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बजट सत्र शुरू होने से पहले सार्वजनिक बैंक कर्मचारियों की हड़ताल - budget 2020

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 11 बजे लोकसभा में आम बजट को पेश करने वाली हैं. इससे पहले बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं. देश के विभिन्न भागों में बैंक शाखाएं बंद होने से नकद जमा, निकासी, चेक समाशोधन, कर्ज वितरण जैसी सेवाओं पर असर पड़ा है. पढ़ें पूरी खबर...

bank employees on nationwide strike
हड़ताल करते बैंक कर्मचारी
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Published : Feb 1, 2020, 8:24 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 6:03 PM IST

नई दिल्ली/मुंबई : बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकद निकासी, जमा और चेक समाशोधन समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुई. बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं.

ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन ने दावा किया कि हड़ताल के पहले दिन करीब 23 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया.

देश के विभिन्न भागों में बैंक शाखाएं बंद होने से नकद जमा, निकासी, चेक समाशोधन, कर्ज वितरण जैसी सेवाओं पर असर पड़ा है. कई बैंक के एटीएम खाली पाए गए. इससे लोगों को माह के अंतिम दिन परेशानी का सामना करना पड़ा.

ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा, 'हड़ताल के कारण मुंबई, चेन्नई और दिल्ली में करीब 23 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया.'

उल्लेखनीय है कि बैंक रविवार समेत लगातार तीन दिन बंद रहेंगे. सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है, जब शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हो रहा है और शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाना है.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. यह ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ कर्मचारी संगठनों का निकाय है.

ये भी पढ़ें : मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट आज होगा पेश

यूनियन का दावा है कि सार्वजनिक बैंकों और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं. हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज आम दिनों की तरह रहा.

यूएफबीयू का भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ गुरूवार को बातचीत बेनतीजा रहने के बाद हड़ताल का आहवान किया गया. श्रमिक संगठनों के अनुसार बातचीत के दौरान आईबीए ने पेशकश सुधारते हुए वेतन में 12.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया लेकिन यह हमें स्वीकार नहीं है.

हालांकि आईबीए ने एक बयान में कहा कि हमने गुरूवार को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन समेत संशोधित पेशकश में 19 प्रतिशत तक वृद्धि की पेशकश की लेकिन इसके बावजूद यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया. बैंक कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का मामला नवंबर 2017 से लंबित है.

नई दिल्ली/मुंबई : बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकद निकासी, जमा और चेक समाशोधन समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुई. बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं.

ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन ने दावा किया कि हड़ताल के पहले दिन करीब 23 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया.

देश के विभिन्न भागों में बैंक शाखाएं बंद होने से नकद जमा, निकासी, चेक समाशोधन, कर्ज वितरण जैसी सेवाओं पर असर पड़ा है. कई बैंक के एटीएम खाली पाए गए. इससे लोगों को माह के अंतिम दिन परेशानी का सामना करना पड़ा.

ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा, 'हड़ताल के कारण मुंबई, चेन्नई और दिल्ली में करीब 23 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया.'

उल्लेखनीय है कि बैंक रविवार समेत लगातार तीन दिन बंद रहेंगे. सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है, जब शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हो रहा है और शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाना है.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. यह ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ कर्मचारी संगठनों का निकाय है.

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यूनियन का दावा है कि सार्वजनिक बैंकों और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं. हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज आम दिनों की तरह रहा.

यूएफबीयू का भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ गुरूवार को बातचीत बेनतीजा रहने के बाद हड़ताल का आहवान किया गया. श्रमिक संगठनों के अनुसार बातचीत के दौरान आईबीए ने पेशकश सुधारते हुए वेतन में 12.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया लेकिन यह हमें स्वीकार नहीं है.

हालांकि आईबीए ने एक बयान में कहा कि हमने गुरूवार को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन समेत संशोधित पेशकश में 19 प्रतिशत तक वृद्धि की पेशकश की लेकिन इसके बावजूद यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया. बैंक कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का मामला नवंबर 2017 से लंबित है.

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Last Updated : Feb 28, 2020, 6:03 PM IST
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