नई दिल्ली: राज्यसभा में किसी बिल को पास करना भाजपा के लिए अभी भी आसान नहीं है. भाजपा की अपनी ही गठबंधन की पार्टी जदयू अभी भी तीन तलाक बिल का विरोध कर रही है. ऐसे में बिल पेश करना और दोनों सदनों से पास करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. आंकड़ों के सवाल पर बीजेपी के राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा ने कहा है कि पार्टी दक्षिण भारतीय राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकती है.
राज्यसभा की स्थिति को लेकर भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि फिलहाल हमारी नजर दक्षिण भारत के उन राज्यों पर है जहां भाजपा लोकसभा में कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी.
उन्होंने कहा कि ओडिशा विधानसभा के आंकड़े के अनुसार फिलहाल यहां से भाजपा को कोई राज्यसभा सीट मिलती नजर नहीं आ रही है. तमिलनाडु की एक सीट भाजपा के खाते में जरूर आ सकती है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों टीडीपी के 4 राज्यसभा सांसद और इनेलो के रामकुमार कश्यप बीजेपी में शामिल हुए हैं, इनके पार्टी ज्वाइन करने के बाद भी राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों का आंकड़ा 76 तक ही पहुंच पाया है. ये आंकड़ा अभी भी बहुमत के आंकड़े से दूर है.
कई राज्यों में खाली होने वाली राज्यसभा सीटों के मद्देनजर आनेवाले दिनों में भाजपा की संख्या राज्यसभा में 110 होने के कयास लगाए जा रहे हैं. इसके बाद भी बहुमत का आंकड़ा 123 मिलता नहीं दिख रहा है. इन हालात में भाजपा को राज्यसभा में बहुमत के लिए 2022 तक का इंतज़ार करना पड़ सकता है. जीवीएल नरसिम्हा ने भी कहा है कि 2022 तक स्वाभाविक रूप से नतीजे हमारे पक्ष में होंगे.
इसलिए फिलहाल पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का मिशन राज्यसभा बहुमत है. सूत्रों की मानें तो शाह इसके लिए दूसरी पार्टी के सांसदों को पार्टी में मिलाने के लिए काफी जोर आजमाइश लगा रहे हैं. जिसमें तमिलनाडु और बंगाल पर सबसे ज्यादा नजरें गड़ी हैं.
गौरतलब है कि बीजेपी ने 17वीं लोकसभा की शुरुआत में ही तीन तलाब बिल पेश कर दिया है. महत्वपूर्ण विधयकों को कानून का रूप देने पर बीजेपी के अलावा NDA में भी मंथन जारी है.
तीन तलाक बिल को लेकर जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ईटीवी भारत से कहा कि की यह समाजवादी आंदोलन से निकला हुआ विषय है, जयप्रकाश नारायण और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने इसे अपनी चिंताओं का केंद्र बिंदु माना था, भारत सभी धर्मों का देश है इसलिए कोई भी ऐसा कदम उठाने से पहले समाज के सभी वर्गों को विश्वास में लेना चाहिए.
त्यागी ने कहा कि हम लोग सुधारों के विरूद्ध नहीं हैं, हम लोग नारी के समानता के पक्षधर हैं लेकिन ऐसे नाजूक मामले में आम सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिए. इस विषय पर एनडीए के अंदर भी आम सहमति नहीं है.
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जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि हम लोग ट्रिपल तलाक बिल का संसद में समर्थन नहीं करेंगे. जदयू काफी पहले से इस बिल के खिलाफ में है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 2017 में लॉ कमीशन के चेयरमैन डॉ बीएस चौहान को लिखे पत्र में इस विषय पर अपनी चिंताएं शेयर की थी.