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JNU का माहौल देख होता है अफसोस: सुदेश वर्मा

जेएनयू में बढ़ाई गई हॉस्टल फीस से शुरू हुआ प्रदर्शन खत्म ही नहीं हो रहा. अब छात्रों ने स्वामी विवेकानंद की मूर्ती पर कुछ असभ्य बाते लिखी हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने सुदेश वर्मा से बात की. इस दौरान वर्मा ने कहा कि जोएनयू कि स्थिती देख अफसोस होता है.

सुदेश वर्मा.
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Published : Nov 15, 2019, 3:28 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 5:37 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बढ़ाई गई हॉस्टल फीस को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद यह फैसला वापस ले लिया गया. वहीं दूसरी तरफ वहां स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के बाहर कुछ लोगों ने असभ्य शब्द लिखे. इस पर ईटीवी भारत ने जेएनयू के ही पूर्व छात्र बीजेपी प्रवक्ता सुदेश वर्मा से बातचीत की है.

सुदेश वर्मा ने कहा कि जेएनयू के छात्रों को प्रदर्शन करते देख अफसोस होता है. इस तरह का माहौल कभी नहीं देखा था. जेएनयू के छात्र अराजकता को हथियार बना चुके हैं. मांगें मनवाने का तरीका जेएनयू को अपने पूराने इतिहास में जा कर देखना चाहिए. कुछ अराजक तत्व वहां का माहौल खराब कर रहे हैं.

बीते दिन हुई घटना पर बात करते हुए वर्मा ने कहा कि विवेकानंद की मूर्ति के सामने असभ्य भाषा का प्रयोग करना गलत है. भगवा से तकलीफ है तो डिबेट करें. जेएनयू डिबेट के लिए जाना जाता है. डिबेट का छात्र प्रयोग करें और इस तरह का रवैया बदलें.

सुदेश वर्मा से ईटीवी भारत की बातचीत.

आगे वह बताते हैं कि जेएनयू डिबेट के लिए जाना जाता था और हर समस्या का हल भी डिबेट के जरिए ही निकलता था. गांधी जी के पथ पर चल कर लोग सत्याग्रह करते थे, लेकिन अराजक माहौल नहीं था.

पढ़ें: महाराष्ट्र संकट पर बोले गडकरी - 'क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है'

वहीं विपक्ष भी बीजेपी पर निशाना साध रही है, जिस पर सुदेश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस का केंद्र को दोषी ठहराना गलत है. जेएनयू में एक आईडियोलॉजिकल लड़ाई है और वहां छात्र बदलाव को पचा नहीं पा रहे. यह कमजोर लोग है, जो अराजकता फैला रहे हैं. इसके पीछे विपक्षी अराजक तत्वों का हाथ है. जेएनयू में ऐसे लोगों का कब्जा हो गया है.

राफेल के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैदान में कांग्रेस हार गई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को सही ठहराया है. अब कांग्रेस को माफी मांग लेनी चाहिए.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बढ़ाई गई हॉस्टल फीस को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद यह फैसला वापस ले लिया गया. वहीं दूसरी तरफ वहां स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के बाहर कुछ लोगों ने असभ्य शब्द लिखे. इस पर ईटीवी भारत ने जेएनयू के ही पूर्व छात्र बीजेपी प्रवक्ता सुदेश वर्मा से बातचीत की है.

सुदेश वर्मा ने कहा कि जेएनयू के छात्रों को प्रदर्शन करते देख अफसोस होता है. इस तरह का माहौल कभी नहीं देखा था. जेएनयू के छात्र अराजकता को हथियार बना चुके हैं. मांगें मनवाने का तरीका जेएनयू को अपने पूराने इतिहास में जा कर देखना चाहिए. कुछ अराजक तत्व वहां का माहौल खराब कर रहे हैं.

बीते दिन हुई घटना पर बात करते हुए वर्मा ने कहा कि विवेकानंद की मूर्ति के सामने असभ्य भाषा का प्रयोग करना गलत है. भगवा से तकलीफ है तो डिबेट करें. जेएनयू डिबेट के लिए जाना जाता है. डिबेट का छात्र प्रयोग करें और इस तरह का रवैया बदलें.

सुदेश वर्मा से ईटीवी भारत की बातचीत.

आगे वह बताते हैं कि जेएनयू डिबेट के लिए जाना जाता था और हर समस्या का हल भी डिबेट के जरिए ही निकलता था. गांधी जी के पथ पर चल कर लोग सत्याग्रह करते थे, लेकिन अराजक माहौल नहीं था.

पढ़ें: महाराष्ट्र संकट पर बोले गडकरी - 'क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है'

वहीं विपक्ष भी बीजेपी पर निशाना साध रही है, जिस पर सुदेश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस का केंद्र को दोषी ठहराना गलत है. जेएनयू में एक आईडियोलॉजिकल लड़ाई है और वहां छात्र बदलाव को पचा नहीं पा रहे. यह कमजोर लोग है, जो अराजकता फैला रहे हैं. इसके पीछे विपक्षी अराजक तत्वों का हाथ है. जेएनयू में ऐसे लोगों का कब्जा हो गया है.

राफेल के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैदान में कांग्रेस हार गई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को सही ठहराया है. अब कांग्रेस को माफी मांग लेनी चाहिए.

Intro:भाजपा ने जवाहरलाल यूनिवर्सिटी में चल रहे छात्रों के हंगामे के बीच बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जेएनयू में छात्रों के बीच आईडियोलॉजी फ्रस्ट्रेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है और यह कहीं ना कहीं सांकेतिक तौर पर भाजपा दूसरी पार्टियों पर आरोप लगा रही है उनका कहना है कि प्रशासन ने उनकी मांगे मान ली बावजूद छात्र राजनीति कर रहे हैं और एक पढ़ाई के संस्थान में राजनीति का अड्डा बनता जा रहा है भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जेएनयू से ही पढ़े लिखे सुदेश वर्मा का कहना है कि उन्होंने भी जेएनयू से पढ़ाई की है लेकिन तब मोहल्ले ऐसा नहीं था इस सवाल पर कि आखिर आज यह माहौल क्यों हुआ क्या केंद्र सरकार जेन्यू को संभाल नहीं पा रही इस पर सुदेश वर्मा का कहना है कि आज राजनीतिक हस्तक्षेप दूसरी पार्टियों का बढ़ गया है और जेएनयू टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों की भरमार होती जा रही है


Body: जेएनयू में चल रहे छात्र आंदोलन को लेकर भाजपा ने टिप्पणी की है कि कहीं ना कहीं जैनियों में दूसरी पार्टियां राजनीति कर रहे हैं उनका कहना है कि जेएनयू को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है यह वही पार्टियां है जो जेएनयू में टुकड़े-टुकड़े गैंग को बढ़ावा दे रही थी उनका कहना है कि यह आईडियोलॉजी का फ्रस्ट्रेशन है जो छात्र राजनीति के रूप में सामने आ रहा है उनका कहना है कि सभी छात्र ऐसे नहीं है मगर कुछ छात्रों को बहला-फुसलाकर कुछ पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं और आए दिन जेएनयू में हंगामा करवाती हैं


Conclusion:राष्ट्रीय प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि मात्र कुछ छात्रों के अपने निजी हित की राजनीति की वजह से जेएनयू को ही दोषी मानना या जेएनयू के माहौल को खराब करने की कोशिश गलत बात है उनका कहना है कि बाकी छात्र वहां पढ़ना चाहते हैं और जेएनयू एक विश्व स्तर का संस्थान है और केंद्र सरकार हरसंभव वहां शांति का प्रयास कर रही है लेकिन बावजूद कुछ पार्टियों को यह मंजूर नहीं है आखिर क्यों बार-बार जेएनयू में ही हंगामा होता है और देश विरोधी नारे लगाए जाते हैं या फिर सरकार के विरोध में उनका कहना है कि जो फीस से जुड़ी समस्याएं थी एचआरडी मंत्रालय ने उसे मान लिया है बाबू जो छात्र राजनीति खत्म करने को तैयार नहीं है तो कहीं ना कहीं पर उन्होंने कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों पर भी आरोप लगाया है कि आंदोलन को हवा दे रहे हैं
Last Updated : Nov 15, 2019, 5:37 PM IST
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