नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सोमवार को घोषणा की कि सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन देश में पूर्व में निर्धारित 3,000 केंद्रों की बजाए 15,000 केंद्रों पर करेगा.
कोरोना वायरस लॉकडाउन के मद्देनजर टालीं गई परीक्षाओं का आयोजन अब एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच होगा.
निशंक ने कहा, 'देशभर में अब 15,000 परीक्षा केंद्रों पर 10वीं, 12वीं की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले सीबीएसई केवल 3,000 केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित करने वाला था.
यह फैसला परीक्षा केंद्रों पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने और विद्यार्थियों की केंद्रों तक की दूरी कम करने के लिए लिया गया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पहले ही घोषणा की थी कि विद्यार्थी उन स्कूलों में परीक्षा देंगे जहां वे पंजीकृत हैं न कि किसी बाहरी परीक्षा केंद्र पर.
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोविड-19 निरुद्ध क्षेत्रों में कोई परीक्षा केंद्र नहीं होगा और विद्यार्थियों को उनके संबंधित परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की परिवहन व्यवस्था के लिए राज्य जिम्मेदार होंगे.
आमतौर पर, बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर होती हैं ताकि स्कूलों की तरह से न्यूनतम पक्षपात हो और स्वतंत्र बाहरी जांचकर्ता पूरी परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी करते हैं.
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जहां 12वीं कक्षा की परीक्षा पूरे देश में होगी वहीं 10वीं कक्षा की परीक्ष केवल उत्तरपूर्व दिल्ली में होनी बची हैं जो संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की समस्या के चलते नहीं हो पाईं थी.
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा का आकलन घर से किया जा रहा है.
एचआरडी मंत्रालय ने 3,000 मूल्यांकन केंद्रों की पहचान की है जहां से उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को उनके घर पर भेजी जाएंगी और फिर एकत्र की जाएंगी.
विश्वविद्यालय और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं जब केंद्र ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के कदमों के तहत देश में सभी कक्षाएं बंद करने की घोषणा की थी.
उत्तरपूर्व दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति के चलते सीबीएसई परीक्षा के चार दिनों को परीक्षा नहीं करा सका जहां कुछ छात्र छह दिन की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाए.
बोर्ड ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह केवल 29 विषयों की बची हुई परीक्षाएं कराएगा जो अगली कक्षा में उन्नत होने और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए जरूरी होते हैं.
जिन विषयों की परीक्षा नहीं कराई जा रही है उनके मूल्यांकन के तरीके की घोषणा बोर्ड जल्द ही करेगा।
परीक्षा का यह कार्यक्रम इस हिसाब से तैयार किया गया है कि बोर्ड परीक्षाएं 18 से 23 जुलाई के बीच होने वाली इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जेईई-मुख्य परीक्षा और 26 जुलाई को होने वाली चिकित्सा प्रवेश परीक्षा नीट से पहले संपन्न हो जाएं.