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असम : भूटान ने भारत को नहर का पानी छोड़ना किया बंद, हजारों किसान प्रभावित - सिंचाई चैनल का पानी छोड़ना बंद

लद्दाख की गलवान घाटी में सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद चीन अपने राजनयिक हथकंडे का उपयोग कर क्षेत्रीय सहयोगियों के जरिए नई दिल्ली पर दबाव बना रहा है. इस बीच भूटान ने असम के पास अपनी सीमा पर भारत के लिए सिंचाई चैनल का पानी छोड़ना बंद कर दिया है.

Bhutan hassles India
भूटान ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोला
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Published : Jun 26, 2020, 11:33 AM IST

Updated : Jun 26, 2020, 1:07 PM IST

नई दिल्ली : चीन, पाकिस्तान और नेपाल के बाद अब भूटान ने भी भारत के लिए एक मुश्किल खड़ी कर दी है. भूटान ने असम के पास अपनी सीमा पर भारत को सिंचाई चैनल (नहर) का पानी छोड़ना बंद कर दिया है. थिम्पू के इस कदम से सीमा क्षेत्र के 25 गांवों में हजारों किसान प्रभावित हुए हैं.

गुवाहाटी में सूत्रों ने बताया कि किसानों ने मानव निर्मित सिंचाई चैनल 'डोंग' का पानी रोकने के खिलाफ प्रदर्शन किया है. किसान धान की खेती के लिए 'डोंग' सिंचाई चैनल के पानी का उपयोग करते थे. सीमा क्षेत्र के भूटान और भारत के किसान साल 1953 से सिंचाई चैनल का उपयोग कर रहे हैं.

पढ़ें- भारत-चीन सीमा विवाद : गलवान घाटी में पीछे हटे चीन के सैनिक

सूत्रों ने कहा कि भूटानी सरकार द्वारा सिंचाई चैनल का पानी रोकने से 25 गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, भूटान ने कहा है कि नहर की मरम्मत और सफाई का कार्य चल रहा है, जिसके कारण अस्थाई तौर पर पानी को रोका गया है.

साथ ही भूटान का कहना है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों के तहत नहर का पानी रोका गया है, जिसकी उत्पत्ति चीन में हुबेई प्रांत के वुहान शहर से होती है.

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद बीजिंग अपने राजनयिक हथकंडे का उपयोग कर क्षेत्रीय सहयोगियों के जरिए नई दिल्ली पर दबाव बना रहा है. चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने भारत के पड़ोसी देशों में भारी निवेश किया है, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण एशिया बड़े स्तर पर चीन पर निर्भर हो गया है.

नई दिल्ली : चीन, पाकिस्तान और नेपाल के बाद अब भूटान ने भी भारत के लिए एक मुश्किल खड़ी कर दी है. भूटान ने असम के पास अपनी सीमा पर भारत को सिंचाई चैनल (नहर) का पानी छोड़ना बंद कर दिया है. थिम्पू के इस कदम से सीमा क्षेत्र के 25 गांवों में हजारों किसान प्रभावित हुए हैं.

गुवाहाटी में सूत्रों ने बताया कि किसानों ने मानव निर्मित सिंचाई चैनल 'डोंग' का पानी रोकने के खिलाफ प्रदर्शन किया है. किसान धान की खेती के लिए 'डोंग' सिंचाई चैनल के पानी का उपयोग करते थे. सीमा क्षेत्र के भूटान और भारत के किसान साल 1953 से सिंचाई चैनल का उपयोग कर रहे हैं.

पढ़ें- भारत-चीन सीमा विवाद : गलवान घाटी में पीछे हटे चीन के सैनिक

सूत्रों ने कहा कि भूटानी सरकार द्वारा सिंचाई चैनल का पानी रोकने से 25 गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, भूटान ने कहा है कि नहर की मरम्मत और सफाई का कार्य चल रहा है, जिसके कारण अस्थाई तौर पर पानी को रोका गया है.

साथ ही भूटान का कहना है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों के तहत नहर का पानी रोका गया है, जिसकी उत्पत्ति चीन में हुबेई प्रांत के वुहान शहर से होती है.

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद बीजिंग अपने राजनयिक हथकंडे का उपयोग कर क्षेत्रीय सहयोगियों के जरिए नई दिल्ली पर दबाव बना रहा है. चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने भारत के पड़ोसी देशों में भारी निवेश किया है, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण एशिया बड़े स्तर पर चीन पर निर्भर हो गया है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 1:07 PM IST
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