भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में 1984 की रात यूनियन कार्बाइड से हुए गैस कांड के गैस पीड़ितों की आवाज को हर मंच पर बुलंदी के साथ उठाने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार का इलाज के दौरान निधन हो गया. जब्बार लंबे समय से बीमार चल रहे थे और राजधानी के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. तबियत में सुधार नहीं होने पर उन्हें मुंबई ले जाने की तैयारी थी, लेकिन अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
जब्बार के निधन के बाद शहर में शोक की लहर व्याप्त हो गई है. वो गैस पीड़ितों के लिए तीन दशक से संघर्ष कर रहे थे. उनकी मृत्यु से कुछ घंटे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने सरकार की ओर से उनका इलाज मुंबई में कराने का भरोसा दिया था. जिसके बाद उनका इलाज शुक्रवार को ही मुंबई में होना था, लेकिन वो नहीं जा सके.
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अब्दुल जब्बार ने गैस पीड़ितों की लंबे समय तक आवाज उठाई है. उन्हें हमेशा गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष किए जाने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा. प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनी हो, लेकिन उन्होंने हमेशा ही गैस पीड़ितों के लिए उनका वाजिब हक दिलाने की मांग उठाई. गैस पीड़ितों को सही मुआवजा मिल सके उसके लिए वो अपने अंतिम समय तक संघर्षशील रहे हैं. उनके चले जाने के बाद हजारों गैस पीड़ित आज दुखी हैं.