नई दिल्ली : भाजपा ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है. भाजपा ने कहा कि उनका का बयान आधारहीन, तर्कहीन और बुद्धिहीन है. भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता में कहा कि इस आधार पर आक्षेप लगाना, मात्र एक विफल प्रयास है.
उन्होंने कहा कि 1962 का युद्ध हो, 1965 का युद्ध हो, या 1971 का युद्ध हो, तब भारतीय जनता पार्टी नहीं थी, तब भारतीय जनसंघ के रूप में जिस प्रकार का सहयोग और समर्थन दिया था. उसकी नेहरू जी ने प्रशंसा की थी. वो हमारा चरित्र था और आपका चरित्र आज दिखाई दे रहा है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यूपीए सरकार में तब के रक्षा मंत्री एके एंटनी का सदन के पटल पर दिया बयान है कि बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर में चीन हमसे कहीं आगे है. हमारी ये रणनीति रही है कि सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत संरचना का विकास न किया जाए. तीन पीढ़ी तक ये चलता रहा और आज राहुल गांधी को वो डिजायन समझ आ रही है.
उन्होंने कहा कि 6 अक्टूबर, 1957 को चीन के एक अखबार ने स्पष्ट रूप से लिख दिया था कि चीन ने उस इलाके में तिब्बत तक सड़क बना ली है. इस बारे में 3 फरवरी, 1958 को भारत के विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा.
इससे पहले राहुल गांधी ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. राहुल ने कहा कि उन्होंने सत्ता में आने के लिए एक फर्जी स्ट्रांगमैन की छवि गढ़ी और अब उनकी सबसे बड़ी ताकत ही भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है. उन्होंने यह भी कहा कि चीनी प्रधानमंत्री की 56 इंच छवि वाले विचार पर हमला कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने श्रंखला के अपने दूसरे वीडियो को अटैच करते हुए एक ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने के लिए एक फर्जी स्ट्रांगमैन की छवि तैयार की. यह उनकी सबसे बड़ी ताकत थी और अब यह भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है.
राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ सीमा का कोई मुद्दा नहीं है.
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उन्होंने कहा, 'मुझे चिंता इस बात की है कि चीनी आज हमारे क्षेत्र में बैठे हुए हैं. चीनी अपनी रणनीति के बारे में सोचे बिना कुछ भी नहीं करते हैं. अपने दिमाग में उन्होंने एक दुनिया का नक्शा बनाया है और वे उस दुनिया को आकार देने की कोशिश कर रहे हैं. जो वे कर रहे हैं वही इसका पैमाना है, ग्वादर क्या है और वन बेल्ट एंड वन रोड क्या है. यह इस धरती का पुनर्गठन है. इसलिए यदि आप चीनियों के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ये बातें समझनी होंगी.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब वे (चीनी) रणनीतिक स्तर अपनी स्थिति में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं, चाहे वह गलवान हो, डेमचोक हो या पैंगोंग झील हो.
उन्होंने आगे कहा, 'बात उनकी स्थिति को लेकर है. वे हमारे राजमार्गों से परेशान हैं, वे हमारे राजमार्गों को निर्थक बना रहे हैं. यदि वे बड़े पैमाने पर सोच रहे हैं तो वे कश्मीर में पाकिस्तान के साथ कुछ करना चाहते हैं. '
कांग्रेस नेता ने कहा, 'इसलिए यह सिर्फ सीमा का कोई मुद्दा नहीं है. यह प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए गढ़ा गया सीमा का एक मुद्दा है और वे बहुत खास तरीके से दबाव बनाने की सोच रहे हैं.'
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चीनी दरअसल मोदी की छवि पर हमला कर रहे हैं.