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थाईलैंड में उत्तराखंड के शेफ वासु को सुषमा स्वराज ने किया था सम्मानित - उत्तराखंड न्यूज

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का वैसे तो हर राज्य, हर व्यक्ति और हर नेता से गहरा नाता था, लेकिन उत्तराखंड में साल 2000 में राज्यसभा की सांसद रहीं सुषमा स्वराज ने कुछ ऐसे रिश्ते बनाए थे. जिन्हें लोग आज भी याद करते है. पढ़ें पूरी खबर.......

सुषमा स्वराज्य के साथ शेफ वासु (फाइल फोटो)
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Published : Aug 8, 2019, 3:09 PM IST

टिहरी: उत्तराखंड के हर बाशिंदे की आंखें आज नम है, क्योंकि उन्होंने अपने देश की प्रिय नेत्री सुषमा स्वराज को खो दिया है. थाइलैंड में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हाथों सम्मानित हुए टिहरी के शेफ वासुदेव भी उनके निधन पर काफी दु:खी है. उन्होंने दिवंगत सुषमा स्वराज को श्रद्धाजलि दी है.

उत्तराखंड के शेफ वासु को सुषमा स्वराज ने किया था सम्मानित

बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थी. इस दौरान वो थाईलैंड के दौरे पर गई थी. थाईलैंड में जहां वो रुकी थी वहां उनके खाने पीने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के शेफ वासुदेव को दी गई थी. उत्तराखंड के इस शेफ ने अपने हाथों के स्वादिष्ट भोजन से सुषमा स्वराज का दिल जीत लिया था.

पढ़ें-आजाद का डोभाल पर निशाना, बोले- पैसे दे कर आप किसी को भी साथ ला सकते हैं

खाने के जायके से खुश होकर सुषमा स्वराज ने शेफ वासु को बुलाया था और देखते ही उनसे देव से पूछा की आप गढ़वाली हो? उन्होंने हां में जवाब देते हुए सुषमा स्वराज का शुक्रिया किया था. इसके बाद विदेश मंत्री ने वासु के खाने की तारीफ करते हुए उन्हें सम्मानित किया था.

पढ़ें-सुषमा स्वराज भारत और विश्वभर में महिलाओं की 'चैंपियन' थीं : इवांका ट्रंप

वासु को जैसे ही सुषमा स्वराज की निधन की खबर मिली हो उन्होंने व्हाट्सएप जरिए अपनी शोक संवेदना प्रकट की. वासु देव सेमल्टी टिहरी गढ़वाल के सीमान्त क्षेत्र घुत्तू भिलंगना के छितग्वाल गांव के है, जो बीते तीन साल से थाईलैंड के होटल में सेफ है.

टिहरी: उत्तराखंड के हर बाशिंदे की आंखें आज नम है, क्योंकि उन्होंने अपने देश की प्रिय नेत्री सुषमा स्वराज को खो दिया है. थाइलैंड में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हाथों सम्मानित हुए टिहरी के शेफ वासुदेव भी उनके निधन पर काफी दु:खी है. उन्होंने दिवंगत सुषमा स्वराज को श्रद्धाजलि दी है.

उत्तराखंड के शेफ वासु को सुषमा स्वराज ने किया था सम्मानित

बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थी. इस दौरान वो थाईलैंड के दौरे पर गई थी. थाईलैंड में जहां वो रुकी थी वहां उनके खाने पीने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के शेफ वासुदेव को दी गई थी. उत्तराखंड के इस शेफ ने अपने हाथों के स्वादिष्ट भोजन से सुषमा स्वराज का दिल जीत लिया था.

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खाने के जायके से खुश होकर सुषमा स्वराज ने शेफ वासु को बुलाया था और देखते ही उनसे देव से पूछा की आप गढ़वाली हो? उन्होंने हां में जवाब देते हुए सुषमा स्वराज का शुक्रिया किया था. इसके बाद विदेश मंत्री ने वासु के खाने की तारीफ करते हुए उन्हें सम्मानित किया था.

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वासु को जैसे ही सुषमा स्वराज की निधन की खबर मिली हो उन्होंने व्हाट्सएप जरिए अपनी शोक संवेदना प्रकट की. वासु देव सेमल्टी टिहरी गढ़वाल के सीमान्त क्षेत्र घुत्तू भिलंगना के छितग्वाल गांव के है, जो बीते तीन साल से थाईलैंड के होटल में सेफ है.

Intro:एसकुलुसिव

थाईलैंड में सुषमा स्वराज के हाथों से विदेश सम्मनित होने वाले टिहरी के सेफ बासु ने किया मोत पर दुख प्रकटBody:विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जब थाईलैंड के दौरे पर थी। उस दौरान विदेश मंत्री के खाने पीने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के शैफ को दी गई थी। इस दौरान उत्तराखंड के इस शेफ ने अपनी हाथों के स्वादिष्ट भोजन से सुषमा स्वराज जी का दिल जीत लिया।

खाने के जायके से खुश होकर विदेश मंत्री ने शैफ को बुलाया और देखते ही कहा कि आप गढ़वाली चीफ हो? इसमें वासु के चेहरे पर मुस्कान आ गई और उन्होंने हां में जवाब देते हुए मंत्री जी का शुक्रिया किया, उसके बाद विदेश मंत्री ने वासु को सम्मानित कर उनकी इस कला की तारीफ की।


Conclusion:वासुदेव सेमल्टी टिहरी गढ़वाल के सीमान्त क्षेत्र घुत्तू भिलंगना के छितग्वाल गांव में जन्मे पिता स्वर्गीय श्री पण्डित बच्ची राम सेमल्टी व माता कमला सेमल्टी के तीसरे पुत्र हैं जो कि बचपन से ही बडे़ मेहनती थे। पढ़ाई लिखाई में भी हमेशा आगे रहते थे, गांव में रहते हुये बसुदेव पिता के साथ पढ़ाई के साथ-साथ ब्राह्मन विर्ती का काम भी करते थे, लेकिन जीवन में और कुछ करने का मन रहता था। साथ ही खाना बनाने में भी रूचि रखते थे। दिल्ली में पढ़ाई के साथ होटल मैनेजमेंट किया और कई साल लगन से काम किया फिर पिता के देहान्त के बाद कुछ वक्त अपने घर में ही रहे, लेकिन 3 साल पहले फिर से विदेश जाने की इच्छा हुई और थाईलैंड चले गये।

थाईलैंड बैकॉक में आता है जहाँ पर सुषमा जी ने बाशु को सम्मनित किया

बाशु ने जैसे ही सुषमा स्वराज की मौत के बारे में सुना तो दुख प्रकट करते हुये व्हाट्सएप के द्वारा अपनी शोक सम वेदना प्रकट की,
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