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'बुआ और बबुआ का मेल हो गयल, मोदी का गणित सब फेल हो गयल' - azamgarh elections

क्या लोकसभा चुनाव 2019 में बुआ और बबुआ के गठबंधन से मोदी का गणित हो जाएगा फेल ? इन दिनों आजमगढ़ का प्रचार अभियान संगीतमय हो गया है और बीजेपी और सपा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से नहीं बल्कि भोजपुरी गीतों से हमले कर रहे हैं.

अखिलेश यादव, मायावती और पीएम मोदी.
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Published : May 6, 2019, 4:24 PM IST

Updated : May 6, 2019, 4:39 PM IST

नई दिल्ली/आजमगढ़ : 'बुआ और बबुआ का मेल हो गयल, मोदी क गणित सब फेल हो गयल.' पूर्वांचल के हाईप्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में सपा समर्थकों के बीच यह भोजपुरी गीत इन दिनों खूब वाहवाही बटोर रहा है.

दूसरी तरफ भाजपा खेमे में 'दिल्ली मा बीजेपी का झंडा फिर लहराई, बुआ-बबुआ-राहुल जी के गठबंधन बिखर जाई' गाने पर जमकर तालियां बज रही हैं.

दरअसल, चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही आजमगढ़ में समूचा प्रचार अभियान संगीतमय हो गया है जिसके तहत भाजपा एवं सपा एक दूसरे पर 'चुनावी बिरहा' के जरिये हमले कर रहे हैं.

भाजपा उम्मीदवार एवं भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' अपनी सभाओं में 'नून (नमक)- रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे' का गीत गाकर भी चुनावी फिजा को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं तो सपा की तरफ से उनके चचेरे भाई एवं 'बिरहा सम्राट' के नाम से मशहूर विजय लाल यादव 'दूध-रोटी खाएंगे, अखिलेश को जिताएंगे' गाकर 'निरहुआ' पर जवाबी हमले कर रहे हैं.

पढ़ेंः सपा-बसपा-कांग्रेस पर मोदी का वार: 'जात पात जपना, जनता का माल अपना'

गौरतलब है कि पूर्वांचल का लोक गीत बिरहा आजमगढ़ में चुनाव प्रचार का केंद्रबिंदु बन गया है. भोजपुरी फिल्मों में कदम रखने से पहले खुद 'निरहुआ' भी बिरहा गाते थे.

इस दिलचस्प चुनावी अभियान के बारे पूछे जाने पर 'निरहुआ' ने कहा, 'लोकगीत को यहां के लोग बहुत प्यार करते हैं. यही वजह है कि जनता मुझ जैसे कलाकार से बहुत प्यार करती है. जनता ने यह तय कर लिया है कि नरेंद्र मोदी को फिर से लाना है. हम लोग जनता की इसी भावना को प्रकट कर रहे हैं.'

सपा के लिए प्रचार कर रहे विजय लाल यादव कहते हैं, 'मैं सदा समाजवादी था और सदा रहूंगा. 'निरहुआ' कहते हैं नून-रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे, लेकिन मैं कहता हूं कि दूध-रोटी खाएंगे, अखिलेश को जिताएंगे. बिरहा जगत हमेशा सपा के साथ रहा है और इस बार भी है.'

विजय लाल द्वारा विरोध में प्रचार करने पर 'निरहुआ' का कहना है, 'विजय लाल जी मेरे बड़े भाई हैं. हमारी विचारधारा की लड़ाई है. वैसे हमारे व्यक्तिगत संबंध में किसी तरह की कोई कड़वाहट नहीं है.'

भाजपा की सभाओं में जो गाने बजाए जा रहे हैं वो मुख्य रूप से प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रवाद और मायावती एवं अखिलेश पर केंद्रित हैं.

पढ़ेंः अखिलेश और मायावती तय करेंगे अगला प्रधानमंत्री- धर्मेंद्र यादव

मसलन, भाजपा की सभाओं में यह गीत खूब सुनने को मिलता है कि 'दिल्ली मा बीजेपी का झंडा फिर लहराई, बुआ-बबुआ-राहुल जी के गठबंधन बिखर जाई.'

इसी तरह से सपा की सभाओं में मोदी और योगी को निशाना बनाकर गीत गाए जा रहे हैं उनमें से यह गाना पार्टी समर्थकों के बीच खासा लोकप्रिय दिखाई देता है कि 'बुआ और बबुआ का मेल हो गयल, मोदी क गणित सब फेल हो गयल.'

सपा की सभाओं में 'आवेले आवाज अब हर दिल से, भैया अखिलेश अइहें साइकिल से' गाना भी खूब गाया जा रहा है.

दोनों पार्टियों की सभाओं में नेताओं के आगमन से पहले जमकर बिरहा गायन हो रहा है. 'निरहुआ' तो अपनी हर सभा में बिरहा अथवा भोजपुरी गानों से लोगों की खूब तालियां बटोर रहे हैं.

पढ़ेंः मोदी अगड़ी जाति के थे, राजनीतिक लाभ के लिये पिछड़े वर्ग में हुए शामिल: मायावती

बिरहा के चुनाव प्रचार का केंद्रबिंदु बन जाने के बारे में स्थानीय पत्रकार प्रवीण टिबड़ेवाल कहते हैं, 'पूर्वांचल खासकर आजमगढ़ में बिरहा और लोकगीत का चुनाव प्रचार में पहले भी बहुत इस्तेमाल होता रहा है. इस बार खुद 'निरहुआ' जैसा कलाकार चुनावी मैदान में है तो संगीत का कुछ ज्यादा बोलबाला दिखाई दे रहा है.'

गौरतलब है कि इस सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन प्रत्याशी हैं तो भाजपा की ओर से 'निरहुआ' उन्हें चुनौती दे रहे हैं. यहां 12 मई को मतदान होना है.

नई दिल्ली/आजमगढ़ : 'बुआ और बबुआ का मेल हो गयल, मोदी क गणित सब फेल हो गयल.' पूर्वांचल के हाईप्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में सपा समर्थकों के बीच यह भोजपुरी गीत इन दिनों खूब वाहवाही बटोर रहा है.

दूसरी तरफ भाजपा खेमे में 'दिल्ली मा बीजेपी का झंडा फिर लहराई, बुआ-बबुआ-राहुल जी के गठबंधन बिखर जाई' गाने पर जमकर तालियां बज रही हैं.

दरअसल, चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही आजमगढ़ में समूचा प्रचार अभियान संगीतमय हो गया है जिसके तहत भाजपा एवं सपा एक दूसरे पर 'चुनावी बिरहा' के जरिये हमले कर रहे हैं.

भाजपा उम्मीदवार एवं भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' अपनी सभाओं में 'नून (नमक)- रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे' का गीत गाकर भी चुनावी फिजा को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं तो सपा की तरफ से उनके चचेरे भाई एवं 'बिरहा सम्राट' के नाम से मशहूर विजय लाल यादव 'दूध-रोटी खाएंगे, अखिलेश को जिताएंगे' गाकर 'निरहुआ' पर जवाबी हमले कर रहे हैं.

पढ़ेंः सपा-बसपा-कांग्रेस पर मोदी का वार: 'जात पात जपना, जनता का माल अपना'

गौरतलब है कि पूर्वांचल का लोक गीत बिरहा आजमगढ़ में चुनाव प्रचार का केंद्रबिंदु बन गया है. भोजपुरी फिल्मों में कदम रखने से पहले खुद 'निरहुआ' भी बिरहा गाते थे.

इस दिलचस्प चुनावी अभियान के बारे पूछे जाने पर 'निरहुआ' ने कहा, 'लोकगीत को यहां के लोग बहुत प्यार करते हैं. यही वजह है कि जनता मुझ जैसे कलाकार से बहुत प्यार करती है. जनता ने यह तय कर लिया है कि नरेंद्र मोदी को फिर से लाना है. हम लोग जनता की इसी भावना को प्रकट कर रहे हैं.'

सपा के लिए प्रचार कर रहे विजय लाल यादव कहते हैं, 'मैं सदा समाजवादी था और सदा रहूंगा. 'निरहुआ' कहते हैं नून-रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे, लेकिन मैं कहता हूं कि दूध-रोटी खाएंगे, अखिलेश को जिताएंगे. बिरहा जगत हमेशा सपा के साथ रहा है और इस बार भी है.'

विजय लाल द्वारा विरोध में प्रचार करने पर 'निरहुआ' का कहना है, 'विजय लाल जी मेरे बड़े भाई हैं. हमारी विचारधारा की लड़ाई है. वैसे हमारे व्यक्तिगत संबंध में किसी तरह की कोई कड़वाहट नहीं है.'

भाजपा की सभाओं में जो गाने बजाए जा रहे हैं वो मुख्य रूप से प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रवाद और मायावती एवं अखिलेश पर केंद्रित हैं.

पढ़ेंः अखिलेश और मायावती तय करेंगे अगला प्रधानमंत्री- धर्मेंद्र यादव

मसलन, भाजपा की सभाओं में यह गीत खूब सुनने को मिलता है कि 'दिल्ली मा बीजेपी का झंडा फिर लहराई, बुआ-बबुआ-राहुल जी के गठबंधन बिखर जाई.'

इसी तरह से सपा की सभाओं में मोदी और योगी को निशाना बनाकर गीत गाए जा रहे हैं उनमें से यह गाना पार्टी समर्थकों के बीच खासा लोकप्रिय दिखाई देता है कि 'बुआ और बबुआ का मेल हो गयल, मोदी क गणित सब फेल हो गयल.'

सपा की सभाओं में 'आवेले आवाज अब हर दिल से, भैया अखिलेश अइहें साइकिल से' गाना भी खूब गाया जा रहा है.

दोनों पार्टियों की सभाओं में नेताओं के आगमन से पहले जमकर बिरहा गायन हो रहा है. 'निरहुआ' तो अपनी हर सभा में बिरहा अथवा भोजपुरी गानों से लोगों की खूब तालियां बटोर रहे हैं.

पढ़ेंः मोदी अगड़ी जाति के थे, राजनीतिक लाभ के लिये पिछड़े वर्ग में हुए शामिल: मायावती

बिरहा के चुनाव प्रचार का केंद्रबिंदु बन जाने के बारे में स्थानीय पत्रकार प्रवीण टिबड़ेवाल कहते हैं, 'पूर्वांचल खासकर आजमगढ़ में बिरहा और लोकगीत का चुनाव प्रचार में पहले भी बहुत इस्तेमाल होता रहा है. इस बार खुद 'निरहुआ' जैसा कलाकार चुनावी मैदान में है तो संगीत का कुछ ज्यादा बोलबाला दिखाई दे रहा है.'

गौरतलब है कि इस सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन प्रत्याशी हैं तो भाजपा की ओर से 'निरहुआ' उन्हें चुनौती दे रहे हैं. यहां 12 मई को मतदान होना है.

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  • चुनावी बिरहा ने आजमगढ़ की सियासी जंग को दिलचस्प बनाया



(अनवारुल हक) 



आजमगढ़, छह मई (भाषा) "बुआ और बबुआ का मेल हो गयल, मोदी क गणित सब फेल हो गयल।' पूर्वांचल के हाईप्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में सपा समर्थकों के बीच यह भोजपुरी गीत इन दिनों खूब वाहवाही बटोर रहा है।







दूसरी तरफ भाजपा खेमे में 'दिल्ली मा बीजेपी का झंडा फिर लहराई, बुआ-बबुआ-राहुल जी के गठबंधन बिखर जाई' गाने पर जमकर तालियां बज रही हैं।







दरअसल, चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही आजमगढ़ में समूचा प्रचार अभियान संगीतमय हो गया है जिसके तहत भाजपा एवं सपा एक दूसरे पर 'चुनावी बिरहा' के जरिये हमले कर रहे हैं।







भाजपा उम्मीदवार एवं भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ अपनी सभाओं में 'नून (नमक)- रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे' का गीत गाकर भी चुनावी फिजा को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं तो सपा की तरफ से उनके चचेरे भाई एवं 'बिरहा सम्राट' के नाम से मशहूर विजय लाल यादव 'दूध-रोटी खाएंगे, अखिलेश को जिताएंगे' गाकर ‘निरहुआ’ पर जवाबी हमले कर रहे हैं।







गौरतलब है कि पूर्वांचल का लोक गीत बिरहा आजमगढ़ में चुनाव प्रचार का केंद्रबिंदु बन गया है। भोजपुरी फिल्मों में कदम रखने से पहले खुद ‘निरहुआ’ भी बिरहा गाते थे।







इस दिलचस्प चुनावी अभियान के बारे पूछे जाने पर ‘निरहुआ’ ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'लोकगीत को यहां के लोग बहुत प्यार करते हैं। यही वजह है कि जनता मुझ जैसे कलाकार से बहुत प्यार करती है। जनता ने यह तय कर लिया है कि नरेंद्र मोदी को फिर से लाना है। हम लोग जनता की इसी भावना को प्रकट कर रहे हैं।" 



सपा के लिए प्रचार कर रहे विजय लाल यादव कहते हैं, 'मैं सदा समाजवादी था और सदा रहूंगा। ‘निरहुआ’ कहते हैं नून-रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे, लेकिन मैं कहता हूं कि दूध-रोटी खाएंगे, अखिलेश को जिताएंगे। बिरहा जगत हमेशा सपा के साथ रहा है और इस बार भी है।' 



विजय लाल द्वारा विरोध में प्रचार करने पर ‘निरहुआ’ का कहना है, 'विजय लाल जी मेरे बड़े भाई हैं। हमारी विचारधारा की लड़ाई है। वैसे हमारे व्यक्तिगत संबंध में किसी तरह की कोई कड़वाहट नहीं है।' 



भाजपा की सभाओं में जो गाने बजाए जा रहे हैं वो मुख्य रूप से प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रवाद और मायावती एवं अखिलेश पर केंद्रित हैं।







मसलन, भाजपा की सभाओं में यह गीत खूब सुनने को मिलता है कि 'दिल्ली मा बीजेपी का झंडा फिर लहराई, बुआ-बबुआ-राहुल जी के गठबंधन बिखर जाई।' 



इसी तरह से सपा की सभाओं में मोदी और योगी को निशाना बनाकर गीत गाए जा रहे हैं उनमें से यह गाना पार्टी समर्थकों के बीच खासा लोकप्रिय दिखाई देता है कि 'बुआ और बबुआ का मेल हो गयल, मोदी क गणित सब फेल हो गयल।' 



सपा की सभाओं में 'आवेले आवाज अब हर दिल से, भैया अखिलेश अइहें साइकिल से' गाना भी खूब गाया जा रहा है।



दोनों पार्टियों की सभाओं में नेताओं के आगमन से पहले जमकर बिरहा गायन हो रहा है। ‘निरहुआ’ तो अपनी हर सभा में बिरहा अथवा भोजपुरी गानों से लोगों की खूब तालियां बटोर रहे हैं।







बिरहा के चुनाव प्रचार का केंद्रबिंदु बन जाने के बारे में स्थानीय पत्रकार प्रवीण टिबड़ेवाल कहते हैं, ' पूर्वांचल खासकर आजमगढ़ में बिरहा और लोकगीत का चुनाव प्रचार में पहले भी बहुत इस्तेमाल होता रहा है। इस बार खुद ‘निरहुआ’ जैसा कलाकार चुनावी मैदान में है तो संगीत का कुछ ज्यादा बोलबाला दिखाई दे रहा है।' 



गौरतलब है कि इस सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन प्रत्याशी हैं तो भाजपा की ओर से ‘निरहुआ’ उन्हें चुनौती दे रहे हैं। यहां 12 मई को मतदान होना है।


Conclusion:
Last Updated : May 6, 2019, 4:39 PM IST
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