कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ मामले में चौबेपुर के एसओ विनय तिवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. कानपुर रेंज के आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसटीएफ की एक टीम विनय से मुठभेड़ के संबंध में पूछताछ भी कर रही है.
कानपुर के चौबेपुर पुलिस थाना के प्रभारी रहे विनय तिवारी को विकास दुबे के घर पर दबिश में शिथिलता बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है. एसटीएफ ने विनय तिवारी को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि विनय तिवारी ने फोन पर विकास दुबे से बात की थी.
पुलिस पर हमले के मामले में संदिग्ध भूमिका मिलने पर विनय तिवारी के खिलाफ केस भी दर्ज होगा. चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित किए जाने के बाद वहां के थानाध्यक्ष का प्रभार पुष्पराज सिंह को दिया गया है.
पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल का कहना है कि यदि किसी की भी इस मामले में संलिप्तता पाई गई तो उसकी बर्खास्तगी भी होगी और गिरफ्तारी भी की जाएगी.
विकास दुबे का मकान गिराए जाने पर आईजी ने कहा कि ग्रामीणों का कहना है कि विकास दुबे ने अनाधिकृत रूप से जमीन को कब्जा करके अवैध रूप से मकान बना रखा था. ग्रामीणों में जिसको लेकर काफी आक्रोश था. जिसको लेकर संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा कार्रवाई की जा रही है.
सूत्र बताते हैं कि पुलिस टीम के विकास दुबे के घर पर दबिश की तैयारी को लेकर चौबेपुर थानाध्यक्ष रहे विनय तिवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.
बुधवार को राहुल तिवारी की शिकायत पर थानाध्यक्ष विनय तिवारी अपराधी विकास दुबे के गांव बिकारू गए थे और बताया जा रहा है कि विनय तिवारी की मौजूदगी में ही विकास दुबे ने राहुल तिवारी को पीटा था. विनय तिवारी ने जब बीच-बचाव का प्रयास किया तो उनका मोबाइल छीनकर विकास दुबे ने उनके साथ अभद्रता की. एसओ ने उससे पूछताछ की. जिसके चलते दोनों के बीच झड़प हुई.
विकास और एसओ के बीच हाथापाई भी हो गई थी जिसके बाद पुलिस लौट आई. इसके बाद गुरुवार को पुलिस ने राहुल तिवारी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली और उसके बाद विकास को पकड़ने के लिए सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में दबिश के लिए ऑपरेशन तैयार किया गया.
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उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि बदमाशों को पुलिस के दबिश देने आने की जानकारी पहले से थी. यह सूचना पुलिस से अथवा किसी अन्य स्रोत से लीक हुई, इन सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच कराई जा रही है.
ज्ञात हो कि कानपुर के चौबेपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद अपराधी विकास दुबे फरार है. हालांकि, उस पर शिकंजा कसता जा रहा है.
मुख्यमंत्री के निर्देष के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार तथा आईजी एसटीएफ के कानपुर में कैंप करने से कार्रवाई भी गति पकड़ चुकी है.