लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आगामी एमएलसी चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) को हराने के लिए बसपा कृतसंकल्प है. उन्होंने कहा कि सपा को हराने के लिए जरूरत पड़ने पर उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करेगी.
रविवार को मायावती ने सपा को दलित विरोधी करार दिया और कहा कि बसपा उत्तर प्रदेश में भाजपा या किसी अन्य पार्टी का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि हमने सपा के दलित विरोधी कार्यों के खिलाफ अपना कड़ा रुख दिखाने के लिए यह निर्णय लिया है.
कांग्रेस और सपा के लोग मेरे इस बयान को गलत तरह से प्रचारित कर रहे हैं, ताकि खासकर मुस्लिम समाज के लोग बीएसपी से अलग हो जाए और उत्तर प्रदेश में सात विधानसभा सीटों पर जो उपचुनाव हो रहा है. उसमें मुसलमानों का वोट बीएसपी को न पड़े. लेकिन लाख जतन करने के बावजूद इनको कामयाबी मिलने वाली नहीं है.
मायावती राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज को समर्थन देने से खफा हैं. उन्होंने कहा कि बसपा अब दलित विरोधी समाजवादी पार्टी को सबक सिखाएगी.
मायावती ने सफाई देत हुए कहा कि हमने भाजपा के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन की बात नहीं कही है. भाजपा के साथ गठबंधन की बात गलत है.
उन्होंने कहा कि मेरे बयान को गलत प्रचारित किया गया. बसपा की सिर्फ भाजपा के साथ की बात गलत है. हमने कहा था कि समाजवादी पार्टी को हराने वाले किसी भी दल का साथ देंगे. सपा को हराने के लिए भाजपा या किसी भी अन्य दल को समर्थन देंगे.
उन्होंने कहा अभी तक हमने कोई गठबंधन नहीं किया है तो इस सात विधानसभा सीटों के लिए गठबंधन कैसे करेंगे. जो लोग बुलंदशहर जैसी सीटों पर वीडियो वायरल करके जनता को यह बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं कि बसपा और भाजपा का गठबंधन है, वह ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि बसपा की विचारधारा सर्वधर्म हिताय सर्वधर्म सुखाय की है. इसी कारण हमने बीते लोकसभा के साथ ही विधानसभा उप चुनाव में भी सभी वर्ग के लोगों के साथ मुस्लिमों को टिकट दिया है.
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उन्होंने कहा कि हमने यह फैसला सपा की दलित विरोधी मानसिकता को देखते हुए लिया. मायावती ने कहा कि जब-जब बसपा ने भाजपा का साथ दिया, भाजपा का नुकसान हुआ लेकिन जब-जब सपा सत्ता में आई भाजपा को लाभ हुआ.
बसपा सरकार में उत्तर प्रदेश में एक भी हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ जबकि सपा व कांग्रेस राज ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है जिसमें जनता को जानमाल का काफी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि बसपा का भाजपा से कोई गठजोड़ नहीं है.
ज्ञात हो कि राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी के नामांकन भरने के बाद बसपा के सात विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने चले गए थे जिससे नाराज बसपा ने विधायकों को निलंबित कर दिया और सपा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया.
इस पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रकाश बजाज को समर्थन देकर उन्होंने भाजपा-बसपा की साठगांठ की पोल खोल दी. उन्होंने मायावती का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग भाजपा से मिले हुए हैं उनका पर्दाफोश जरूरी था.