नई दिल्ली : कांग्रेस ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को चकित और हतप्रभ करने वाला करार देते हुए कहा कि गलवान घाटी पर चीन के दावे को लेकर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने यह सवाल भी किया कि अगर प्रधानमंत्री ने लद्दाख की सही स्थिति के बारे में बताया है तो फिर 20 जवानों का सर्वोच्च बलिदान क्यों हुआ और पिछले कुछ हफ्तों में चीन के साथ सैन्य स्तर पर किस विषय को लेकर बातचीत हो रही थी?
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख में भारतीय सीमा में कोई बाहरी नहीं आया. यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का बयान सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के पहले के बयानों के विपरीत है. उनका बयान हमें चकित और हतप्रभ कर गया.'
पूर्व गृह मंत्री ने सवाल किया, 'अगर किसी चीनी सैनिक ने एलएसी पार नहीं की और भारतीय सीमा में नहीं घुसा तो पांच-छह मई को दोनों सेनाओं का आमने-सामने आना क्या था? पांच मई से छह जून के बीच स्थानीय भारतीय कमांडर अपने चीन समकक्षों के साथ किन मुद्दों पर बात कर रहे थे? छह जून को देनों देशों के कोर कमांडर स्तर की बातचीत के दौरान किस विषय पर बात हुई?'
चिदंबरम ने यह भी पूछा, 'अगर कोई चीनी सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ तो 15-16 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प कहां हुई? 20 भारतीय सैनिक कहां शहीद हुए? अगर चीनी सैनिक भारतीय सीमा में नहीं घुसे थे तो फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान में पूर्व यथास्थिति की बहाली की बात क्यों हुई?'
चिदंबरम ने सरकार से यह प्रश्न भी किया, ' कुछ दिनों पहले जब प्रधानमंत्री ने कहा था कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा तो उस वक्त उनके दिमाग में क्या था? हमारे सैनिकों ने क्यों और कहां बलिदान दिया? सरकार की ओर से यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी?'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के बयान के बाद चीन ने एक बार फिर गलवान घाटी पर दावा किया है. हम मांग करते हैं कि सरकार इस पर आज ही स्पष्टीकरण दे.'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'गलवान घाटी हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और चीन ने इससे पहले पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा नहीं किया था. अब उसने दावा किया है. प्रधानमंत्री के बयान से सवाल उठता है कि क्या भारत की संप्रभुता को कमजोर किया जा रहा है? उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और सरकार इस पर स्पष्टीकरण देंगे.'
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस भारत की सुरक्षा और अखंडता के लिए उठाए गए सरकार के कदमों के साथ है तथा देश की सेना एवं जवानों के साथ मुस्तैदी से खड़ी है, लेकिन अपने सैनिकों, देशहित और राष्ट्रीय सुरक्षा की खातिर प्रमुख विपक्षी दल के बतौर सरकार से सवाल करेगी.
गौरतलब है कि मोदी ने भारत-चीन तनाव पर शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है.
प्रधानमंत्री ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़पों को लेकर बुलाई गई इस बैठक के अंत में कहा कि चीन ने जो किया है उससे पूरा देश आहत और आक्रोशित है.