कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं अभिनेता तापस पॉल की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इस पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
गौरतलब है कि ममता ने तापस पॉल की मौत के लिए केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा बनाया गया दबाव और केन्द्र सरकार की प्रतिशोध की राजनीति को जिम्मेदार बताया है.
इस पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने ममता बनर्जी के बयान पर पटलवार किया है.
निधन पर राजनीतिकरण की कोशिश कर रहीं ममता
ईटीवी भारत से बातचीत में सुप्रियो ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की कुर्सी की गरिमा और सही समय पर सही बात बोलने की रूचि में कमी नजर आती है.
सुप्रियो ने कहा कि ममता बनर्जी किसी के निधन पर भी राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं. बाबुल सुप्रियो ने बनर्जी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने तो तापस पॉल को उनके हाल पर छोड़ दिया था, आज तक उन्हें देखने नहीं गईं, जबकि कुणाल घोष को वह देखने गई थीं. और उस समय वे उनसे सिर्फ एक ही फ्लोर ऊपर थे लेकिन वह उन्हें देखने नहीं गई.
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही घटिया मानसिकता की राजनीति है. क्या ममता बनर्जी उस कलाकार के सम्मान में अपने आप को नहीं रोक सकती थीं ?
कलाकार की मृत्यु नहीं होती
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि एक कलाकार की कभी मृत्यु नहीं होती. उनके द्वारा किए गए कार्यों की कभी मृत्यु नहीं होती. उनके बारे में बातें आने वाले समय में कभी भी चलेंगी. उनके द्वारा किए गए कामों को याद किया जाएगा लेकिन यह सब करने के लिए ममता ने आज का दिन चुना. मैं इसकी कठोर निंदा करता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि मैं कहता हूं कि तापस पॉल के परिवार जनों से पूछिए आपको ममता बनर्जी की सच्चाई का पता चल जाएगा कि उन्होंने कितनी बार तापस पॉल को पूछा है.
प्रतिशोध की राजनीति जिम्मेदार
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस नेता एवं अभिनेता तापस पॉल की मौत के लिए केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा बनाया गया दबाव और केंद्र सरकार की प्रतिशोध की राजनीति जिम्मेदार है.
बनर्जी ने कहा था कि तापस पॉल की मृत्यु असमय हुई है. वह एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा मानसिक प्रताड़ता का सामना कर रहे थे और उनकी मृत्यु इसी वजह से हुई.
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तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने दावा किया कि पार्टी सांसद प्रसून बनर्जी की पत्नी भी केंद्र की बदला लेने वाली राजनीति की पीड़ित रहीं.
उन्होंने कहा कि हत्या के मामलों में भी आरोपपत्र तीन महीने के भीतर दायर कर दिए जाते हैं.
उन्होंने कहा, 'लेकिन क्या यह ऐसी गलती है जिसके लिए उन्हें एक वर्ष से अधिक समय जेल में बिताना पड़ा? क्या यह सही है? यह शुद्ध रूप से राजनीतिक प्रतिशोध है.'
ममता ने कहा कि इसी तरह का मामला फिल्म निर्माता श्रीकांत मोहता और एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ था, जिन्हें लंबे समय तक जेल में रखा गया.
दिल का दौरा पड़ने से हुई तापस पॉल की मौत
आपको बता दें कि बंगाली फिल्मों के अभिनेता एवं तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद तापस पॉल का 61 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
पॉल अपनी बेटी से मिलने मुम्बई गए थे. वह मुम्बई के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां थीं और पिछले दो साल से उनका इलाज चल रहा था.
पॉल की पत्नी नंदिनी ने बताया 'उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया था और उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था लेकिन अचानक उनकी हालत बिगड़ गई और मंगलवार को तड़के करीब साढ़े तीन बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा.'
पॉल कृष्णानगर से दो बार सांसद और अलीपुर से विधायक रह चुके हैं. उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है.
पॉल का जन्म हुगली जिले के चंदन नगर में हुआ था और हुगली मोहसिन कॉलेज ने उन्होंने स्नातक किया था.
तृणमूल कांग्रेस से पॉल 2000 में जुड़े थे और 2001 में अलीपुर से विधायक चुने गए.