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प्रशांत भूषण के पास पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का विकल्प - प्रशांत भूषण

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाया है. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने का एक रुपया 15 सितंबर तक जमा करने का निर्देश दिया. जिस पर वकीलों का कहना है कि प्रशांत भूषण इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील कर सकते हैं.

Arun Gupta
अरुण गुप्ता
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Published : Aug 31, 2020, 8:25 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में एक रुपये के जुर्माने के मामले पर वकीलों का कहना है कि प्रशांत भूषण इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील कर सकते हैं. अगर वह ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि कोर्ट की अवमानना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत दिशानिर्देश आए.

अरुण गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को यह नागवार लगा कि न्यायपालिका का हिस्सा होते हुए भी प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस के खिलाफ टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण का ट्वीट प्रतीकात्मक था. उन्होंने कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की. प्रशांत भूषण के पास सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का विकल्प है. अगर ऐसा होता है तो संभव है कि वकीलों से लेकर पत्रकारों तक के लिए कोर्ट की अवमानना पर एक विस्तृत दिशानिर्देश आए.

प्रशांत भूषण कर सकते हैं पुनर्विचार की अपील

'सुप्रीम कोर्ट भी सुधारता है अपनी गलतियां'
अरुण गुप्ता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट से गलतियां नहीं होती हैं. कोर्ट अपनी गलतियां सुधारता भी है. अगर यह मामला बड़ी बेंच के पास जाए तो हो सकता है कि अवमानना के मामले का दायरा बड़ा हो और उस पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी हो.

पढ़ें - अवमानना केस : प्रशांत भूषण पर 1 ₹ का जुर्माना, न भरने पर 3 माह की जेल

प्रशांत भूषण पर लगाया गया एक रुपये का जुर्माना
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाया है. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने का एक रुपया 15 सितंबर तक जमा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर 15 सितंबर तक जुर्माने की रकम जमा नहीं की जाती है तो प्रशांत भूषण को तीन महीने की कैद और तीन साल की वकालत की प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाएगी.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में एक रुपये के जुर्माने के मामले पर वकीलों का कहना है कि प्रशांत भूषण इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील कर सकते हैं. अगर वह ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि कोर्ट की अवमानना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत दिशानिर्देश आए.

अरुण गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को यह नागवार लगा कि न्यायपालिका का हिस्सा होते हुए भी प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस के खिलाफ टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण का ट्वीट प्रतीकात्मक था. उन्होंने कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की. प्रशांत भूषण के पास सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का विकल्प है. अगर ऐसा होता है तो संभव है कि वकीलों से लेकर पत्रकारों तक के लिए कोर्ट की अवमानना पर एक विस्तृत दिशानिर्देश आए.

प्रशांत भूषण कर सकते हैं पुनर्विचार की अपील

'सुप्रीम कोर्ट भी सुधारता है अपनी गलतियां'
अरुण गुप्ता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट से गलतियां नहीं होती हैं. कोर्ट अपनी गलतियां सुधारता भी है. अगर यह मामला बड़ी बेंच के पास जाए तो हो सकता है कि अवमानना के मामले का दायरा बड़ा हो और उस पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी हो.

पढ़ें - अवमानना केस : प्रशांत भूषण पर 1 ₹ का जुर्माना, न भरने पर 3 माह की जेल

प्रशांत भूषण पर लगाया गया एक रुपये का जुर्माना
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाया है. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने का एक रुपया 15 सितंबर तक जमा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर 15 सितंबर तक जुर्माने की रकम जमा नहीं की जाती है तो प्रशांत भूषण को तीन महीने की कैद और तीन साल की वकालत की प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाएगी.

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