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राहत फंड अपर्याप्त, सरकार घोषित करे 10 लाख करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज : चिदंबरम - कोरोना राहत फंड से चिदंबरम निराश

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को अपर्याप्त करार दिया है. उनका मानना है कि राजकोषीय राहत पैकेज में कई वर्गों को कुछ नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और 10 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.

chidambaram
पी चिदंबरम की प्रतिक्रिया
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Published : May 18, 2020, 12:40 PM IST

Updated : May 18, 2020, 6:17 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज पूरी तरह अपर्याप्त है.

चिदंबरम ने सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर निराशा जताते हुए कहा कि उसे इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और 10 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.

वीडियो कॉन्फ्रेंस करते पी. चिदंबरम.

कांग्रेस नेता ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि सरकार की ओर से घोषित पैकेज में सिर्फ 1,86,650 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि है, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की सिर्फ 0.91 फीसदी है.

पढ़ें : कांग्रेस का आरोप- राहत पैकेज के नाम पर सरकार ने लोगों को किया गुमराह

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने वित्त मंत्री की ओर से घोषित पैकेज का पूरे ध्यान से विश्लेषण किया. हमने अर्थशास्त्रियों से बात की. हमारा यह मानना है कि इसमें सिर्फ 1,86,650 करोड़ रुपये का राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज है.'

पूर्व वित्त मंत्री के मुताबिक आर्थिक बजट की शेष राशि कई बजट का हिस्सा है और कई घोषणाएं कर्ज देने की व्यवस्था का हिस्सा हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लोगों के खातों में 33,000 करोड़ रुपये भेजना, मुफ्त अनाज देने के लिए 60,000 करोड़ रुपये खर्च करना और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के लिए 15,000 करोड़ रुपये खर्च करना, ये ऐसे कदम हैं, जिन्हें सरकार के राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की श्रेणी में रखा जा सकता है.

पढ़ें : आर्थिक पैकेज : यहां जानिए 20 लाख करोड़ रुपये का पूरा लेखा-जोखा

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के आर्थिक पैकेज से 13 करोड़ कमजोर परिवार, किसान, मजदूर और बेरोजगार हो चुके लोग असहाय छूट गए हैं.

चिदंबरम ने सरकार से आग्रह किया, 'सरकार आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करे, समग्र राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करे, जो जीडीपी का 10 फीसदी हो, यह 10 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज होना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि अधिक उधार लें, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए अधिक खर्च करें. उन्होंने आरोप लगाया कि सुधारों को आगे बढ़ाते हुए सरकार अवसरवादी हो रही है, वह संसद में चर्चा को दरकिनार कर रही है. इसका विरोध किया जाएगा.

नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज पूरी तरह अपर्याप्त है.

चिदंबरम ने सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर निराशा जताते हुए कहा कि उसे इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और 10 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.

वीडियो कॉन्फ्रेंस करते पी. चिदंबरम.

कांग्रेस नेता ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि सरकार की ओर से घोषित पैकेज में सिर्फ 1,86,650 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि है, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की सिर्फ 0.91 फीसदी है.

पढ़ें : कांग्रेस का आरोप- राहत पैकेज के नाम पर सरकार ने लोगों को किया गुमराह

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने वित्त मंत्री की ओर से घोषित पैकेज का पूरे ध्यान से विश्लेषण किया. हमने अर्थशास्त्रियों से बात की. हमारा यह मानना है कि इसमें सिर्फ 1,86,650 करोड़ रुपये का राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज है.'

पूर्व वित्त मंत्री के मुताबिक आर्थिक बजट की शेष राशि कई बजट का हिस्सा है और कई घोषणाएं कर्ज देने की व्यवस्था का हिस्सा हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लोगों के खातों में 33,000 करोड़ रुपये भेजना, मुफ्त अनाज देने के लिए 60,000 करोड़ रुपये खर्च करना और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के लिए 15,000 करोड़ रुपये खर्च करना, ये ऐसे कदम हैं, जिन्हें सरकार के राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की श्रेणी में रखा जा सकता है.

पढ़ें : आर्थिक पैकेज : यहां जानिए 20 लाख करोड़ रुपये का पूरा लेखा-जोखा

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के आर्थिक पैकेज से 13 करोड़ कमजोर परिवार, किसान, मजदूर और बेरोजगार हो चुके लोग असहाय छूट गए हैं.

चिदंबरम ने सरकार से आग्रह किया, 'सरकार आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करे, समग्र राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करे, जो जीडीपी का 10 फीसदी हो, यह 10 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज होना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि अधिक उधार लें, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए अधिक खर्च करें. उन्होंने आरोप लगाया कि सुधारों को आगे बढ़ाते हुए सरकार अवसरवादी हो रही है, वह संसद में चर्चा को दरकिनार कर रही है. इसका विरोध किया जाएगा.

Last Updated : May 18, 2020, 6:17 PM IST
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