लखनऊ : पढ़ाई करने के बाद अक्सर युवा नौकरी की तलाश में रोजगार के लिये महानगरों में चले जाते हैं, लेकिन बड़ागांव विकास खंड के दंडीपुर गांव के निवासी प्रदीप पटेल को गांव ही नहीं पूरे जिले में एक हाईटेक किसान के रूप में जाना जाता है. प्रदीप पढ़ाई में अच्छे थे इसीलिए उन्होंने बीटेक किया. उसके बाद दो साल तक अलग-अलग कंपनियों में नौकरी भी की, लेकिन नौकरी उनको रास नहीं आई और वह घर आकर खेती करने लगे.
इस तरह खेती करने का बनाया मन
प्रदीप बताते हैं कि पढ़ाई करने के बाद कई कंपनियों में उन्होंने नौकरी की, लेकिन कहीं पैसा कम मिलता था तो कहीं समय अधिक लिया जाता था. थक हार कर वह घर आए और खेती करने की सोचने लगे. पहले तो उनको काफी परेशान होना पड़ा, लेकिन परिवारवालों के सहयोग के चलते धीरे-धीरे सबकुछ ठीक होने लगा.
खेती के शुरुआती दिनों में वह बैंगन, आलू, भिंडी, खीरा, करेला, गाजर सहित अन्य सब्जियों की खेती करते थे लेकिन बाद में उनको लगा कि कुछ अलग करना चाहिये और फिर उन्होंने अत्याधुनिक तरीके से खेती करने की सोची.
टपक विधि से करते हैं सिंचाई
वर्तमान में प्रदीप टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, गोभी सहित अन्य सब्जियों की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि दवा और रसायन का कम प्रयोग करने के चलते उनकी फसलें चमकदार रहती हैं और मार्केट में अच्छा दाम भी मिलता है. खास तौर पर सिंचाई के लिये वह ड्रिप विधि का प्रयोग करते हैं, जिससे पानी की भी काफी बचत होती है.
खेती करने के दौरान जब उन्हें लगा कि अकेले सबकुछ कर पाना संभव नहीं है, ऐसे में उन्होंने गांव के कुछ गरीब और कमजोर लोगों को भी अपने साथ खेती किसानी में जोड़ लिया. महिलाएं और पुरुष खेतों में निराई गुड़ाई करने के साथ ही फसलों की देखभाल करते हैं.
खेती में भी है फायदा
प्रदीप का कहना है कि खेती किसानी करने में काफी मुनाफा है. खेती करके ही वह साल भर में 10 से 11 लाख रुपये कमा लेते हैं. जो लोग ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं वह पढ़ाई करने के बाद दूसरे शहरों में कम पैसे में नौकरी करने से अच्छा है कि वे खेती-बाड़ी करें.
वर्तमान समय में सरकार द्वारा किसानों के लिये कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसकी जानकारी किसानों को नहीं होती है. उनका कहना है कि पढ़े लिखे लोग जब खेती में आएंगे तो, उनको सभी योजनाओं के बारे में जानकारी रहेगी, जिनका लाभ लेते हुए वह भी लाखों रुपये सालाना कमाई कर सकते हैं.