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भीमा कोरेगांव मामला : पुणे कोर्ट ने खारिज कीं 6 आरोपियों की जमानत याचिकाएं

पुणे सत्र न्यायालय ने भीमा कोरेगांव मामले में छह आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं. इसमें वरवारा राव भी शामिल हैं. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Nov 6, 2019, 4:52 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 5:25 PM IST

नई दिल्ली : भीमा कोरेगांव मामले में पुणे सत्र न्यायालय ने सभी छह आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं.

जिन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की गई हैं, उनमें रोना विल्सन, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, वरवारा राव और सुधीर धाल्वे शामिल हैं.

गौरतलब है कि इसके पहले सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिकाएं बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थीं.

गौरतलब है कि 31 दिसम्बर, 2017 को एल्गर परिषद की ओर से एक सभा आहूत की गयी थी और उसके अगले ही दिन पुणे जिले के कोरेगांव में कथित रूप से हिंसा भड़क उठी थी. पुणे पुलिस ने नवलखा और अन्य लोगों के खिलाफ जनवरी, 2018 में प्राथमिकी (एफआईआर) की थी.

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में गौतम नवलखा और अन्य आरोपियों के माओवादियों से संबंध थे और वे सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे.

पढ़ें - भीमा कोरेगांव केस : नवलखा की याचिका से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के एक और जज

बता दें कि नवलखा और अन्य आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किये गये थे. नवलखा के अलावा वारवरा राव, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस और सुधा भारद्वाज के अलावा चार अन्य आरोपी हैं.

नई दिल्ली : भीमा कोरेगांव मामले में पुणे सत्र न्यायालय ने सभी छह आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं.

जिन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की गई हैं, उनमें रोना विल्सन, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, वरवारा राव और सुधीर धाल्वे शामिल हैं.

गौरतलब है कि इसके पहले सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिकाएं बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थीं.

गौरतलब है कि 31 दिसम्बर, 2017 को एल्गर परिषद की ओर से एक सभा आहूत की गयी थी और उसके अगले ही दिन पुणे जिले के कोरेगांव में कथित रूप से हिंसा भड़क उठी थी. पुणे पुलिस ने नवलखा और अन्य लोगों के खिलाफ जनवरी, 2018 में प्राथमिकी (एफआईआर) की थी.

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में गौतम नवलखा और अन्य आरोपियों के माओवादियों से संबंध थे और वे सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे.

पढ़ें - भीमा कोरेगांव केस : नवलखा की याचिका से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के एक और जज

बता दें कि नवलखा और अन्य आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किये गये थे. नवलखा के अलावा वारवरा राव, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस और सुधा भारद्वाज के अलावा चार अन्य आरोपी हैं.

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Last Updated : Nov 6, 2019, 5:25 PM IST
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