नई दिल्ली : संसद में कृषि विधेयक पर हार से तिलमिलाए विपक्षी दल लगातार सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं. दूसरी ओर, राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को विपक्ष के आठ सांसदों को निलंबित कर दिया. किसान विधेयक के पारित होने का विरोध करते हुए रविवार को इन आठों सांसदों ने सदन के वेल में जाकर विधेयक को फाड़ दिया था. इसके साथ ही धक्का-मुक्की भी की थी. निलंबन से नाराज आठों सांसद संसद परिसर में ही धरने पर बैठ गए. इन्हीं सांसदों में से एक राज्य सभा में कांग्रेस के सांसद रिपुन बोरा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार कॉरपोरेट सेक्टर के इशारे पर काम कर रही है. जब तक सरकार किसान बिल को वापस नहीं लेती, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. जाहिर है मामला इस मुद्दे पर अभी कुछ दिन गर्म ही रहेगा.
विपक्ष को ध्वस्त करना चाहती है बीजेपी
रिपुन बोरा ने अपने विरोध को अलोकतांत्रिक बताने का विरोध करते हुए कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब वे हफ्तों और महीनों तक सदन की कार्यवाही को बाधित करते थे. बोरा ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बीजेपी विपक्ष को ध्वस्त करना चाहती है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है.
किसानों का शोषण करेंगे कॉरपोरेट जगत के लोग
बोरा ने कहा कि किसान विधेयक पर मतदान की अपील की थी, लेकिन सरकार ने हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया और विधेयक को हुक एंड क्रूक द्वारा पारित कर दिया. इस विधेयक के जरिए कॉरपोरेट जगत के लोग किसानों का शोषण करेंगे. कांग्रेस का दावा है कि मंडी प्रणाली को समाप्त करने से राज्यों का राजस्व गंभीर रूप से प्रभावित होगा. इससे ग्रामीण और कृषि विकास कार्य प्रभावित होंगे. बोरा ने कहा कि हम किसानों के विरोधी बिल का विरोध करते हैं. यह अस्वीकार्य और निंदनीय है. बीजेपी सरकार हमेशा से किसानों को अनदेखा करती रही है.
आठ सांसद मौजूदा मानसून सत्र के शेष दिनों से निलंबित
रविवार को सदन में हुए गलत व्यवहार पर कार्रवाई करते हुए राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को रिपुन बोरा सहित तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोका सेन, कांग्रेस से राजीव सातव और सईद नासिर बोरा, सीपीएम के केके रागेश और एलाराम कारिन व आप के संजय सिंह को संसद के मौजूदा मानसून सत्र के शेष दिनों से निलंबित कर दिया. किसान विधेयक के पारित होने का विरोध करते हुए रविवार को इन सांसदों ने सदन के वेल में जाकर विधेयक को फाड़ दिया था. इसके साथ ही धक्का-मुक्की भी की थी.
विपक्ष ने विधेयक को बताया किसानों के लिए मौत का वारंट
कृषि वस्तुओं में व्यापार पर बिचौलियों की पकड़ को देखते हुए बिल ने मंडियों के एकाधिकार को समाप्त कर दिया है, मगर विपक्ष ने विधेयक को किसानों के लिए मौत का वारंट करार दिया है. राज्य सभा से निलंबन के विरोध में संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बोरा और सात अन्य निलंबित सांसद सोमवार को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. साथ ही सरकार को कोसते और खुद के राज्य सभा में रविवार को किए व्यवहार पर सफाई देते रहे.