नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय सूचना आयोग में वैकेंसी से संबंधित मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि रिक्त पदों को भरने के अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया है, जिससे लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है.
16 दिसंबर, 2019 को, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को तीन माह के भीतर केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया था, जो याचिकाकर्ता के अनुसार केंद्र ने नहीं किया है.
याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज का कहना है कि विज्ञापनों में चार रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिनमें से केवल एक सूचना आयुक्त (प्रमुख) को नियुक्त किया गया था.
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इसके जवाब में केंद्र ने इस बात से इनकार किया कि वह आदेशों का पालन करने में विफल रहा है और केंद्र ने अदालत को बताया कि उसने निर्देश के अनुसार तीन महीने में नियुक्तियां पूरी कर ली हैं.
मुख्य और एक अन्य आयुक्त की सेवानिवृत्ति के बाद से छह पद रिक्त हैं, जिसके कारण 36,000 से अधिक मामले लंबित हैं.
याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि केंद्र सरकार रिक्त पदों को भरने के बजाय नए विज्ञापन दे रही है, जिससे नियुक्तियां करने में और देरी हो.
याचिका में राज्य सरकार द्वारा भी न्यायालय के 15 फरवरी, 2019 के आदेश का पालन न किए जाने की बात कही गई है. याचिकाकर्ता ने मामले की जल्द सुनवाई की अपील की है.