नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया है. हालांकि, नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक देशों के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया है. इस पूर्व राजदूत ओपी गुप्ता ने इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले को भारत के लिए एक अच्छा संकेत करार दिया.
2014 के उलट इस बार पाक को आमंत्रित न करने के पीएम के फैसले की सराहना करते हुए ओपी गुप्ता ने दावा किया कि पीएम मोदी राष्ट्रीय हित की नीति का पालन कर रहे हैं. बता दें ओपी गुप्ता भारत के पूर्व राजदूत हैं, जिन्होंने 30 साल से भी अधिक समय तक विदेशों में सेवाएं की हैं.
पूर्व राजदूत ओपी गुप्ता ने इस विषय पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा, जब वाजपेयी पाकिस्तान गए और उन्होंने लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किए, तो उसमें इस बात का स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया था कि इसके नियंत्रण में आतंकी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी, तबसे पाकिस्तान इस समझौते का उल्लंघन कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा, '2014 में, पीएम मोदी ने नवाज शरीफ को यह कहते हुए आमंत्रित किया था कि इसके द्वारा एक नए अध्याय की शुरुआत होगी. लेकिन पाकिस्तान एक नया अध्याय खोलने के लिए सहमत नहीं हुआ, इसलिए, पीएम मोदी का यह निर्णय स्वाभाविक है और यह बिल्कुल सही नीति है.'
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आपको बता दें, बिम्सटेक देशों के अलावा, किर्गिज़ और मॉरीशस के राष्ट्रपति को भी गुरुवार को होने वाले पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजा गया है.