नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लाने का विचार कर रही है. इससे अवैध नागरिकों की जांच करके उन्हें वापस भेजा जाएगा. इस पर समाजसेवी हर्ष मंदर ने कहा कि यह फैसला बेहद गैर जिम्मेदार और चिंताजनक है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में हर्ष मंदर ने कहा कि, 'मेरे हिसाब से अगर NRC पूरे देश भर में लागू हो जाएगा तो देश को तोड़ देगा और यह धर्मनिरपेक्ष संविधान का अंत होगा.'
हर्ष ने कहा कि जो बात गृह मंत्री नहीं कह रहे हैं, वह यह है कि NRC के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक को भी देश भर में लागू किया जाएगा. लिहाजा यह एक ही धार्मिक समुदाय के लोगों को निशाना बनाएगा और वह समुदाय देश के हर कोने में रहता है.'
बकौल हर्ष मंदर 'पिछले 10 सालों में 164 लोगों को असम से बांग्लादेश भेजा गया है. बांग्लादेश सिर्फ उन्हें स्वीकार करेगा जो खुद को बांग्लादेशी मानने को तैयार हैं. यह पूरी प्रक्रिया बेहद दर्दनाक है. नागरिकों इस प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है.'
हर्ष मंदर ने कहा कि जब गृह मंत्री कहते हैं कि सरकार उनको वापस भेजेगी तब अहम सवाल यह है कि 'कहां'?
गौरतलब है कि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्य सभा में बताया कि NRC को अंतिम रूप देने में थोड़ा समय और लग सकता है. उन्होंने कारण बताते हुए कहा 'सरकार नहीं चाहती कि वास्तविक नागरिक छूट जाएं या सूची में कोई अवैध प्रवासी शामिल हो जाए.'
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गौरतलब है कि गृह मंत्रालय का यह बयान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और असम सरकार की याचिका खारिज होने के बाद आया है. याचिका में केंद्र और असम सरकार ने NRC के प्रकाशन तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की थी. अभी इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है.