नई दिल्ली : सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में उनका नाम भी लिया है, जो उनके अनुसार एक धोखा है.
वृंदा करात ने समाचार एजेंसी को बताया कि मेरा मानना है कि यह चार्जशीट नहीं है. यह दिल्ली पुलिस के माध्यम से भारत सरकार और सीधे गृह मंत्रालय के निर्देश पर भारत की जनता के साथ धोखा है.
उन्होंने कहा कि जो लोग वास्तव में कपिल मिश्रा की तरह सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें इस धोखाधड़ी में व्हिसल ब्लोअर माना जा रहा है, हममें से जिन्होंने सीएए के खिलाफ विरोध किया, उन्हें भारत विरोधी, संविधान विरोधी कहा जा रहा है. हम पर आरोप लगाए जा रहे हैं, तो यह सिर्फ लोगों को धोखा देना है.
राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्व जिले में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, सीपीआई-एमएल पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन, छात्र कार्यकर्ता कवलप्रीत कौर, वैज्ञानिक गौहर रजा और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पिछले सप्ताह दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र में अभियुक्तों के खुलासे के बयान का उल्लेख किया है.
इस साल फरवरी में नागरिकता संशोधन अधिनियम का समर्थन करने और विरोध करने वाले समूहों के बीच हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए.