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भाजपा के राज्यसभा सदस्य अशोक गस्ती का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार - अशोक गस्ती का अंतिम संस्कार

नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य अशोक गस्ती का अंतिम संस्कार कर्नाटक के रायचुरु तालुका में पूरे राजकीय सम्मान और कोविड प्रोटोकॉल के साथ किया गया. गस्ती की पहचान रायचूर में एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता के रूप में थी. गस्ती इस साल जून में भाजपा के टिकट पर राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था. कोरोना के कारण अशोक गस्ती का 17 सितंबर की देर रात निधन हो गया.

Ashok Gasti
अशोक गस्ती
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Published : Sep 18, 2020, 8:03 PM IST

बेंगलुरु : नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य अशोक गस्ती का रायचुरु तालुका में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनका अंतिम संस्कार सविता समाज के अनुष्ठानों के अनुसार पोठगल गांव में किया गया. उनके बड़े बेटे ने चिता को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ किया गया. सामाजिक भागीदारी न्यूनतम थी. पुलिसकर्मियों और अन्य गणमान्य लोगों ने दिवंगत आत्मा को पुष्पांजलि और गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया

गस्ती के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वह समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों को सशक्त बनाने के लिए आतुर रहते थे. राज्यसभा सांसद अशोक गस्ती कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले एक समर्पित कार्यकर्ता थे. उन्हें समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों को सशक्त बनाने का जुनून था. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना. ओम शांति.

इस साल जून में बने थे राज्यसभा सदस्य

कोरोना पाॅजिटिव होने पर गस्ती को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल के निदेशक मनीष राय ने एक बयान में कहा कि 55 वर्षीय राजनेता को 2 सितंबर को ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

Ashok Gasti Last rites
अशोक गस्ती का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

गुरुवार रात 10.31 बजे उनका निधन हो गया. राय के अनुसार अशोक गस्ती मल्टी-ऑर्गन फेल्योर था. रायचूर के एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता गस्ती को इस साल जून में भाजपा के टिकट पर राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था. सविता समाज के पिछड़े समुदाय से आने वाले गस्ती आरएसएस के कार्यकर्ता थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य थे.

बेंगलुरु : नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य अशोक गस्ती का रायचुरु तालुका में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनका अंतिम संस्कार सविता समाज के अनुष्ठानों के अनुसार पोठगल गांव में किया गया. उनके बड़े बेटे ने चिता को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ किया गया. सामाजिक भागीदारी न्यूनतम थी. पुलिसकर्मियों और अन्य गणमान्य लोगों ने दिवंगत आत्मा को पुष्पांजलि और गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया

गस्ती के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वह समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों को सशक्त बनाने के लिए आतुर रहते थे. राज्यसभा सांसद अशोक गस्ती कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले एक समर्पित कार्यकर्ता थे. उन्हें समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों को सशक्त बनाने का जुनून था. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना. ओम शांति.

इस साल जून में बने थे राज्यसभा सदस्य

कोरोना पाॅजिटिव होने पर गस्ती को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल के निदेशक मनीष राय ने एक बयान में कहा कि 55 वर्षीय राजनेता को 2 सितंबर को ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

Ashok Gasti Last rites
अशोक गस्ती का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

गुरुवार रात 10.31 बजे उनका निधन हो गया. राय के अनुसार अशोक गस्ती मल्टी-ऑर्गन फेल्योर था. रायचूर के एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता गस्ती को इस साल जून में भाजपा के टिकट पर राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था. सविता समाज के पिछड़े समुदाय से आने वाले गस्ती आरएसएस के कार्यकर्ता थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य थे.

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