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केजरीवाल सरकार की लापरवाही है दिल्ली में प्रदूषण का कारण : BJP

दिल्ली में हो रहे वायु प्रदूषण के कारण जनजीवन बेहाल है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में आंकड़ा 700 पार है, केंद्र और राज्य सरकार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार इसका हल नहीं निकाल रही है. केंद्र सरकार मदद करने के लिए तैयार है. जानें पूरा विवरण...

आरपी सिंह.
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Published : Nov 15, 2019, 2:45 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 5:41 PM IST

नई दिल्ली : दम घोटू जहरीली हवा ने दिल्ली में सियासी रुख भी बदल दिया है. इस समस्या का हल निकालने के बजाय राज्य सरकार और केंद्र सरकार आपस में भिड़ गई हैं. नेता प्रदूषण को मुद्दा बनाकर अपनी सियासत चमकाने में लगे हुए हैं. एक तरफ दिल्ली में प्रदूषण के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे. वहीं दूसरी तरफ बुजुर्गों की तबीयत भी बिगड़ रही है, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा.

इसी मामले पर ईटीवी भारत ने बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह से बातचीत की. उन्होंने सीधे तौर पर इसके लिए सिर्फ राज्य सरकार यानी केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया. आरपी सिंह का कहना है कि हर बार सिर्फ केजरीवाल और ऑड इवन लाकर प्रदूषण कम करने का प्रयास करते हैं, लेकिन इस बार प्रदूषण उससे भी नहीं रुक रहा.

आरपी सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत.

दोनों ही सरकार एक दूसरे से बात करने और इस स्थिति से निपटने के लिए बात नहीं कर रही है. इस सवाल पर भी आरपी सिंह ने कहा कि यह मुद्दा राज्य सरकार का है, वह हरियाणा और पंजाब पर आरोप लगाने से पहले कुछ करें. साथ ही केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से बात करें.

पढ़ें: केंद्र-राज्य सरकार के दावों की खुली पोल, दिल्ली-NCR मेंं लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

इसके साथ बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार दिल्ली में प्रदूषण पर खर्च नहीं कर रही है. यह एक मुख्य कारण है कि इससे निपटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें, प्रदूषण सूचकांक में आंकड़ा 700 पार है. इसके बाद भी केंद्र और राज्य सरकार का रवैया वही है. दोनों एक दूसरे पर आरोप मढ़ने से बाज नहीं आ रहे है.

नई दिल्ली : दम घोटू जहरीली हवा ने दिल्ली में सियासी रुख भी बदल दिया है. इस समस्या का हल निकालने के बजाय राज्य सरकार और केंद्र सरकार आपस में भिड़ गई हैं. नेता प्रदूषण को मुद्दा बनाकर अपनी सियासत चमकाने में लगे हुए हैं. एक तरफ दिल्ली में प्रदूषण के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे. वहीं दूसरी तरफ बुजुर्गों की तबीयत भी बिगड़ रही है, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा.

इसी मामले पर ईटीवी भारत ने बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह से बातचीत की. उन्होंने सीधे तौर पर इसके लिए सिर्फ राज्य सरकार यानी केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया. आरपी सिंह का कहना है कि हर बार सिर्फ केजरीवाल और ऑड इवन लाकर प्रदूषण कम करने का प्रयास करते हैं, लेकिन इस बार प्रदूषण उससे भी नहीं रुक रहा.

आरपी सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत.

दोनों ही सरकार एक दूसरे से बात करने और इस स्थिति से निपटने के लिए बात नहीं कर रही है. इस सवाल पर भी आरपी सिंह ने कहा कि यह मुद्दा राज्य सरकार का है, वह हरियाणा और पंजाब पर आरोप लगाने से पहले कुछ करें. साथ ही केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से बात करें.

पढ़ें: केंद्र-राज्य सरकार के दावों की खुली पोल, दिल्ली-NCR मेंं लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

इसके साथ बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार दिल्ली में प्रदूषण पर खर्च नहीं कर रही है. यह एक मुख्य कारण है कि इससे निपटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें, प्रदूषण सूचकांक में आंकड़ा 700 पार है. इसके बाद भी केंद्र और राज्य सरकार का रवैया वही है. दोनों एक दूसरे पर आरोप मढ़ने से बाज नहीं आ रहे है.

Intro: लगातार दिल्ली में बढ़ते दम घोटू जहरीली हवा ने दिल्ली की सियासत को भी जहरीला कर दिया है इसके उपाय करने के बजाय राज्य और केंद्र दोनों ही सरकारें अपनी अपनी सियासत चमका रही है एक तरफ दिल्ली में प्रदूषण की मार झेल रहे बच्चे स्कूल की छुट्टी होने के कारण बाल दिवस में भी घर में दुबके रहे वही बुजुर्गों के हालात काफी गंभीर हो रहे हैं अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है बृहस्पतिवार को जहां दिल्ली में पॉल्यूशन का स्तर 5:30 से 600 तक पार कर रहा था वहीं शुक्रवार को यह स्तर 700 के इंडेक्स पार कर चुका है और हर दिन राज्य और केंद्र सरकार इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं हेल्थ इमरजेंसी पर कोई भी सरकार चाहे वह राज्य हो या केंद्र की भाजपा सरकार बहुत ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रही और ना ही तो अभी तक कोई समन्वय समिति बनाई गई और ना ही राज्य और केंद्र की सरकार ने बैठकर उपाय निकालने की कोई बैठक की लिहाजा इसका भुगतान भुगत रही है दिल्ली की जनता


Body: भाजपा के दिल्ली नेता और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह ने एक बार फिर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को दोषी ठहराते हुए बल्कि केंद्र से पल्ला झाड़ते हुए उन्होंने सीधे तौर पर इसे के लिए सिर्फ राज्य सरकार यानी केजरीवाल की सरकार को जिम्मेदार ठहराया आरपी सिंह का कहना है कि हर बार सिर्फ केजरीवाल और लाकर इतिश्री कर लेते हैं मगर इस बार तो ऑडी वेन के दौरान भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा हालांकि उन्होंने सवाल यह पूछे जाने पर कि आखिर पराली पर क्यों नहीं सरकार कड़े कदम उठा रही है और केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच समन्वय क्यों नहीं है उनका कहना है कि केंद्र अपनी तरफ से सारे सेफ्टी मेजर्स ले रही है केंद्र सरकार आगे बढ़कर बैठक करने को तैयार है लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक कोई जरूरत ही नहीं समझी इमरजेंसी हालात पर केंद्र के साथ कोई सहायता मांगी जाए या कोई बैठक की जाए उनका कहना है कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के कार्य में हस्तक्षेप करके बैठक नहीं भुला सकती बहरहाल दोनों ही पार्टियों की सियासत के बीच पीस रही है दिल्ली की जनता प्रदूषण कम होने की बजाय और पराली कम जलने के बजाय एक-एक दिन करते हुए आगे बढ़ता ही जा रहा है बृहस्पतिवार को दिल्ली की जनता ने यह उम्मीद लगाई थी कि शायद शुक्रवार तक प्रदूषण कम हो जाएगा लेकिन शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर बृहस्पतिवार से भी ज्यादा बढ़ गया डॉक्टर और विशेषज्ञों की राय जाने तो उनका कहना है कि यह प्रदूषण इतना ज्यादा है कि सुबह जिस समय बच्चे स्कूल जाते हैं उस समय इसकी मात्रा एक व्यक्ति अगर खुली हवा में सांस लेता है तो एक साथ 22 सिगरेट के धुए लेने जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ चुका है और वही यह 45 सिगरेट के धुए तक पहुंच रहा है ऐसे में दोनों ही सरकारें अपनी अपनी सियासत में जुटी है और इस इमरजेंसी हालात पर अभी तक एक बैठक भी नहीं बुलाई गई है


Conclusion:केंद्र सरकार राज्य पर पल्ला झाड़ रही है और राज्य केंद्र पर एक तरफ दिल्ली को विदेशों की तर्ज पर बना देने का सपना और ख्वाब दिखाने वाले राज्य सरकार सिर्फ ऑडी वेन का रास्ता अपनाकर यह मान बैठी है इसके अलावा और कोई उपाय नहीं है भाजपा के राष्ट्रीय सचिव का कहना है कि दिल्ली सरकार कागजों पर काफी दिनों से दिल्ली की सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट बसों और सीएनजी बसों को खरीदने पर एग्रीमेंट कर चुकी है लेकिन सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट में बढ़ावा पिछले 5 सालों में बहुत कम हुआ है जिससे लगातार निजी वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है और इस पर किसी भी तरह के चेक्स नहीं लगाई जा पाए हैं सरकार को चाहिए कि वह प्रदूषण बढ़ाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करें मगर जब केंद्र ऐसा करने को होती है तो दिल्ली सरकार धरने पर बैठ जाती है
Last Updated : Nov 15, 2019, 5:41 PM IST
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