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झांकी पर झंझट : तृणमूल कांग्रेस ने कहा- बंगाल से डरती है मोदी सरकार

रक्षा मंत्रालय ने गणतंंत्र दिवस पर प. बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसका फैसला विशेषज्ञ समिति में लिया गया. केंद्र के इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है.

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Published : Jan 2, 2020, 8:01 AM IST

Updated : Jan 2, 2020, 6:01 PM IST

नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने को लेकर गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोला. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया. उसने इसे राज्य और यहां की जनता का अपमान बताया.

बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज करने पर टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा कि यह बंगाल के लिए नया नहीं है. मोदी सरकार को बंगाल से डर लगता है. केंद्र दिल्ली में बंगाल की झांकी रद्द कर सकते हैं, बंगाल में NRC और CAA को बंगाल रद कर देगा.

दरअसल, गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं, जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं. गणतंत्र दिवस पर जिन राज्यों की झांकियों को उपयुक्त नहीं पाया गया, उनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है. बता दें, बंगाल सरकार लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली अपनी योजना कन्याश्री को परेड में दिखाना चाहती थी.

पश्चिम बंगाल में संसदीय मामलों के मंत्री तापस रॉय ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने राज्य के प्रति बदले की भावना पाल रखी है. उन्होंने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध कर रही है इसलिए उसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है.

इन आरोपों के जवाब में पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि झांकी का प्रस्ताव इसलिए खारिज हुआ क्योंकि राज्य सरकार ने प्रस्ताव पेश करने में नियमों एवं प्रक्रिया का पालन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को हर मुद्दे पर राजनीति करना बंद करना चाहिए.

रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव खारिज कर दिया था. मंत्रालय के अनुसार बंगाल की झांकी का प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति के पास दो बार भेजा गया. इस पर चर्चा भी की गई. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. समिति ने इस प्रस्ताव को अगली बैठक में आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया.

बंगाल की झांकी
बंगाल की झांकी

मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे. मंत्रालय द्वारा जारी बयान बयान में कहा गया है, 'पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं.'

पढ़ें- बंगाल में धूमधाम से मनाया जाता है कल्पतरु उत्सव, जानें क्या है मान्यता

बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया.

नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने को लेकर गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोला. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया. उसने इसे राज्य और यहां की जनता का अपमान बताया.

बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज करने पर टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा कि यह बंगाल के लिए नया नहीं है. मोदी सरकार को बंगाल से डर लगता है. केंद्र दिल्ली में बंगाल की झांकी रद्द कर सकते हैं, बंगाल में NRC और CAA को बंगाल रद कर देगा.

दरअसल, गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं, जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं. गणतंत्र दिवस पर जिन राज्यों की झांकियों को उपयुक्त नहीं पाया गया, उनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है. बता दें, बंगाल सरकार लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली अपनी योजना कन्याश्री को परेड में दिखाना चाहती थी.

पश्चिम बंगाल में संसदीय मामलों के मंत्री तापस रॉय ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने राज्य के प्रति बदले की भावना पाल रखी है. उन्होंने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध कर रही है इसलिए उसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है.

इन आरोपों के जवाब में पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि झांकी का प्रस्ताव इसलिए खारिज हुआ क्योंकि राज्य सरकार ने प्रस्ताव पेश करने में नियमों एवं प्रक्रिया का पालन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को हर मुद्दे पर राजनीति करना बंद करना चाहिए.

रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव खारिज कर दिया था. मंत्रालय के अनुसार बंगाल की झांकी का प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति के पास दो बार भेजा गया. इस पर चर्चा भी की गई. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. समिति ने इस प्रस्ताव को अगली बैठक में आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया.

बंगाल की झांकी
बंगाल की झांकी

मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे. मंत्रालय द्वारा जारी बयान बयान में कहा गया है, 'पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं.'

पढ़ें- बंगाल में धूमधाम से मनाया जाता है कल्पतरु उत्सव, जानें क्या है मान्यता

बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया.

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रक्षा मंत्रालय ने प. बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसका फैसला विशेषज्ञ समिति में लिया गया. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में अलग-अलग राज्यों की झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं. विस्तार से जानें पूरी खबर. 





गणतंत्र दिवस परेड : प. बंगाल की झांकी को नहीं मिली इजाजत





नई दिल्ली : इस बार की गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं. जिन राज्यों की झांकियों को उपयुक्त नहीं पाया गया, उनमें प. बंगाल भी शामिल है. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. 

मंत्रालय के अनुसार बंगाल की झांकी का प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति के पास दो बार भेजा गया. इस पर चर्चा भी की गई. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. समिति ने इस प्रस्ताव को अगली बैठक में आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया.   

मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे. मंत्रालय द्वारा जारी बयान बयान में कहा गया है, 'पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं.'

बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया.


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Last Updated : Jan 2, 2020, 6:01 PM IST
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