नई दिल्ली : पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यभार संभाला. तीनों सेनाओं के जवानों ने उन्हें सलामी दी. इससे पहले जन रावत ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. सीडीएस का पदभार संभालने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रावत को बधाई दी.
चीफ ऑफ द डिफेंस स्टॉफ का कार्यालय साउथ ब्लॉक में होगा और उनकी वर्दी मूल सेवा वाली होगी. जनरल बिपिन रावत अपने तीन साल के कार्यकाल के बाद मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए थे. सोमवार को उन्हें भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था.
वायुसेना प्रमुख की प्रतिक्रिया
एयर फोर्स चीफ भदौरिया ने कहा, 'सीडीएस पद बहुत बड़ा और बहुत ही साहसिक कदम है. इससे तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल का भाव आएगा. जिन जरूरतों को लेकर इस पद को बनाया गया है, उन्हें तय समय में हासिल किया जाएगा. इस दिशा में काफी काम होने हैं और हम उन्हें अच्छे से करेंगे.' वायु सेना की भूमिका पर उन्होंने कहा, 'भारतीय वायु सेना को पूरी तरह सपॉर्ट मिलेगा. ट्रेनिंग, लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्र की पहचान पहले ही की जा चुकी है और हाल के समय में हमने इस दिशा में बहुत कुछ किया है और हमें और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. हमारी कोशिशें जारी रहेंगी.'
भारतीय सेना के सार्वजनिक सूचना अतिरिक्त महानिदेशालय ने ट्वीट किया, 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) का कार्यालय साउथ ब्लॉक में होगा. सीडीएस की वर्दी मूल सेवा वाली होगी. सीडीएस के रैंक बैज और वर्दी संयुक्तता, एकीकरण और तालमेल को दर्शाएगी.'
सीडीएस बनने के बाद सेना की तमाम जरुरतें पूरी होंगी. इस सवाल का जवाब देते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा कि तालमेल से काम होता है. सीडीएस निष्पक्ष और बिना किसी भेदभाव के काम करेगी. सेना को राजनीति से दूर रहना चाहिए, इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम राजनीति से दूर हैं. अपने उपर लग रहे राजनीतिक झुकाव के आरोप पर कहा कि हम सरकार के आदेश पर काम करते हैं.
सेना ने कई ट्वीट में सीडीएस की टोपी, वर्दी के बटन, बेल्ट के बकल और कार के झंडे जैसी चीजों और रैंक के बैज की तस्वीरें साझा कीं.
बता दें कि सरकार ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का एक नया विभाग बनाया है और नवनियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत इसके प्रमुख बनाए गए..
मंगलवार को जारी एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई थी.
बता दें कि थल सेना प्रमुख के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके जनरल रावत को सोमवार को देश का पहला सीडीएस नामित किया गया था.
आदेश के अनुसार नए विभाग के पास तीनों सेनाओं - थल सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित कार्य होंगे. इसके अलावा मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार पूंजीगत खरीद को छोड़कर सेवाओं के लिए विशिष्ट खरीद की भी जिम्मेदारी नए विभाग के पास होगी.
इस आदेश में कहा गया है कि विभाग संयुक्त और थिएटर कमानों की स्थापना सहित संचालन में सहयोग के जरिए संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए सैन्य कमांड के पुनर्गठन की सुविधा सुनिश्चित करेगा.
इसके अलावा यह संयुक्त योजनाओं और आवश्यकताओं के एकीकरण के जरिए सैन्य सेवाओं में खरीद, प्रशिक्षण और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में समन्वय लाएगा.
साथ ही विभाग सेना में स्वदेश निर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत सरकार (कामकाज का आवंटन) नियमावली, 1961 में बदलाव को मंजूरी दे दी और इसके बाद विभाग का गठन किया गया.
इस परिवर्तन के बाद रक्षा मंत्रालय के अधीन अब पांच विभाग होंगे. इन विभागों में रक्षा विभाग, सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग शामिल हैं.
सैन्य मामलों के विभाग में रक्षा मंत्रालय का एक एकीकृत मुख्यालय होगा जिसमें थल सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायु मुख्यालय, डिफेंस स्टाफ मुख्यालय और प्रादेशिक सेना शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के सृजन को मंजूरी दी थी.