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इजरायल दूतावास के पास विस्फोट एक 'नियोजित' षडयंत्र : पूर्व राजदूत

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Published : Jan 29, 2021, 10:38 PM IST

पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया कि हमले के पीछे जो भी होगा, वह जांच के बाद सामने आएगा, लेकिन एक बात तो सुनिश्चित है कि घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है. उन्होने कहा कि फिलीस्तीन पर सबसे ज्यादा शक है. ईरान ऐसा करेगा, अभी इसकी कोई संभावना दिखती नहीं है. वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की विशेष रिपोर्ट.

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नई दिल्ली : आज भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 29 वीं वर्षगांठ है. लेकिन शुक्रवार शाम दिल्ली के मध्य में इजरायली दूतावास के पास एक मामूली बम विस्फोट की घटना ने राजधानी को सदमे में ला दिया है. यह विस्फोट उस समय हुआ जब एक तरफ किसान कृषि बिलों के विरोध में देश में हंगामा मचा हुआ है, तो दूसरी ओर विजय चौक से 2 किमी से भी कम दूरी पर होने वाला 'बीटिंग रिट्रीट समारोह' में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, पीएम मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई वीवीआईपी पास में ही मौजूद थे.

पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया कि हमले के पीछे जो भी होगा, वह जांच के बाद सामने आएगा लेकिन एक बात तो सुनिश्चित है कि घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है. अपराधियों ने इस तथ्य का लाभ उठाया कि पूरी दिल्ली पुलिस किसान आंदोलन को संभालने में व्यस्त होगी. मेरा विचार है कि शायद इस घटना के पीछे कुछ फिलिस्तीनी समूह होने चाहिए. क्योंकि फिलिस्तीन एकमात्र देश है जो अल-कायदा या आईएसआईएस जैसे संगठनों के अलावा इससे लाभान्वित होगा. यूएई, सऊदी अरब, बहरीन या कोई अन्य मुस्लिम देश नहीं है जिसने हमले को प्रायोजित किया होगा. त्रिपाठी को संदेह है कि इसके पीछे या तो गैर-अस्थिर संगठन होने चाहिए या हमास जो एक कि एक सून्नी-इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन है. लेकिन यह व्यावहारिक, उग्रवादी और राष्ट्रवादी संगठन भी है. यह ईरान भी नहीं है जो हमले के पीछे होगा, क्योंकि इस समय ईरान के लोग ऐसा भारत में नहीं करेंगे. भारत-ईरान संबंध अच्छा है. ईरानी इसे करने की हिम्मत नहीं करेगा.

आतंकी समूहों पर है शक

उनका कहना है कि हर संभावना है कि किसी भी राजनीतिक या आतंकवादी समूह ने स्थिति को अस्थिर करने के लिए निश्चित रूप से ऐसा किया होगा. सुरक्षा की दृष्टि से त्रिपाठी ने रेखांकित किया कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित (मूल विनिमय और सहयोग) सहित तीन समझौतों का संचालन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को संचालित करने के लिए यह बेहतर समय है ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार इस घटना में अब तक कोई घायल नहीं हुआ है और आगे की जांच जारी है. मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की सेल मौके पर पहुंची. एक रिपोर्ट बताती है कि दूतावास के आस-पास खड़ी कई कारों के फुटपाथ और विंडस्क्रीन के पास विस्फोट हुआ था जो क्षतिग्रस्त पाए गए.

पहले भी हो चुका है विस्फोट

यह इजरायल के खिलाफ सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं है बल्कि वर्ष 2012 में भी एक मोटर साइकिल चालक ने कार की स्टिक में एक बम लगाया था. वर्तमान में नई दिल्ली में इजराइल दूतावास के चारों ओर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. एक इजराइली अधिकारी के हवाले से रायटर ने बताया कि इजराइल आज दिल्ली में इजराइली दूतावास के पास एक छोटे बम विस्फोट की पड़ताल कर रहा है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली में दूतावास के पास धमाका, इजराइल ने माना आतंकी घटना

इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विस्फोट के बारे में इजरायल के विदेश मंत्री गबी अशकेनाजी से बात की.

नई दिल्ली : आज भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 29 वीं वर्षगांठ है. लेकिन शुक्रवार शाम दिल्ली के मध्य में इजरायली दूतावास के पास एक मामूली बम विस्फोट की घटना ने राजधानी को सदमे में ला दिया है. यह विस्फोट उस समय हुआ जब एक तरफ किसान कृषि बिलों के विरोध में देश में हंगामा मचा हुआ है, तो दूसरी ओर विजय चौक से 2 किमी से भी कम दूरी पर होने वाला 'बीटिंग रिट्रीट समारोह' में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, पीएम मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई वीवीआईपी पास में ही मौजूद थे.

पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया कि हमले के पीछे जो भी होगा, वह जांच के बाद सामने आएगा लेकिन एक बात तो सुनिश्चित है कि घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है. अपराधियों ने इस तथ्य का लाभ उठाया कि पूरी दिल्ली पुलिस किसान आंदोलन को संभालने में व्यस्त होगी. मेरा विचार है कि शायद इस घटना के पीछे कुछ फिलिस्तीनी समूह होने चाहिए. क्योंकि फिलिस्तीन एकमात्र देश है जो अल-कायदा या आईएसआईएस जैसे संगठनों के अलावा इससे लाभान्वित होगा. यूएई, सऊदी अरब, बहरीन या कोई अन्य मुस्लिम देश नहीं है जिसने हमले को प्रायोजित किया होगा. त्रिपाठी को संदेह है कि इसके पीछे या तो गैर-अस्थिर संगठन होने चाहिए या हमास जो एक कि एक सून्नी-इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन है. लेकिन यह व्यावहारिक, उग्रवादी और राष्ट्रवादी संगठन भी है. यह ईरान भी नहीं है जो हमले के पीछे होगा, क्योंकि इस समय ईरान के लोग ऐसा भारत में नहीं करेंगे. भारत-ईरान संबंध अच्छा है. ईरानी इसे करने की हिम्मत नहीं करेगा.

आतंकी समूहों पर है शक

उनका कहना है कि हर संभावना है कि किसी भी राजनीतिक या आतंकवादी समूह ने स्थिति को अस्थिर करने के लिए निश्चित रूप से ऐसा किया होगा. सुरक्षा की दृष्टि से त्रिपाठी ने रेखांकित किया कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित (मूल विनिमय और सहयोग) सहित तीन समझौतों का संचालन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को संचालित करने के लिए यह बेहतर समय है ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार इस घटना में अब तक कोई घायल नहीं हुआ है और आगे की जांच जारी है. मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की सेल मौके पर पहुंची. एक रिपोर्ट बताती है कि दूतावास के आस-पास खड़ी कई कारों के फुटपाथ और विंडस्क्रीन के पास विस्फोट हुआ था जो क्षतिग्रस्त पाए गए.

पहले भी हो चुका है विस्फोट

यह इजरायल के खिलाफ सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं है बल्कि वर्ष 2012 में भी एक मोटर साइकिल चालक ने कार की स्टिक में एक बम लगाया था. वर्तमान में नई दिल्ली में इजराइल दूतावास के चारों ओर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. एक इजराइली अधिकारी के हवाले से रायटर ने बताया कि इजराइल आज दिल्ली में इजराइली दूतावास के पास एक छोटे बम विस्फोट की पड़ताल कर रहा है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली में दूतावास के पास धमाका, इजराइल ने माना आतंकी घटना

इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विस्फोट के बारे में इजरायल के विदेश मंत्री गबी अशकेनाजी से बात की.

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