशिप मिला. तब वो चीन के विवि में मंदारिन भाषा की पढ़ाई करने गए. वहीं बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रही यीन से उनकी मुलाकात हुई और दोस्ती प्यार में बदल गई.

शादी की खातिर छोड़ी नौकरी
लेक्चरर अरुण कुमार ने बताया कि कुछ दिन बाद उन्होंने शादी का फैसला कर लिया. बीजिंग में रह रहे यीन के पिता इतनी बड़ी दूरी को लेकर चिंतित थे. लेकिन समझाने पर वो सहमत हो गए. 2016 में दोनों परिणय सूत्र में बंध गए. शादी के खातिर यीन ने 6 हजार युआन यानी 60 हजार रुपए की नौकरी छोड़ दी. अभी यीन नव नालंदा महाविहार से पॉली भाषा में डॉक्टरेट कर रही हैं. अरुण मूलत: यूपी के वाराणसी के रहने वाले हैं.

पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करेंगी यीन
अरुण और यीन ने बताया कि प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग नालंदा विवि से 637 पुस्तकों के रूप में बौद्ध लिटरेचर चीन ले गए. यह गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. यीन ने कहा कि डॉक्टरेट पूरी करने के बाद वो पति के साथ उन सभी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करेंगी.

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