नई दिल्ली : प्याज की बढ़ी कीमतों को लेकर सियासत गरम होती जा रही है. आम आदमी पार्टी सहित अन्य विरोधी दलों ने मंगलवार को इस मुद्दे को संसद में उठाया. इस दौरान सभी दलों ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया.
आम आदमी पार्टी ने प्याज की माला पहन कर संसद में विरोध किया. उसका अन्य विरोधी दलों के सांसदों ने साथ दिया.
विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि यह स्थिति 32,000 टन प्याज के निर्यात से उत्पन्न हुई है. इस कारण पूरे देश में महंगी कीमत पर प्याज बिक रही है, जिससे लोगों को प्याज और रोटी भी नसीब नहीं हो रही है.
दरअसल प्याज पर जारी सियासत अब धीरे-धीरे इस कदर हावी हो रही है कि आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में शायद यह महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है.
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने प्याज की कीमत को लेकर विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब दिया है.
विजय सोनकर शास्त्री ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि प्याज के नाम पर सियासत करना कतई उचित नहीं. केंद्र सरकार प्याज के भंडारण को लेकर त्वरित उपाय कर चुकी है.
शास्त्री का कहना है कि प्याज कोई सियासत का विषय नहीं है, जबकि विरोधी पार्टियां इस पर सियासत कर रही है.
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भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता ने देखा है और जानती है कि बारिश के कारण सारा प्याज का क्षेत्र डूब गया था. सरकार इसके लिए सारे प्रयास तत्परता से कर रही है.
विजय सोनकर शास्त्री के अनुसार इस समस्या को लेकर सरकार सजग है और तकनीकी पक्ष को देखते हुए जो भी व्यवस्था हो सकती है, वह कर रही है. जैसे प्याज का निर्यात बंद करना और प्याज आयात कर लोगों तक सुलभ कराना. ये सारे कदम सरकार उठा रही है.
बकौल शास्त्री, इस समस्या का असल कारण यह है कि बारिश के चलते महाराष्ट्र और अन्य जगहों पर प्याज की अधिकतर फसल खराब हो गई.