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एस्ट्रोनॉमर ने बताया- क्यों टूटा चंद्रयान-2 से संपर्क - क्यों टूटा चंद्रयान-2 से संपर्क

चंद्रयान-2 से संपर्क टूटने पर एस्ट्रोनॉमर आस्था तलवार का कहना है कि हो सकता है की लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच चुका हो और लैंडिंग के दौरान सम्पर्क टूटने के कारण ऑर्बिटर इसरो तक अपना डाटा नहीं पहुंचा पा रहा हो. पढ़ें क्या है उनका अनुमान...

Astronomer on Chandrayaan 2 mission failure
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Published : Sep 7, 2019, 11:08 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 8:15 PM IST

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया है. इस संबंध में एस्ट्रोनॉमर आस्था तलवार का कहना है कि चंद्रयान-2 से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूटा है इसका मतलब यह नहीं है कि चंद्रयान-2 मिशन असफल रहा.

'चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है और हमें वहां की मैपिंग करने के साथ-साथ लैंडर की तस्वीरें भी भेजेगा.'

आस्था तलवार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए...

आस्था तलवार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लैंडर विक्रम का नियंत्रण उस समय समाप्त हो गया होगा, जब नीचे उतरते समय उसके थ्रस्टर्स को बंद किया गया होगा. इस दौरान वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा और इस कारण टेलिमेट्री सिस्टम खराब होने पर इसरो तक अपने सिग्नल नहीं भेज पा रहा होगा.

उन्होंने सिग्नल न मिलने की दूसरी स्थिति पर अपना अनुमान लगाते हुए बताया कि हो सकता है की लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच चुका हो और लैंडिंग के दौरान सम्पर्क टूटने के कारण ऑर्बिटर इसरो तक अपना डाटा नहीं पहुंचा पा रहा हो.

पढ़ें- चंद्रयान 2 पर दिल्लीवाले बोले- असफलता नहीं, ये सफलता की ओर पहला कदम है

एस्ट्रोनॉमर से जब यह पूछा गया की क्या अब चंद्रयान-3 के लिए तैयारी करेगा तो उन्होंने बताया की इसरो के पास अभी पूरा डाटा नहीं पहुंचा है, जब यह पूरा डाटा इसरो को प्राप्त हो जाएगा, तब ही इसके बारे में किसी तरह की जानकारी साझा की जा सकेगी.

इसरो के गगनयान मिशन 2022 पर अब चंद्रयान-2 बाद के बाद क्या फर्क़ पड़ेगा, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा की इसरो को इस मिशन में जो गलती मिलेगी, उससे उन्हें ज़रूर जानकारी मिलेगी और गगनयान मिशन 2022 में सफल होगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा की चंद्रयान-2 में जो भी गड़बड़ी मिलेगी उससे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों को भी इसका फायदा मिलेगा क्योंकि अब वह गलती दोबारा नही होगी.

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया है. इस संबंध में एस्ट्रोनॉमर आस्था तलवार का कहना है कि चंद्रयान-2 से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूटा है इसका मतलब यह नहीं है कि चंद्रयान-2 मिशन असफल रहा.

'चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है और हमें वहां की मैपिंग करने के साथ-साथ लैंडर की तस्वीरें भी भेजेगा.'

आस्था तलवार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए...

आस्था तलवार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लैंडर विक्रम का नियंत्रण उस समय समाप्त हो गया होगा, जब नीचे उतरते समय उसके थ्रस्टर्स को बंद किया गया होगा. इस दौरान वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा और इस कारण टेलिमेट्री सिस्टम खराब होने पर इसरो तक अपने सिग्नल नहीं भेज पा रहा होगा.

उन्होंने सिग्नल न मिलने की दूसरी स्थिति पर अपना अनुमान लगाते हुए बताया कि हो सकता है की लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच चुका हो और लैंडिंग के दौरान सम्पर्क टूटने के कारण ऑर्बिटर इसरो तक अपना डाटा नहीं पहुंचा पा रहा हो.

पढ़ें- चंद्रयान 2 पर दिल्लीवाले बोले- असफलता नहीं, ये सफलता की ओर पहला कदम है

एस्ट्रोनॉमर से जब यह पूछा गया की क्या अब चंद्रयान-3 के लिए तैयारी करेगा तो उन्होंने बताया की इसरो के पास अभी पूरा डाटा नहीं पहुंचा है, जब यह पूरा डाटा इसरो को प्राप्त हो जाएगा, तब ही इसके बारे में किसी तरह की जानकारी साझा की जा सकेगी.

इसरो के गगनयान मिशन 2022 पर अब चंद्रयान-2 बाद के बाद क्या फर्क़ पड़ेगा, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा की इसरो को इस मिशन में जो गलती मिलेगी, उससे उन्हें ज़रूर जानकारी मिलेगी और गगनयान मिशन 2022 में सफल होगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा की चंद्रयान-2 में जो भी गड़बड़ी मिलेगी उससे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों को भी इसका फायदा मिलेगा क्योंकि अब वह गलती दोबारा नही होगी.

Intro:नई दिल्ली। एस्ट्रोनॉमर आस्था तलवार का कहना है कि चंद्रयान-2 से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूटा है इसका मतलब यह नहीं है कि चंद्रयान-2 मिशन असफल रहा। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है और हमें वहां की मैपिंग करने के साथ-साथ लैंडर की तस्वीरें भी भेजेगा।

आस्था तलवार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लैंडर विक्रम का नियंत्रण उस समय समाप्त हो गया होगा जब नीचे उतरते समय उसके थ्रस्टर्स को बंद किया गया होगा और वह दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण टेलिमेट्री सिस्टम खराब होने पर इसरो तक अपने सिग्नल नहीं भेज पा रहा होगा।




Body:उन्होंने सिग्नल न मिलने की दूसरी स्तिथि पर अपना अनुमान लगाते हुए बताया कि हो सकता है की लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच चुका हो और लैंडिंग के दौरान सम्पर्क टूटने के कारण ऑर्बिटर इसरो तक अपना डाटा नहीं पहुंचा पा रहा हो।


एस्ट्रोनॉमर से जब यह पूछा गया की क्या अब चंद्रयान-3 के लिये तैयारी करेगा तो उन्होंने बताया की इसरो के पास अभी पूरा डाटा नहीं पहुँचा है, जब यह पूरा डाटा ईसरो को प्राप्त हो जायेगा तब ही इसके बारे में किसी तरह की जानकारी साझा की जा सकेगी।


Conclusion:इसरो के गगनयान मिशन 2022 पर अब चंद्रयान-2 बाद के बाद क्या फर्क़ पड़ेगा, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा की इसरो को इस मिशन में जो गलती मिलेगी उससे उन्हें ज़रूर जानकारी मिलेगी और गगनयान मिशन 2022 सफल होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा की चंद्रयान-2 में जो भी गड़बड़ी मिलेगी उससे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अन्य दशों को भी इसका फायदा मिलेगा क्योंकि अब वह गलती दोबारा नहीं होगी।
Last Updated : Sep 29, 2019, 8:15 PM IST

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