ETV Bharat / bharat

नाक से डाली जाने वाली कोरोना वैक्सीन बनाएगा भारत बायोटेक

author img

By

Published : Sep 23, 2020, 5:43 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 7:37 PM IST

हैदराबाद की भारत बायोटेक और सेंट लुइस में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ एक समझौता हुआ है, जिसमें निर्णय लिया गया है कि भारत बायोटेक द्वारा निर्मित की गई इंट्रानिजल वैक्सीन अमेरिका, जापान और यूरोप को छोड़कर सभी जगह वितरित की जाएगी.

इंट्रानिजल वैक्सीन
इंट्रानिजल वैक्सीन

हैदराबाद : वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने आज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ एक समझौता किया है, जिसमें कोविड-19 की इंट्रानिजल वैक्सीन के खुराक के बारे में घोषणा की गई है. जिसमें भारत बायोटेक के पास संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और यूरोप को छोड़कर सभी बाजारों में वैक्सीन वितरित करने का अधिकार है.

इसके पहले चरण का परीक्षण सेंट लुइस यूनिवर्सिटी की वैक्सीन एंड ट्रीटमेंट इवैल्यूएशन यूनिट में भारत बायोटेक में आवश्यक विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद होगा. भारत में आगे के क्लीनिकल परीक्षण के बाद जीनोम वैली हैदराबाद में स्थित जीएमपी सुविधाओं के बीच वैक्सीन के बड़े पैमाने पर निर्माण होगा.

भारत बायोटेक कंपनी बताती है कि हमें इस वैक्सीन के निर्माण करने पर गर्व है. हम कल्पना करते हैं कि हम इस वैक्सीन को एक बिलियन लोगों तक पहुंचाएंगे. एक इंट्रानिजल वैक्सीन न केवल बंदोबस्त करने में सरल होगा, बल्कि सुई, सिरिंज आदि चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों के उपयोग को कम करेगा. इसके अलावा यह टीकाकरण अभियान की समग्र लागत को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है.

भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंधन निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि वायरल टीकों, निर्माण क्षमताओं और वितरण में हमारा अनुभव सुरक्षित और सस्ती टीकों को सुनिश्चित करना है. कोविड-19 के खिलाफ दुनिया के सभी नागरिकों तक एक बहुत जरूरी वैक्सीन पहुंचाना जरूरी परियोजनाओं में शामिल है.

इंट्रानिजल वैक्सीन ने चूहों के अध्ययन में सुरक्षा के अभूतपूर्व स्तर को दिखाया है. यह टेक्नोलॉजी और डेटा को हाल ही में प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका नेटर और नेचर के एक संपादकीय में प्रकाशित किया गया है.

डॉ. डेविड टी. क्यूरीएल, एमडी, पीएचडी, बायोलॉजिक थैरेप्यूटिक्स सेंटर के निदेशक और सेंट लुइस में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर और प्रिसिजन वायरोलॉजिक्स इंटरिम के सीईओ ने कहा कि यह नाक से दी जाने वाली खुराक है. जिसका सीधा असर नाक और गले में होता है. यह न केवल कोरोना वायरस से बचाती है, बल्कि यह एक रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती है जो शरीर को अन्य रोग से बचाती है.

यह वैक्सीन वर्तमान में विकसित हो रहे भारत के टीकों की लिस्ट बढ़ा रही है. COVAXIN® सहित ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में भारत दूसरा चरण में है.

भारत बायोटेक का परिचय
भारत बायोटेक ने 140 से ज्यादा पेटेटों के साथ नवाचार का एक उत्कृष्ट रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसमें 16 से अधिक टीके, चार जैव-चिकित्सीय, 116 से ज्यादा देशों में पंजीकरण और डब्ल्सूएओ पूर्व- योग्यता के व्यापक उत्पाद इसकी निवेश सूची में शामिल हैं. जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक कंपनी वैश्विक बायोटेक उद्योग का हब है. साथ ही भारत बायोटेक का वैक्सीन बनाने में पुराना अनुभव है. इससे पहले कंपनी ने पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इन्सेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया और जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है.

दुनियाभर में टीकों की चार बिलियन से अधिक खुराक देने के बाद भारत बायोटेक ने नवाचार का नेतृत्व करना जारी रखा है. कंपनी व्यापक बहु-केंद्र नैदानिक ​​परीक्षणों का संचालन करने में कुशल है. इसने वैश्विक स्तर पर तीन लाख से अधिक विषयों में 75 से अधिक परीक्षण पूरे किए हैं. भारत बायोटेक के बारे में अधिक जानने के लिए www.bharatbiotech.com पर जाएं.

पढ़ें - भारत बायोटेक को दूसरे चरण की परीक्षण की मंजूरी मिली

प्रिसिजन वैरोलॉजिक का परिचय
प्रिसिजन वैरोलॉजिक एक वैक्सीन बनाने वाली कंपनी है, जिसने एड्वान्स्ड जनरेशन के एडेनोवायरल टीके का विकास किया. प्रिसिजन का लीड एजेंट पोटेंसी एनहांस्ड सिमियन एडेनोवायरस-आधारित कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे नाक के माध्यम से दिया जाता है. प्रिसिजन ने इन्फूएंजा, जीका और चिकनगुनिया जैसे बीमारियों के लिए टीके का विकास किया है. एडेनोवायरस की उन्नत आणविक इंजीनियरिंग प्रमुख लाभ प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी मंच प्रदान करती है.

हैदराबाद : वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने आज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ एक समझौता किया है, जिसमें कोविड-19 की इंट्रानिजल वैक्सीन के खुराक के बारे में घोषणा की गई है. जिसमें भारत बायोटेक के पास संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और यूरोप को छोड़कर सभी बाजारों में वैक्सीन वितरित करने का अधिकार है.

इसके पहले चरण का परीक्षण सेंट लुइस यूनिवर्सिटी की वैक्सीन एंड ट्रीटमेंट इवैल्यूएशन यूनिट में भारत बायोटेक में आवश्यक विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद होगा. भारत में आगे के क्लीनिकल परीक्षण के बाद जीनोम वैली हैदराबाद में स्थित जीएमपी सुविधाओं के बीच वैक्सीन के बड़े पैमाने पर निर्माण होगा.

भारत बायोटेक कंपनी बताती है कि हमें इस वैक्सीन के निर्माण करने पर गर्व है. हम कल्पना करते हैं कि हम इस वैक्सीन को एक बिलियन लोगों तक पहुंचाएंगे. एक इंट्रानिजल वैक्सीन न केवल बंदोबस्त करने में सरल होगा, बल्कि सुई, सिरिंज आदि चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों के उपयोग को कम करेगा. इसके अलावा यह टीकाकरण अभियान की समग्र लागत को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है.

भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंधन निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि वायरल टीकों, निर्माण क्षमताओं और वितरण में हमारा अनुभव सुरक्षित और सस्ती टीकों को सुनिश्चित करना है. कोविड-19 के खिलाफ दुनिया के सभी नागरिकों तक एक बहुत जरूरी वैक्सीन पहुंचाना जरूरी परियोजनाओं में शामिल है.

इंट्रानिजल वैक्सीन ने चूहों के अध्ययन में सुरक्षा के अभूतपूर्व स्तर को दिखाया है. यह टेक्नोलॉजी और डेटा को हाल ही में प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका नेटर और नेचर के एक संपादकीय में प्रकाशित किया गया है.

डॉ. डेविड टी. क्यूरीएल, एमडी, पीएचडी, बायोलॉजिक थैरेप्यूटिक्स सेंटर के निदेशक और सेंट लुइस में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर और प्रिसिजन वायरोलॉजिक्स इंटरिम के सीईओ ने कहा कि यह नाक से दी जाने वाली खुराक है. जिसका सीधा असर नाक और गले में होता है. यह न केवल कोरोना वायरस से बचाती है, बल्कि यह एक रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती है जो शरीर को अन्य रोग से बचाती है.

यह वैक्सीन वर्तमान में विकसित हो रहे भारत के टीकों की लिस्ट बढ़ा रही है. COVAXIN® सहित ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में भारत दूसरा चरण में है.

भारत बायोटेक का परिचय
भारत बायोटेक ने 140 से ज्यादा पेटेटों के साथ नवाचार का एक उत्कृष्ट रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसमें 16 से अधिक टीके, चार जैव-चिकित्सीय, 116 से ज्यादा देशों में पंजीकरण और डब्ल्सूएओ पूर्व- योग्यता के व्यापक उत्पाद इसकी निवेश सूची में शामिल हैं. जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक कंपनी वैश्विक बायोटेक उद्योग का हब है. साथ ही भारत बायोटेक का वैक्सीन बनाने में पुराना अनुभव है. इससे पहले कंपनी ने पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इन्सेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया और जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है.

दुनियाभर में टीकों की चार बिलियन से अधिक खुराक देने के बाद भारत बायोटेक ने नवाचार का नेतृत्व करना जारी रखा है. कंपनी व्यापक बहु-केंद्र नैदानिक ​​परीक्षणों का संचालन करने में कुशल है. इसने वैश्विक स्तर पर तीन लाख से अधिक विषयों में 75 से अधिक परीक्षण पूरे किए हैं. भारत बायोटेक के बारे में अधिक जानने के लिए www.bharatbiotech.com पर जाएं.

पढ़ें - भारत बायोटेक को दूसरे चरण की परीक्षण की मंजूरी मिली

प्रिसिजन वैरोलॉजिक का परिचय
प्रिसिजन वैरोलॉजिक एक वैक्सीन बनाने वाली कंपनी है, जिसने एड्वान्स्ड जनरेशन के एडेनोवायरल टीके का विकास किया. प्रिसिजन का लीड एजेंट पोटेंसी एनहांस्ड सिमियन एडेनोवायरस-आधारित कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे नाक के माध्यम से दिया जाता है. प्रिसिजन ने इन्फूएंजा, जीका और चिकनगुनिया जैसे बीमारियों के लिए टीके का विकास किया है. एडेनोवायरस की उन्नत आणविक इंजीनियरिंग प्रमुख लाभ प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी मंच प्रदान करती है.

Last Updated : Sep 23, 2020, 7:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.