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कैग : जम्मू कश्मीर में 3.18 करोड़ मिलने का बाद भी एंबुलेंस सेवा ठप

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Published : Sep 29, 2020, 10:24 AM IST

कैग ने 2017-18 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की अपनी ऑडिट जारी की है. जिसमें उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जम्मू कश्मीर में 3.18 करोड़ रुपया मिलने पर भी तीन साल तक एंबुलेंस सेवा का संचालन शुरू नहीं हुई है.

ambulance-services in jammu kashmir
एंबुलेंस सेवाओं के लिए जारी कैग रिपोर्ट

जम्मू : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 2017-18 की अपनी एक रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर मेडिकल आपूर्ति निगम (जेकेएमएससी) लिमिटेड द्वारा दवाइयों और उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी और तीन साल से अधिक समय की अवधि तक '102 एंबुलेंस सेवा' का संचालन शुरू नहीं होने का जिक्र किया है.

कैग ने 2017-18 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की अपनी ऑडिट जारी की है.

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सामाजिक, सामान्य एवं आर्थिक क्षेत्र) पर (31 मार्च 2018 की तारीख तक) कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेकेएमएससी द्वारा दवाइयों और उपकरणों की खरीद की ऑडिट में यह खुलासा हुआ है कि कीमत के अनुबंध को अंतिम रूप देने में देर हुई और इस कारण दवाइयों, उपकरणों की खरीद में भी देर हुई. इस तरह, कंपनी के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हुई.

पढ़ें - केरल पुलिस पर कैग की रिपोर्ट : गायब मिले राइफल-कारतूस, विपक्ष हमलावर

संसद के पटल पर पिछले सप्ताह रखी गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 3.18 करोड़ रुपये का कोष प्राप्त होने के बावजूद तीन साल से अधिक समय तक 102 एंबुलेंस सेवा का संचालन शुरू नहीं हुआ.

जम्मू : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 2017-18 की अपनी एक रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर मेडिकल आपूर्ति निगम (जेकेएमएससी) लिमिटेड द्वारा दवाइयों और उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी और तीन साल से अधिक समय की अवधि तक '102 एंबुलेंस सेवा' का संचालन शुरू नहीं होने का जिक्र किया है.

कैग ने 2017-18 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की अपनी ऑडिट जारी की है.

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सामाजिक, सामान्य एवं आर्थिक क्षेत्र) पर (31 मार्च 2018 की तारीख तक) कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेकेएमएससी द्वारा दवाइयों और उपकरणों की खरीद की ऑडिट में यह खुलासा हुआ है कि कीमत के अनुबंध को अंतिम रूप देने में देर हुई और इस कारण दवाइयों, उपकरणों की खरीद में भी देर हुई. इस तरह, कंपनी के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हुई.

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संसद के पटल पर पिछले सप्ताह रखी गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 3.18 करोड़ रुपये का कोष प्राप्त होने के बावजूद तीन साल से अधिक समय तक 102 एंबुलेंस सेवा का संचालन शुरू नहीं हुआ.

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