नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बढ़ाई गई हॉस्टल फीस को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद यह फैसला वापस ले लिया गया. वहीं दूसरी तरफ वहां स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के बाहर कुछ लोगों ने असभ्य शब्द लिखे. इस पर ईटीवी भारत ने जेएनयू के ही पूर्व छात्र बीजेपी प्रवक्ता सुदेश वर्मा से बातचीत की है.
सुदेश वर्मा ने कहा कि जेएनयू के छात्रों को प्रदर्शन करते देख अफसोस होता है. इस तरह का माहौल कभी नहीं देखा था. जेएनयू के छात्र अराजकता को हथियार बना चुके हैं. मांगें मनवाने का तरीका जेएनयू को अपने पूराने इतिहास में जा कर देखना चाहिए. कुछ अराजक तत्व वहां का माहौल खराब कर रहे हैं.
बीते दिन हुई घटना पर बात करते हुए वर्मा ने कहा कि विवेकानंद की मूर्ति के सामने असभ्य भाषा का प्रयोग करना गलत है. भगवा से तकलीफ है तो डिबेट करें. जेएनयू डिबेट के लिए जाना जाता है. डिबेट का छात्र प्रयोग करें और इस तरह का रवैया बदलें.
आगे वह बताते हैं कि जेएनयू डिबेट के लिए जाना जाता था और हर समस्या का हल भी डिबेट के जरिए ही निकलता था. गांधी जी के पथ पर चल कर लोग सत्याग्रह करते थे, लेकिन अराजक माहौल नहीं था.
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वहीं विपक्ष भी बीजेपी पर निशाना साध रही है, जिस पर सुदेश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस का केंद्र को दोषी ठहराना गलत है. जेएनयू में एक आईडियोलॉजिकल लड़ाई है और वहां छात्र बदलाव को पचा नहीं पा रहे. यह कमजोर लोग है, जो अराजकता फैला रहे हैं. इसके पीछे विपक्षी अराजक तत्वों का हाथ है. जेएनयू में ऐसे लोगों का कब्जा हो गया है.
राफेल के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैदान में कांग्रेस हार गई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को सही ठहराया है. अब कांग्रेस को माफी मांग लेनी चाहिए.