नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भाजपा कार्यकर्ता और तीन तलाक के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में पहली मुस्लिम याचिकाकर्ता इशरत जहां के साथ हुई बदसलूकी का मामला राजनीतिक रंग ले चुका है.
इशरत जहां के एक हनुमान चालीसा के पाठ में शामिल होने पर आपत्ति जताते हुए कुछ उलेमाओं ने फतवा जारी कर दिया, तो उन्ही के समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें डराया धमकाया. इशरत का ये भी आरोप है कि उनके साथ गाली गलौच की गई और जहां वो रहती है उस इलाके को छोड़ कर जाने के लिये दवाब बनाया जा रहा है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रशासन से उचित कार्रवाई और इशरत को सुरक्षा देने की मांग की है.
बता दें, इशरत जहां भाजपा कार्यकर्ता होने के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के विरोध में पहली याचिका दायर करने वाली मुस्लिम महिला भी हैं.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जब ममता बनर्जी नमाज में शरीक होने जाती हैं तब तो कोई आपत्ति नहीं होती, फिर इशरत के हनुमान चालीसा के कार्यक्रम में भाग लेने पर इतनी आपत्ति क्यों हो रही है.
दिलीप घोष ने मांग की है कि इशरत जहां को पुलिस की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिये. अगर ऐसा नहीं हुआ तो भाजपा इसके विरोध में सड़क पर उतरेगी.
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वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने भी इस घटना का विरोध करते हुए कहा है कि किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हो जाने मात्र से किसी का धर्म नहीं बदल जाता.
ईद के कार्यक्रम में भी भारी संख्या में हिन्दू भाग लेते हैं तो कोई बवाल नहीं होता.
राहुल सिन्हा ने ऐसे उलेमाओं और लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
इशरत जहां की सुरक्षा को लेकर राहुल सिन्हा ने कहा कि अभी तो वह केवल बंगाल सरकार से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अगर इस पूरे मामले में जल्द से जल्द कोई कार्रवाई नहीं हुई तो भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर भी उतरेंगे.