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पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल तैयार

गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कार्य गुरुवार को पूरा हो गया.

प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Jun 20, 2020, 10:21 PM IST

नई दिल्ली : गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कार्य गुरुवार को पूरा हो गया. 60 मीटर का यह पुल श्योक और गलवान नदियों के संगम से पूर्व में लगभग चार किलोमीटर दूरी पर है, और यह संकरे पहाड़ी इलाके को श्योक-दौलत बेग ओलदी रोड से जोड़ता है. श्योक नदी पर निर्मित यह पुल श्योक-गलवान संगम के बहुत करीब है और इससे भारतीय सैनिकों की क्षेत्र में आवाजाही बढ़ेगी.

भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि यह गलवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 की ओर जाने वाले मार्ग पर नहीं है, जहां झड़प हुई थी.

पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर चीनी सैनिकों द्वारा 15 जून को भारतीय सैनिकों पर किए गए बर्बर हमले के बाद दोनों देशों के बीच निकट भविष्य में तनाव कम होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है.

गलवान घाटी में तनावपूर्ण स्थिति लंबा खिंचने की संभावना है, क्योंकि भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया है.

पढ़ें- 'गलवान शहीद वाटिका': फलदार पेड़ों के रूप में 'जिंदा' रहेंगे गलवान के 20 शहीद

भारतीय सुरक्षा महकमे में गुस्सा तब और बढ़ गया, जब यह पता चला कि लेफ्टिेनेंट कर्नल और मेजर स्तर के दो अधिकारियों सहित भारतीय सेना के 10 जवान तीन दिनों तक चीनी सेना के कब्जे में थे और गुरुवार शाम को उनकी रिहाई हो सकी थी.

नई दिल्ली : गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कार्य गुरुवार को पूरा हो गया. 60 मीटर का यह पुल श्योक और गलवान नदियों के संगम से पूर्व में लगभग चार किलोमीटर दूरी पर है, और यह संकरे पहाड़ी इलाके को श्योक-दौलत बेग ओलदी रोड से जोड़ता है. श्योक नदी पर निर्मित यह पुल श्योक-गलवान संगम के बहुत करीब है और इससे भारतीय सैनिकों की क्षेत्र में आवाजाही बढ़ेगी.

भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि यह गलवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 की ओर जाने वाले मार्ग पर नहीं है, जहां झड़प हुई थी.

पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर चीनी सैनिकों द्वारा 15 जून को भारतीय सैनिकों पर किए गए बर्बर हमले के बाद दोनों देशों के बीच निकट भविष्य में तनाव कम होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है.

गलवान घाटी में तनावपूर्ण स्थिति लंबा खिंचने की संभावना है, क्योंकि भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया है.

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भारतीय सुरक्षा महकमे में गुस्सा तब और बढ़ गया, जब यह पता चला कि लेफ्टिेनेंट कर्नल और मेजर स्तर के दो अधिकारियों सहित भारतीय सेना के 10 जवान तीन दिनों तक चीनी सेना के कब्जे में थे और गुरुवार शाम को उनकी रिहाई हो सकी थी.

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