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केंद्र सरकार ने NRC में शामिल नामों के सत्यापन वाली याचिका वापस ली

केंद्र सरकार ने NRC को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका को वापस ले लिया है. याचिका में बांगलादेश के सीमावर्ती जिलों के 20 प्रतिशत और अन्य जिलों के 10 प्रतिशत नामों के सत्यापन की अनुमती मांगी गई थी. जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Jul 16, 2019, 10:31 PM IST

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) प्रकाशन को लेकर अपनी याचिका वापस ले ली है. याचिका में सरकार ने NRC में प्रकाशित होने वाले 20 प्रतिशत नामों की पुष्टी करने की मांग की थी.

मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपील कि है कि न्यायालय NRC मसौदे में शामिल बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों के 20 प्रतिशत और अन्य जिलों के 10 प्रतिशत नामों के सत्यापन को जांचने की अनुमती प्रदान करे.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार और असम राज्य सरकार ने पहले ही इस अपील को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

माना जा रहा है कि सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया ताकी एनआरसी का प्रकाशन 31 जुलाई के बाद हो. बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरसी के प्रकाशन की अंतिम तिथी 31 जुलाई रखी थी.

पढ़ें- असम NRC : विदेशी (न्यायाधिकरण) से मौलिक अधिकारों के हनन का खतरा, SC ने केंद्र से जवाब मांगा

गौरतलब है कि असम में एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, जिससे बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों की पहचान करने और उनका पता लगाने में आसानी होगी.

सीमावर्ती क्षेत्रों के पास और उन जिलों में जहां की जनसंख्या में बाकी जिलों से ज्यादा व्रिद्धि हुई है, वहां 20 प्रतिशत नामों की दोबारा जांच करने के आदेश दिए गए थे. बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में कुछ दिनों में मामले पर सुनवाई की जाएगी.

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) प्रकाशन को लेकर अपनी याचिका वापस ले ली है. याचिका में सरकार ने NRC में प्रकाशित होने वाले 20 प्रतिशत नामों की पुष्टी करने की मांग की थी.

मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपील कि है कि न्यायालय NRC मसौदे में शामिल बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों के 20 प्रतिशत और अन्य जिलों के 10 प्रतिशत नामों के सत्यापन को जांचने की अनुमती प्रदान करे.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार और असम राज्य सरकार ने पहले ही इस अपील को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

माना जा रहा है कि सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया ताकी एनआरसी का प्रकाशन 31 जुलाई के बाद हो. बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरसी के प्रकाशन की अंतिम तिथी 31 जुलाई रखी थी.

पढ़ें- असम NRC : विदेशी (न्यायाधिकरण) से मौलिक अधिकारों के हनन का खतरा, SC ने केंद्र से जवाब मांगा

गौरतलब है कि असम में एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, जिससे बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों की पहचान करने और उनका पता लगाने में आसानी होगी.

सीमावर्ती क्षेत्रों के पास और उन जिलों में जहां की जनसंख्या में बाकी जिलों से ज्यादा व्रिद्धि हुई है, वहां 20 प्रतिशत नामों की दोबारा जांच करने के आदेश दिए गए थे. बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में कुछ दिनों में मामले पर सुनवाई की जाएगी.

Intro:New Delhi: The Central government on Tuesday retierates its appeal to the Supreme Court to verify 20 percent names in National Register of Citizen (NRC) before the final publication of NRC.


Body:Raising the matter in a special mention, solicitor general Tushar Mehta has appealed the apex court to allow verification of 20 percent of names included in the draft NRC in the districts bordering Bangladesh and 10 percent on other districts.

Both Government of India and Assam government had earlier filled a petition with the same plea.

The steps taken by the government is however believed to be a move to delay the publication of NRC beyond July 31.

The apex court has earlier set the July 31 as the last date for publication of final NRC.


Conclusion:NRC is getting updated in Assam to identify and detect the illegal infiltrators coming from Bangladesh.

The move for revarification was 20 percent along the bordering districts was necessited where incidents of illegal migration was higher and also in the districts which registered higher population growth.

The apex court is likely to hear the matter in next few days.

end.
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