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बिहार चुनाव : तीसरे चरण में 31 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में 31 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा 30 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं.

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Published : Nov 2, 2020, 3:49 PM IST

नई दिल्ली : एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट (ADR) के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 31 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

ADR ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने बिहार में तीसरे चरण का चुनाव लड़ रहे 1204 उम्मीदवारों में से सभी 1195 के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया. इस दौरान उसने पाया कि 371 (31 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

तीसरे चरण के मतदान में राजद के 44 उम्मीदवारों में से 32, भाजपा के 34 उम्मीदवारों में से 26, कांग्रेस के 25 उम्मीदवारों में से 19, एलजेपी के 42 उम्मीदवारों में से 18, जेडीयू के 37 उम्मीदवारों में से 21और बीएसपी के 9 में से 5 उम्मीदवारों ने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

विश्लेषण किए गए सभी उम्मीदवारों में से 24 फीसदी (282) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए, जिनमें बलात्कार, हत्या, हमला और अपहरण शामिल थे.

ADR के संस्थापक सदस्य जगदीप छोकर ने सोमवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कि राजनीतिक दलों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इसलिए उन्होंने फिर से बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में आपराधिक मामलों वाले लगभग 31 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट दिया है और अपनी पुरानी प्रथा को जारी रखा है.

सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 के अपने निर्देशों में राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि उन्हें इस तरह के चयन के लिए कारण बताना होगा और यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक छवि वाले व्यक्तियों को उम्मीदवारों के रूप में क्यों नहीं चुना गया.

इस बीच भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों के 104 उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से उनके खिलाफ लंबित मामलों को सार्वजनिक नहीं करने के लिए नोटिस भेजा है.

ADR के अनुसार बिहार में चुनाव लड़ रही सभी राजनीतिक दलों में से केवल जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई (एम-एल) ने ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी वेबसाइट पर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के संबंध में विस्तृत जानकारी अपलोड की गई है.

पढ़ें - दूसरे चरण के लिए रैलियां खत्म, 94 सीटों पर तीन नवंबर को वोटिंग

ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले प्रति उम्मीदवार संपत्ति औसतन 1.47 करोड़ रुपये है.

बिहार चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले करोड़पति उम्मीदवारों के बारे में जानकारी देते हुए ADR ने कहा कि 1195 उम्मीदवारों में से, 361 यानी 30 फीसदी करोड़पति हैं.

प्रमुख दलों में भाजपा के 34 उम्मीदवारों में से 31, कांग्रेस के 25 उम्मीदवारों में से 17, राजद के 44 उम्मीदवारों में से 35, जेडी (यू) के 37 उम्मीदवारों में से 30, 42 उम्मीदवारों में से 31 उम्मीदवार एलजेपी और बीएसपी के 19 उम्मीदवारों में से 10 ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.

नई दिल्ली : एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट (ADR) के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 31 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

ADR ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने बिहार में तीसरे चरण का चुनाव लड़ रहे 1204 उम्मीदवारों में से सभी 1195 के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया. इस दौरान उसने पाया कि 371 (31 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

तीसरे चरण के मतदान में राजद के 44 उम्मीदवारों में से 32, भाजपा के 34 उम्मीदवारों में से 26, कांग्रेस के 25 उम्मीदवारों में से 19, एलजेपी के 42 उम्मीदवारों में से 18, जेडीयू के 37 उम्मीदवारों में से 21और बीएसपी के 9 में से 5 उम्मीदवारों ने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

विश्लेषण किए गए सभी उम्मीदवारों में से 24 फीसदी (282) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए, जिनमें बलात्कार, हत्या, हमला और अपहरण शामिल थे.

ADR के संस्थापक सदस्य जगदीप छोकर ने सोमवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कि राजनीतिक दलों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इसलिए उन्होंने फिर से बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में आपराधिक मामलों वाले लगभग 31 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट दिया है और अपनी पुरानी प्रथा को जारी रखा है.

सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 के अपने निर्देशों में राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि उन्हें इस तरह के चयन के लिए कारण बताना होगा और यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक छवि वाले व्यक्तियों को उम्मीदवारों के रूप में क्यों नहीं चुना गया.

इस बीच भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों के 104 उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से उनके खिलाफ लंबित मामलों को सार्वजनिक नहीं करने के लिए नोटिस भेजा है.

ADR के अनुसार बिहार में चुनाव लड़ रही सभी राजनीतिक दलों में से केवल जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई (एम-एल) ने ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी वेबसाइट पर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के संबंध में विस्तृत जानकारी अपलोड की गई है.

पढ़ें - दूसरे चरण के लिए रैलियां खत्म, 94 सीटों पर तीन नवंबर को वोटिंग

ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले प्रति उम्मीदवार संपत्ति औसतन 1.47 करोड़ रुपये है.

बिहार चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले करोड़पति उम्मीदवारों के बारे में जानकारी देते हुए ADR ने कहा कि 1195 उम्मीदवारों में से, 361 यानी 30 फीसदी करोड़पति हैं.

प्रमुख दलों में भाजपा के 34 उम्मीदवारों में से 31, कांग्रेस के 25 उम्मीदवारों में से 17, राजद के 44 उम्मीदवारों में से 35, जेडी (यू) के 37 उम्मीदवारों में से 30, 42 उम्मीदवारों में से 31 उम्मीदवार एलजेपी और बीएसपी के 19 उम्मीदवारों में से 10 ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.

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