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पूरे देश में NRC का विचार गैर जिम्मेदार और चिंताजनक : हर्ष मंदर

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करनें के बारे में सोच रही है. पर यह फैसला देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान का अंत होगा. यह पूरी कवायद एक समुदाय के खिलाफ. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Jul 19, 2019, 3:01 PM IST

Updated : Jul 25, 2019, 11:53 AM IST

समाजसेवी हर्ष मंडेर

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लाने का विचार कर रही है. इससे अवैध नागरिकों की जांच करके उन्हें वापस भेजा जाएगा. इस पर समाजसेवी हर्ष मंदर ने कहा कि यह फैसला बेहद गैर जिम्मेदार और चिंताजनक है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हर्ष मंदर ने कहा कि, 'मेरे हिसाब से अगर NRC पूरे देश भर में लागू हो जाएगा तो देश को तोड़ देगा और यह धर्मनिरपेक्ष संविधान का अंत होगा.'

हर्ष मंदर प्रेस वार्ता के दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए

हर्ष ने कहा कि जो बात गृह मंत्री नहीं कह रहे हैं, वह यह है कि NRC के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक को भी देश भर में लागू किया जाएगा. लिहाजा यह एक ही धार्मिक समुदाय के लोगों को निशाना बनाएगा और वह समुदाय देश के हर कोने में रहता है.'

बकौल हर्ष मंदर 'पिछले 10 सालों में 164 लोगों को असम से बांग्लादेश भेजा गया है. बांग्लादेश सिर्फ उन्हें स्वीकार करेगा जो खुद को बांग्लादेशी मानने को तैयार हैं. यह पूरी प्रक्रिया बेहद दर्दनाक है. नागरिकों इस प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है.'

हर्ष मंदर ने कहा कि जब गृह मंत्री कहते हैं कि सरकार उनको वापस भेजेगी तब अहम सवाल यह है कि 'कहां'?

गौरतलब है कि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्य सभा में बताया कि NRC को अंतिम रूप देने में थोड़ा समय और लग सकता है. उन्होंने कारण बताते हुए कहा 'सरकार नहीं चाहती कि वास्तविक नागरिक छूट जाएं या सूची में कोई अवैध प्रवासी शामिल हो जाए.'

पढ़ें-केंद्र सरकार ने NRC में शामिल नामों के सत्यापन वाली याचिका वापस ली

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय का यह बयान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और असम सरकार की याचिका खारिज होने के बाद आया है. याचिका में केंद्र और असम सरकार ने NRC के प्रकाशन तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की थी. अभी इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है.

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लाने का विचार कर रही है. इससे अवैध नागरिकों की जांच करके उन्हें वापस भेजा जाएगा. इस पर समाजसेवी हर्ष मंदर ने कहा कि यह फैसला बेहद गैर जिम्मेदार और चिंताजनक है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में हर्ष मंदर ने कहा कि, 'मेरे हिसाब से अगर NRC पूरे देश भर में लागू हो जाएगा तो देश को तोड़ देगा और यह धर्मनिरपेक्ष संविधान का अंत होगा.'

हर्ष मंदर प्रेस वार्ता के दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए

हर्ष ने कहा कि जो बात गृह मंत्री नहीं कह रहे हैं, वह यह है कि NRC के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक को भी देश भर में लागू किया जाएगा. लिहाजा यह एक ही धार्मिक समुदाय के लोगों को निशाना बनाएगा और वह समुदाय देश के हर कोने में रहता है.'

बकौल हर्ष मंदर 'पिछले 10 सालों में 164 लोगों को असम से बांग्लादेश भेजा गया है. बांग्लादेश सिर्फ उन्हें स्वीकार करेगा जो खुद को बांग्लादेशी मानने को तैयार हैं. यह पूरी प्रक्रिया बेहद दर्दनाक है. नागरिकों इस प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है.'

हर्ष मंदर ने कहा कि जब गृह मंत्री कहते हैं कि सरकार उनको वापस भेजेगी तब अहम सवाल यह है कि 'कहां'?

गौरतलब है कि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्य सभा में बताया कि NRC को अंतिम रूप देने में थोड़ा समय और लग सकता है. उन्होंने कारण बताते हुए कहा 'सरकार नहीं चाहती कि वास्तविक नागरिक छूट जाएं या सूची में कोई अवैध प्रवासी शामिल हो जाए.'

पढ़ें-केंद्र सरकार ने NRC में शामिल नामों के सत्यापन वाली याचिका वापस ली

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय का यह बयान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और असम सरकार की याचिका खारिज होने के बाद आया है. याचिका में केंद्र और असम सरकार ने NRC के प्रकाशन तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की थी. अभी इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है.

Intro:New Delhi: A day after Union Home Minister Amit Shah while addressing Rajya Sabha claimed that his government has plans to launch a nationwide National Register for Citizens (NRC) to check and deport illegal immigrants, activist Harsh Mander called it irresponsible and worrisome.

Speaking to ETV Bharat, Harsh Mander, activist, reiterated, "if the NRC is extended to the other parts of the country to my mind it will tear apart the country and it will be end of the secular constitution. Because what he is not saying it's NRC and Citizenship Amendment Bill. So, it is particularly targeted to only one religious community and they live in every corner of the country."


Body:"In last 10 years nearly 164 people have been deported from Assam to Bangladesh. Because Bangladesh is going to accept only those people who admit to be Bangladeshi. And they have to go through a torturous process. When he (home minister) says that his government is going to send them back, my point is that where he is going to send them."


Conclusion:On Wednesday, Minister of State for Home Nityanand Rai told the Rajya Sabha that there would be 'some delay in finalising the NRC as the government does not want genuine citizens to be left out or any illegal immigrant to be included.

It is to be noted that the government statement comes a day after the Supreme Court refused a plea by the Centre and the state of Assam for an urgent hearing to postpone NRC, the deadline for which is 31 July.
Last Updated : Jul 25, 2019, 11:53 AM IST
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