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योग से बढ़ी एकाग्र शक्ति, आंख पर पट्टी बांधकर साइकिल चलाती है यह बच्ची

धमतरी जिले के कातलबोड़ की रहने वाली एक बच्ची योग की सहायता से अपनी एकाग्रता शक्ति बढ़ाकर कई ऐसे कारनामे आंखे बंदकर लेती है, जो आम इंसान के बस में नहीं होता है.

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Published : Jun 21, 2020, 9:36 PM IST

girl rides a bicycle
आंख में पट्टी बांध साइकिल चलाती बच्ची

रायपुर : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कातलबोड़ की रहने वाली विशालाक्षी ने योग के जरिए कई कारनामे कर दिखाए हैं. योग और साधना के जरिए यह बच्ची आंखों पर पट्टी बांधकर वह सभी काम कर सकती है, जो आम इंसान कर पाता है. विशालाक्षी ने प्रज्ञा योग का अभ्यास कर यह कारनामा कर दिखाया है.

धमतरी के कातलबोड़ की रहने वाली महज 12 साल की विशालाक्षी आंखों में पट्टी बांधकर साइकिल चला लेती है. इतना ही नहीं विशालाक्षी बिना देखे हारमोनियम भी बजा लेती है. विशालाक्षी बताती है कि यह कला उसने आर्ट ऑफ लिविंग से सिखी है. जहां प्रज्ञा योग का अभ्यास कर विशालाक्षी ने अपनी एकाग्रशक्ति को बढ़ाया है. विशालाक्षी के पिता योग सिखाते हैं, उनकी मदद से ही उसने योग सिखा है.

आंख में पट्टी बांध साइकिल चलाती बच्ची

योग शिक्षक परशु निर्मलकर से जब इस योग अभ्यास के विषय में पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि इसे योग को पांच से 15 साल की उम्र तक के बच्चों को सिखाया जाता है, इससे बच्चों की एकाग्र शक्ति बढ़ती है और उन्हें पढ़ाई में काफी मदद मिलती है.

पढ़ाई में मिलती है मदद

विशालाक्षी को इस योग के अभ्यास की वजह से पढ़ाई में भी बहुत मदद मिलती है. विशालाक्षी रोज घर पर योग का अभ्यास करती है. आर्ट ऑफ लिविंग क्लास में लगातार तीन दिनों तक प्रज्ञा योग सिखाया जाता है, जिसके बाद बच्चों को घर पर रोजाना इसकी अभ्यास करने की सलाह दी जाती है. इस योग से एकाग्रता बढ़ती है. योग का नियमित अभ्यास करने से तनाव कम होता है और याददाश्त तेज होती है, इस वजह से भी बच्चों को यह योग सिखाया जाता है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कातलबोड़ की रहने वाली विशालाक्षी ने योग के जरिए कई कारनामे कर दिखाए हैं. योग और साधना के जरिए यह बच्ची आंखों पर पट्टी बांधकर वह सभी काम कर सकती है, जो आम इंसान कर पाता है. विशालाक्षी ने प्रज्ञा योग का अभ्यास कर यह कारनामा कर दिखाया है.

धमतरी के कातलबोड़ की रहने वाली महज 12 साल की विशालाक्षी आंखों में पट्टी बांधकर साइकिल चला लेती है. इतना ही नहीं विशालाक्षी बिना देखे हारमोनियम भी बजा लेती है. विशालाक्षी बताती है कि यह कला उसने आर्ट ऑफ लिविंग से सिखी है. जहां प्रज्ञा योग का अभ्यास कर विशालाक्षी ने अपनी एकाग्रशक्ति को बढ़ाया है. विशालाक्षी के पिता योग सिखाते हैं, उनकी मदद से ही उसने योग सिखा है.

आंख में पट्टी बांध साइकिल चलाती बच्ची

योग शिक्षक परशु निर्मलकर से जब इस योग अभ्यास के विषय में पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि इसे योग को पांच से 15 साल की उम्र तक के बच्चों को सिखाया जाता है, इससे बच्चों की एकाग्र शक्ति बढ़ती है और उन्हें पढ़ाई में काफी मदद मिलती है.

पढ़ाई में मिलती है मदद

विशालाक्षी को इस योग के अभ्यास की वजह से पढ़ाई में भी बहुत मदद मिलती है. विशालाक्षी रोज घर पर योग का अभ्यास करती है. आर्ट ऑफ लिविंग क्लास में लगातार तीन दिनों तक प्रज्ञा योग सिखाया जाता है, जिसके बाद बच्चों को घर पर रोजाना इसकी अभ्यास करने की सलाह दी जाती है. इस योग से एकाग्रता बढ़ती है. योग का नियमित अभ्यास करने से तनाव कम होता है और याददाश्त तेज होती है, इस वजह से भी बच्चों को यह योग सिखाया जाता है.

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