नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा से संबंधित एक अहम फैसला किया है. फैसले के अनुसार सुरक्षा कर्मियों को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में हवाई मार्ग के रास्ते ही एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाए. इसका मतलब है कि पुलवामा जैसा हमला दोबारा होने की संभावना कम है.
इसके अंतर्गत सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बल आएंगे. ऐसा करके एक साल तक देखा जाएगा. ये फैसला सामने आई कई खुफिया रिपोर्टों को देखते हुए लिया गया है. रिपोर्टों का कहना है कि भारत विरोधी तत्व पुलवामा जैसे हमले को फिर अंजाम दे सकते हैं, जिसमें कई जवानों की जान जा सकती है.
पुलवामा हमले के बाद से सभी सीआरपीएफ कर्मियों को एक जगह से दूसरी जगह पुनर्स्थापित करने के लिए हवाई जहाजों से ही भेजा जा रहा है. बता दें, पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब सरकार ने ये निर्णय लिया है कि सभी अर्धसैनिक बल के साथ-साथ एनडीआरएफ को भी हवाई मार्ग से ही कहीं भी भेजा जाएगा.
इसे प्रमुख विकास के रूप में बताते हुए रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्जी ने कहा कि सरकार को इस उद्देश्य के लिए बख्तरबंद कार्मिक वाहक लाना चाहिए.
उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि इनमें से कई क्षेत्रों में हवाई सेवा 300 किलोमीटर दूर है. ये एक अस्थायी हल हो सकता है, लेकिन बख्तरबंद कार्मिक वाहक और बुलेट प्रूफ वाहन (आर्मर्ड वाहन) का प्रयोग आवश्यक है.