वॉशिंगटन : अमेरिका के इंडियाना विश्वविद्यालय के केली स्कूल ऑफ बिजनेस के शोधकर्ताओं ने पाया है कि मेडिकल प्रोवाइडर्स पर बोझ कम करने के लिए चैटबॉट एक विकल्प हो सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना संदिग्ध मरीजों या अन्य लोगों को इससे आसानी से मार्गदर्शन दिया जा सकता है.
दरअसल दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इससे बचने के लिए लोगों को सामाजिक दूरी, मास्क का उपयोग करने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे में चैटबॉट लोगों लिए एक विकल्प के रूप में काम कर सकता है. चैटबॉट के माध्यम से कोरोना लक्षणों वाले लोगों के मार्गदर्शन प्रदान किया जा सकता है.
इस शोध में 371 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. शोधकर्ता ने अध्ययन कि क्या चैटबॉट्स ने संतोषजनक जानकारी प्रदान कर सकता है. जिसके बाद उन्होंने पाया कि चैटबॉट से बेहतर रिजल्ट मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि चैटबॉट्स के माध्यम से उपयोगकर्ताओं ने साकारात्मक प्रतिक्रिया दी. यह स्वास्थ्य देखभाल संगठनों के लिए अच्छी खबर है.
कोरोना काल में स्वास्थ क्षेत्र में अप्रत्याशित उछाल देखने को मिली है. इसलिए चैटबॉट एक बेहतर विकल्प हो सकता है, जब योग्य मानव मेडिकल प्रोवाइडर्स की कमी है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि उपयोगकर्ता चैटबॉट पर सामाजिक रूप से अवांछनीय जानकारी का खुलासा करने में अधिक सहज महसूस करते हैं.
सीडीसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने चेतावनी दी है कि कोरोना के प्रकोप ने लोगों के साथ सामाजिक भेदभावपूर्ण व्यवहार को उकसाया है. वास्तव में एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और शायद चैटबॉट उन लोगों की सहायता कर सकते हैं जो कलंक के कारण मदद लेने से हिचकिचाते हैं.'
चैटबॉट एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है, जो टेक्स्ट या वाइस मैसेज के माध्यम से ऑनलाइन चैट का संचालन करता है. महामारी से पहले भी चैटबॉट की पहचान एक ऐसी तकनीक के रूप में की गई थी, जो यह बता सकती है कि लोग शोधकर्ताओं के साथ कैसे बातचीत करते हैं और ऑनलाइन चिकित्सा जानकारी पाते हैं.