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सुशांत को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन के मूड में भाजपा ! - अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत सुसाइड केस में फिलहाल अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से सीबीआई जांच की अनुशंसा और केंद्र द्वारा सीबीआई को इस मामले को सौंपने के बाद राजनीति और भी गरमा गई है. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है और पूरी तरह से राजनीतिक हो चुका है, जिसमें भाजपा के निशाने पर मुख्य तौर पर शिवसेना है. लंबे समय तक एक साथ कदम ताल मिलाने वाले भाजपा और शिवसेना सुशांत मामले पर अब पूरी तरह से आमने-सामने दिख रहे हैं.

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सुशांत की मौत के मामले में भाजपा
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Published : Aug 6, 2020, 10:51 PM IST

Updated : Aug 6, 2020, 11:23 PM IST

नई दिल्ली : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को 50 दिन से अधिक हो चुके हैं. सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. हालांकि, जिस तरह की घटनाएं पिछले दिनों सामने आई हैं, अब इस केस के तार सीधे तौर पर राजनीति से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. बीजेपी इसका पूरा फायदा उठाना चाहती है. शुरुआत से ही इस मामले को भाजपा राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही थी. अब यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक तूल पकड़ चुका है.

इस मुद्दे पर पूछे जाने पर भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र से नेता देवेंद्र फडणवीस ने ईटीवी से बताया कि सवाल यह उठ रहा है कि यह जांच ठीक से हो रही या इसमें किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है ? इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मसला भी सामने आया है. इसमें पैसों की लेन-देन भी शामिल है. फडणवीस ने कहा कि किसके अकाउंट से पैसे आए, किसमें गए यह सारा मसला जांच का विषय बनता है. उन्होंने कहा कि सुशांत के केस को लेकर जन आक्रोश बढ़ रहा है. लगातार इसमें नए-नए खुलासे हो रहे हैं.

आंदोलन के मूड में भाजपा !

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बिहार की सरकार ने बिहार की 12 करोड़ जनता की मांग पर सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की. उन्होंने कहा कि मैं बिहार सरकार को धन्यवाद देता हूं. देश को भरोसा है कि सीबीआई दूध का दूध और पानी का पानी करेगी. उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार और उनके चाहने वालों को बिहार की 12 करोड़ जनता को न्याय मिलेगा.

तूल पकड़ता जा रहा मामला.

शाहनवाज ने यह भी कहा कि देश यह जानना चाहता है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार क्या छिपाना चाहती है ? इस तरह का व्यवहार क्यों कर रही है ? महाराष्ट्र सरकार इस मामले पर लीपापोती क्यों कर रही है ?

सूत्रों की मानें तो भाजपा ने यह तय किया है कि सुशांत मामले में बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के नेता और राष्ट्रीय नेता आने वाले दिनों में भी इस मामले को उठाएंगे. हालांकि, भाजपा का निशाना सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के बेटे की तरफ भी सांकेतिक तौर पर है. इस पर खुद आदित्य ठाकरे ने सफाई भी दी है, मगर अब भाजपा उस पर टिप्पणी करते हुए कह रही है कि उन्होंने मुख्यमंत्री का नाम नहीं लिया, चोर की दाढ़ी में तिनका कैसा ?

इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता भी सीधे तौर पर शिवसेना पर उंगली उठा रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार से सवाल कर रहे हैं. भाजपा इसे सोची समझी राजनीति के तहत शिवसेना के खिलाफ एक मुद्दा बनाने की रणनीति अपनाती दिख रही है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान ने एक बैठक में साफ तौर पर यह निर्देश दिया था जिस तरह शिवसेना के नेता हर मुद्दे पर केंद्र सरकार को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, ऐसे में अब बारी भाजपा की है. महाराष्ट्र सरकार पर हमला करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र इकाई को यह साफ निर्देश दिए गए हैं कि वह इसे अभियान के तौर पर उठाएं. ऐसे में सवाल लाजमी है कि क्या एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र सरकार को संकट में लाना चाहती है ?

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की रणनीति चाहे वह कोविड-19 को लेकर हो या फिर 6 साल पूरे होने पर गिनाई गई उपलब्धियां, शिवसेना ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया था.

ऐसे में अब राजनीतिक लोगों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए आशंका यह भी जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सीबीआई जांच के बाद एक के बाद नए खुलासे हो सकते हैं. इस बात पर भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं ऐसा न हो कि इस मामले में जांच की आंच महाराष्ट्र के शीर्ष नेताओं तक पहुंच जाए.

नई दिल्ली : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को 50 दिन से अधिक हो चुके हैं. सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. हालांकि, जिस तरह की घटनाएं पिछले दिनों सामने आई हैं, अब इस केस के तार सीधे तौर पर राजनीति से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. बीजेपी इसका पूरा फायदा उठाना चाहती है. शुरुआत से ही इस मामले को भाजपा राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही थी. अब यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक तूल पकड़ चुका है.

इस मुद्दे पर पूछे जाने पर भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र से नेता देवेंद्र फडणवीस ने ईटीवी से बताया कि सवाल यह उठ रहा है कि यह जांच ठीक से हो रही या इसमें किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है ? इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मसला भी सामने आया है. इसमें पैसों की लेन-देन भी शामिल है. फडणवीस ने कहा कि किसके अकाउंट से पैसे आए, किसमें गए यह सारा मसला जांच का विषय बनता है. उन्होंने कहा कि सुशांत के केस को लेकर जन आक्रोश बढ़ रहा है. लगातार इसमें नए-नए खुलासे हो रहे हैं.

आंदोलन के मूड में भाजपा !

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बिहार की सरकार ने बिहार की 12 करोड़ जनता की मांग पर सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की. उन्होंने कहा कि मैं बिहार सरकार को धन्यवाद देता हूं. देश को भरोसा है कि सीबीआई दूध का दूध और पानी का पानी करेगी. उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार और उनके चाहने वालों को बिहार की 12 करोड़ जनता को न्याय मिलेगा.

तूल पकड़ता जा रहा मामला.

शाहनवाज ने यह भी कहा कि देश यह जानना चाहता है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार क्या छिपाना चाहती है ? इस तरह का व्यवहार क्यों कर रही है ? महाराष्ट्र सरकार इस मामले पर लीपापोती क्यों कर रही है ?

सूत्रों की मानें तो भाजपा ने यह तय किया है कि सुशांत मामले में बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के नेता और राष्ट्रीय नेता आने वाले दिनों में भी इस मामले को उठाएंगे. हालांकि, भाजपा का निशाना सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के बेटे की तरफ भी सांकेतिक तौर पर है. इस पर खुद आदित्य ठाकरे ने सफाई भी दी है, मगर अब भाजपा उस पर टिप्पणी करते हुए कह रही है कि उन्होंने मुख्यमंत्री का नाम नहीं लिया, चोर की दाढ़ी में तिनका कैसा ?

इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता भी सीधे तौर पर शिवसेना पर उंगली उठा रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार से सवाल कर रहे हैं. भाजपा इसे सोची समझी राजनीति के तहत शिवसेना के खिलाफ एक मुद्दा बनाने की रणनीति अपनाती दिख रही है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान ने एक बैठक में साफ तौर पर यह निर्देश दिया था जिस तरह शिवसेना के नेता हर मुद्दे पर केंद्र सरकार को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, ऐसे में अब बारी भाजपा की है. महाराष्ट्र सरकार पर हमला करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र इकाई को यह साफ निर्देश दिए गए हैं कि वह इसे अभियान के तौर पर उठाएं. ऐसे में सवाल लाजमी है कि क्या एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र सरकार को संकट में लाना चाहती है ?

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की रणनीति चाहे वह कोविड-19 को लेकर हो या फिर 6 साल पूरे होने पर गिनाई गई उपलब्धियां, शिवसेना ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया था.

ऐसे में अब राजनीतिक लोगों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए आशंका यह भी जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सीबीआई जांच के बाद एक के बाद नए खुलासे हो सकते हैं. इस बात पर भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं ऐसा न हो कि इस मामले में जांच की आंच महाराष्ट्र के शीर्ष नेताओं तक पहुंच जाए.

Last Updated : Aug 6, 2020, 11:23 PM IST
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