नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छात्रों को दी गई 'आइंस्टीन चुनौती' पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कटाक्ष किया. उन्होंने मोदी से सवाल किया कि देश के विश्वविद्यालयों को विचारों एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कब मिलेगी.
बता दें, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम ने अपने परिवार के लोगों को उनकी तरफ से ट्वीट करने के लिए कहा है.'
चिदंबरम ने कहा, 'मैं खुश हूं कि प्रधानमंत्री ने छात्रों को आइंस्टीन चुनौती दी है.' अल्बर्ट आइंस्टीन की मशहूर उक्ति थी, 'पुस्तकों या प्रेस में विचारों की स्वतंत्रता किसी भी व्यक्ति के लिए बेहतर एवं नैसर्गिक विकास के आधार हैं.'
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर पूछा, 'हमारे विश्वविद्यालय वास्तव में कब विचारों एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का केंद्र बनेंगे.' बता दें, प्रधानमंत्री ने एक अखबार में लिखे एक आलेख में आइंस्टीन चुनौती की पेशकश की थी.'
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उन्होंने लिखा था, 'गांधी को श्रद्धांजलि के तौर पर मैं आइंस्टीन चुनौती का प्रस्ताव देता हूं.' हम गांधी पर अल्बर्ट आइंस्टीन के मशहूर शब्दों को जानते हैं : 'आने वाली पीढ़ियों को शायद ही विश्वास होगा कि हाड़ मांस का बना ऐसा व्यक्ति कभी इस धरती पर आया था.'
मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर इसे उद्धृत करते हुए ट्वीट किया था, 'महात्मा गांधी का व्यक्तित्व' उनके विचारों की शक्ति' उनका वैश्विक प्रभाव' और आपके लिए विशिष्ट आइंस्टीन चुनौती.'