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खामोश हो गई गैस पीड़ितों की आवाज, नहीं रहे अब्दुल जब्बार - गैस कांड

गैस पीड़ितों की आवाज को बुलंदी के साथ उठाने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार का इलाज के दौरान निधन हो गया. जब्बार लंबे समय से बीमार चल रहे थे. जानें विस्तार से...

नहीं रहे अब्दुल जब्बार
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Published : Nov 15, 2019, 9:50 AM IST

Updated : Nov 15, 2019, 10:29 AM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में 1984 की रात यूनियन कार्बाइड से हुए गैस कांड के गैस पीड़ितों की आवाज को हर मंच पर बुलंदी के साथ उठाने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार का इलाज के दौरान निधन हो गया. जब्बार लंबे समय से बीमार चल रहे थे और राजधानी के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. तबियत में सुधार नहीं होने पर उन्हें मुंबई ले जाने की तैयारी थी, लेकिन अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

जब्बार के निधन के बाद शहर में शोक की लहर व्याप्त हो गई है. वो गैस पीड़ितों के लिए तीन दशक से संघर्ष कर रहे थे. उनकी मृत्यु से कुछ घंटे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने सरकार की ओर से उनका इलाज मुंबई में कराने का भरोसा दिया था. जिसके बाद उनका इलाज शुक्रवार को ही मुंबई में होना था, लेकिन वो नहीं जा सके.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समाजसेवी अब्दुल जब्बार से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थें...

इसे भी पढ़ें- न्याय की आस में 84 'सिख दंगा' के पीड़ितों ने निकाला कैंडल मार्च

अब्दुल जब्बार ने गैस पीड़ितों की लंबे समय तक आवाज उठाई है. उन्हें हमेशा गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष किए जाने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा. प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनी हो, लेकिन उन्होंने हमेशा ही गैस पीड़ितों के लिए उनका वाजिब हक दिलाने की मांग उठाई. गैस पीड़ितों को सही मुआवजा मिल सके उसके लिए वो अपने अंतिम समय तक संघर्षशील रहे हैं. उनके चले जाने के बाद हजारों गैस पीड़ित आज दुखी हैं.

भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में 1984 की रात यूनियन कार्बाइड से हुए गैस कांड के गैस पीड़ितों की आवाज को हर मंच पर बुलंदी के साथ उठाने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार का इलाज के दौरान निधन हो गया. जब्बार लंबे समय से बीमार चल रहे थे और राजधानी के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. तबियत में सुधार नहीं होने पर उन्हें मुंबई ले जाने की तैयारी थी, लेकिन अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

जब्बार के निधन के बाद शहर में शोक की लहर व्याप्त हो गई है. वो गैस पीड़ितों के लिए तीन दशक से संघर्ष कर रहे थे. उनकी मृत्यु से कुछ घंटे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने सरकार की ओर से उनका इलाज मुंबई में कराने का भरोसा दिया था. जिसके बाद उनका इलाज शुक्रवार को ही मुंबई में होना था, लेकिन वो नहीं जा सके.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समाजसेवी अब्दुल जब्बार से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थें...

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अब्दुल जब्बार ने गैस पीड़ितों की लंबे समय तक आवाज उठाई है. उन्हें हमेशा गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष किए जाने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा. प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनी हो, लेकिन उन्होंने हमेशा ही गैस पीड़ितों के लिए उनका वाजिब हक दिलाने की मांग उठाई. गैस पीड़ितों को सही मुआवजा मिल सके उसके लिए वो अपने अंतिम समय तक संघर्षशील रहे हैं. उनके चले जाने के बाद हजारों गैस पीड़ित आज दुखी हैं.

Intro:गैस पीड़ितों की आवाज बुलंद करने वाले अब्दुल जब्बार का हुआ निधन, शहर में शोक की लहर


भोपाल | गैस पीड़ितों की आवाज को हर मंच पर बुलंदी के साथ उठाने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार का इलाज के दौरान निधन हो गया है लंबे समय से बीमार चल रहे थे राजधानी के एक निजी अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा था उन्हें उपचार हेतु मुंबई ले जाने की तैयारी की गई थी लेकिन उससे पहले ही अचानक ही उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई डॉक्टरों के द्वारा बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया उनके निधन के बाद शहर में शोक की लहर व्याप्त हो गई है .Body:गैस पीड़ितों के लिए तीन दशक से संघर्ष कर रहे अब्दुल जब्बार अच्छे इलाज के लिए सरकार की तरफ आस लगाए बैठे हैं लेकिन सरकार को भी तब याद आई जब बहुत देर हो चुकी थी उनकी मृत्यु से कुछ घंटे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने सरकार की ओर से उनका इलाज मुंबई में कराने का भरोसा दिया था अब्दुल जब्बार का इलाज शुक्रवार को ही मुंबई में होना था और उनके यहां से जाने की तैयारियां शुरू कर दी गई थी परिवार के लोग भी काफी खुश नजर आ रहे थे लेकिन कुछ ही घंटों में खुशी काफूर हो गई जब उन्हें उनकी मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआConclusion:प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट करते हुए भरोसा दिलाया था कि अब्दुल जब्बार को अच्छा इलाज मिलेगा और सरकार उनके साथ खड़ी है लेकिन बताया जा रहा है कि अचानक ही उन्हें घबराहट महसूस होने लगी थी जिसके बाद डॉक्टरों ने उनका उपचार शुरू कर दिया था लेकिन कुछ ही देर में वह दुनिया को छोड़ कर चले गए



अब्दुल जब्बार ने गैस पीड़ितों की लंबे समय तक आवाज उठाई है उन्हें हमेशा गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष किए जाने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा भोपाल से लेकर दिल्ली तक गैस पीड़ितों को उनका हक दिलाने के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष किए जाने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे सहज और सरल स्वभाव के अब्दुल जब्बार जीवन भर गैस पीड़ितों के लिए ही संघर्ष करते रहे लंबे समय से पुराने भोपाल मैं निवास किया करते थे . प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनी हो लेकिन उन्होंने हमेशा ही गैस पीड़ितों के लिए उनका वाजिब हक दिलाने की मांग उठाई गैस पीड़ितों को सही मुआवजा मिल सके उसके लिए वे अपने अंतिम समय तक संघर्षशील रहे हैं उनके चले जाने के बाद हजारों गैस पीड़ित आज दुखी है . अब्दुल जब्बार हमेशा ही गरीब और मजलूम लोगों के लिए भी मदद करने का काम करते रहे वह ऐसे समाजसेवी थे जिन्होंने कभी किसी पद का मोह नहीं किया उनकी मृत्यु के बाद सभी जगह शोक संदेश देने का सिलसिला चल पड़ा है बताया जा रहा है कि शुक्रवार को उन्हें सुपर देखा किया जाएगा .
Last Updated : Nov 15, 2019, 10:29 AM IST
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