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रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने वाली लड़की को मिली जमानत - पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एक रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली लड़की को बेंगलुरु की अदालत ने जमानत प्रदान कर दी. उस रैली में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे.

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बेंगलुरु की अदालत ने अमूल्या को दी जमानत
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Published : Jun 12, 2020, 9:35 AM IST

Updated : Jun 12, 2020, 10:06 AM IST

बेंगलुरु : सीएए एनआरसी के खिलाफ एक रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली अमूल्या लिओना नाम की एक लड़की को बेंगलुरु की अदालत ने गुरुवार देर रात को जमानत दे दी. उसकी जमानत याचिका दिन में खारिज कर दी गई थी.

गौरतलब है कि इससे पहले सत्र न्यायाधीश विद्याधर शिरहट्टी ने छात्र कार्यकर्ता अमूल्या लियोना को जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि अगर उसे जमानत दी जाती है, तो वह भाग सकती है.

बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में जारी प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली अमूल्या के खिलाफ पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था.

नारेबाजी करते हुए अमूल्या का यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया था, जिसके बाद से लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रियाएं दी थी. लोग ने न सिर्फ युवती पर बल्कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा, क्योंकि घटना के वक्त वह भी मंच पर मौजूद थे. हालांकि उन्होंने तुरंत इस नारेबाजी का विरोध किया था.

क्या है पूरा मामला

कार्यकर्ता एवं कॉलेज छात्रा अमूल्या ने हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई फेडरशन द्वारा 20 फरवरी को आयोजित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ विरोध सभा के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाये थे.

मौके पर मौजूद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख एवं हैदराबाद से पार्टी के सांसद असदु्दीन ओवैसी ने अमूल्या को पाकिस्तान का समर्थन करने वाला नारा दोहराने से रोकने की कोशिश की थी.

इस नाटकीय घटना के चलते ओवैसी और रैली के आयोजकों को शर्मिंगदी का सामना करना पड़ा था. यह घटना उस वक्त हुई थी, जब अमूल्या को 'हमारा संविधान बचाओ' के बैनर तले सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में एकत्र लोगों को संबोधित करने के लिये मंच पर बुलाया गया था.

अमूल्या को तब कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद यहां मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था, जिन्होंने उसे देशद्रोह के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

बेंगलुरु : सीएए एनआरसी के खिलाफ एक रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली अमूल्या लिओना नाम की एक लड़की को बेंगलुरु की अदालत ने गुरुवार देर रात को जमानत दे दी. उसकी जमानत याचिका दिन में खारिज कर दी गई थी.

गौरतलब है कि इससे पहले सत्र न्यायाधीश विद्याधर शिरहट्टी ने छात्र कार्यकर्ता अमूल्या लियोना को जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि अगर उसे जमानत दी जाती है, तो वह भाग सकती है.

बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में जारी प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली अमूल्या के खिलाफ पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था.

नारेबाजी करते हुए अमूल्या का यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया था, जिसके बाद से लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रियाएं दी थी. लोग ने न सिर्फ युवती पर बल्कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा, क्योंकि घटना के वक्त वह भी मंच पर मौजूद थे. हालांकि उन्होंने तुरंत इस नारेबाजी का विरोध किया था.

क्या है पूरा मामला

कार्यकर्ता एवं कॉलेज छात्रा अमूल्या ने हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई फेडरशन द्वारा 20 फरवरी को आयोजित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ विरोध सभा के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाये थे.

मौके पर मौजूद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख एवं हैदराबाद से पार्टी के सांसद असदु्दीन ओवैसी ने अमूल्या को पाकिस्तान का समर्थन करने वाला नारा दोहराने से रोकने की कोशिश की थी.

इस नाटकीय घटना के चलते ओवैसी और रैली के आयोजकों को शर्मिंगदी का सामना करना पड़ा था. यह घटना उस वक्त हुई थी, जब अमूल्या को 'हमारा संविधान बचाओ' के बैनर तले सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में एकत्र लोगों को संबोधित करने के लिये मंच पर बुलाया गया था.

अमूल्या को तब कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद यहां मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था, जिन्होंने उसे देशद्रोह के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

Last Updated : Jun 12, 2020, 10:06 AM IST
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