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येस बैंक : सीबीआई की सात ठिकानों पर छापेमारी, डीएचएफएल से जुड़े तार

सीबीआई ने येस बैंक के मामलों की जांच शुरू कर दी है और अधिकारी इस मामले में दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं. सीबीआई ने येस बैंक की जांच के सिलसिले में आज मुंबई में सात अलग-अलग जगहों पर छापे मारे.

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Published : Mar 9, 2020, 11:48 AM IST

Updated : Mar 9, 2020, 1:12 PM IST

नई दिल्ली : सीबीआई ने येस बैंक के मामलों की जांच शुरू कर दी है और अधिकारी इस मामले में दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं. सीबीआई ने येस बैंक की जांच के सिलसिले में आज मुंबई में सात अलग-अलग जगहों पर छापे मारे. सीबीआई ने घोटालों से ग्रसित डीएचएफएल द्वारा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे.

सीबीआई अधिकारियों के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं.

बता दें, सीबीआई ने यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर, दीवान हाउसिंग (डीएचएफएल), डीओआईटी अर्बन वेंचर्स कंपनी और डीएचएफएल के प्रवर्तक निदेशक कपिल वधावन के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है.

क्या है मामला

  • एजेंसी ने आरोप लगाया कि कपूर (62) ने यस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए वधावन के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची. इसके बदले में अपने लिए और अपने परिवार के सदस्यों के लिए उनकी कंपनियों के मार्फत अनुचित लाभ लेने की कोशिश की.
  • उन्होंने कहा कि कपूर को पिछली रात प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया जिसने शनिवार को सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.
  • सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच शुरू हुआ था जब यस बैंक ने घोटालाग्रस्त दीवान हाउसिंग वित्त निगम लिमिटेड के अल्पावधि ऋणपत्र में 3700 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
  • इसके बदले में वधावन ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में कपूर और परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये की रिश्वत का भुगतान किया था.

सूत्रों ने जांच की प्रकृति के बारे में आगे बताने से इनकार किया- क्या यह शुरुआती जांच है या एक एफआईआर, लेकिन इस बात की पुष्टि की कि औपचारिक जांच शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के पहलुओं पर गौर कर रही है.

राणा कपूर के पेंटिंग खरीदने को लेकर भाजपा ने साधा निशाना, कांग्रेस ने किया पलटवार

एक सूत्र ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार से ग्रस्त डीएचएफएल और येस बैंक के संबंधों की सीबीआई जांच कर रही है. इस जांच में एक तीसरी कंपनी को शामिल कर किए गए आपत्तिजनक वित्तीय लेनदेन शामिल हैं.

कथित अनियमतताओं के कारण वित्तीय संकट में घिरे येस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की नियामकीय कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस बैंक के सह संस्थापक और पूर्व प्रमुख राणा कपूर को मनी लांडरिंग (स्याह धन को सफेद करने) के आरोपों की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है. कपूर (62) से पूछ ताछ की जा रही है.

नई दिल्ली : सीबीआई ने येस बैंक के मामलों की जांच शुरू कर दी है और अधिकारी इस मामले में दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं. सीबीआई ने येस बैंक की जांच के सिलसिले में आज मुंबई में सात अलग-अलग जगहों पर छापे मारे. सीबीआई ने घोटालों से ग्रसित डीएचएफएल द्वारा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे.

सीबीआई अधिकारियों के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं.

बता दें, सीबीआई ने यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर, दीवान हाउसिंग (डीएचएफएल), डीओआईटी अर्बन वेंचर्स कंपनी और डीएचएफएल के प्रवर्तक निदेशक कपिल वधावन के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है.

क्या है मामला

  • एजेंसी ने आरोप लगाया कि कपूर (62) ने यस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए वधावन के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची. इसके बदले में अपने लिए और अपने परिवार के सदस्यों के लिए उनकी कंपनियों के मार्फत अनुचित लाभ लेने की कोशिश की.
  • उन्होंने कहा कि कपूर को पिछली रात प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया जिसने शनिवार को सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.
  • सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच शुरू हुआ था जब यस बैंक ने घोटालाग्रस्त दीवान हाउसिंग वित्त निगम लिमिटेड के अल्पावधि ऋणपत्र में 3700 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
  • इसके बदले में वधावन ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में कपूर और परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये की रिश्वत का भुगतान किया था.

सूत्रों ने जांच की प्रकृति के बारे में आगे बताने से इनकार किया- क्या यह शुरुआती जांच है या एक एफआईआर, लेकिन इस बात की पुष्टि की कि औपचारिक जांच शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के पहलुओं पर गौर कर रही है.

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एक सूत्र ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार से ग्रस्त डीएचएफएल और येस बैंक के संबंधों की सीबीआई जांच कर रही है. इस जांच में एक तीसरी कंपनी को शामिल कर किए गए आपत्तिजनक वित्तीय लेनदेन शामिल हैं.

कथित अनियमतताओं के कारण वित्तीय संकट में घिरे येस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की नियामकीय कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस बैंक के सह संस्थापक और पूर्व प्रमुख राणा कपूर को मनी लांडरिंग (स्याह धन को सफेद करने) के आरोपों की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है. कपूर (62) से पूछ ताछ की जा रही है.

Last Updated : Mar 9, 2020, 1:12 PM IST
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