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राज्यसभा चुनाव : हमें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा - देवव्रत सैकिया

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Published : Mar 11, 2020, 10:07 PM IST

राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के बीच समीकरण बनने लगे हैं. वहीं असम के बदले राजनीतिक समीकरण में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक दांवपेच सेट किए जाने लगे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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देवव्रत सैकिया

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम का असर असम में दिखने लगा है. विधायकों के खरीद फरोख्त के खेल से बचने के लिए कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने बुधवार को संयुक्त रूप से अजीत कुमार भुइयां को अपना सर्वसम्मत उम्मीदवार घोषित कर दिया.

राज्यसभा चुनाव और मध्य प्रदेश में चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर ईटीवी भारत ने असम विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता देवव्रत सैकिया से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत से बातचीत करते देवव्रत सैकिया

देवव्रत सैकिया ने कहा, 'राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी हमारे विधायकों की खरीद फरोख्त कर सकती है. लेकिन हमे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है, विधायक पार्टी के निर्देशानुसार ही कार्य करेंगे.'

सैकिया ने यह भी कहा, 'राज्यसभा चुनाव के दौरान हम बीजेपी की सहयोगी पार्टी असम गणपरिषद (एजीपी) से भी अजीत भुइयां के लिए समर्थन की अपील कर रहे हैं.'
सैकिया ने कहा, 'हमने एजीपी से राज्य के हित में हमारे उम्मीदवार को समर्थन करने की अपील की है क्योंकि नागरिक संशोधन कानून का एजीपी द्वारा भी विरोध किया जा रहा है. अगर एजीपी हमारे उम्मीदवार को समर्थन करती है तो यह बीजेपी के खरीद फोरख्त नीति को हतोत्साहित करेगा.'

गौरतलब है कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी मध्य प्रदेश में ड्रामा कर रही है और कांग्रेस के विधायकों को कर्नाटक और गुरुग्राम में रखकर सरकार बनाने- बिगाड़ने के खेल में लगी हुई है.

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह कथित तौर पर यह आरोप लगा चुके हैं कि राज्यसभा के चुनाव में विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने के लिए 25-30 करोड़ रुपये का प्रलोभन दिया जा रहा है.

पढ़ें : राज्यसभा चुनाव : असम में कांग्रेस-एआईयूडीएफ की दोस्ती, भुइयां संयुक्त उम्मीदवार

राज्यसभा का चुनाव 26 मार्च को होना है. राज्यसभा में 17 राज्य की 55 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से तीन सीटें असम कोटे से हैं, जिनमें से दो पर कांग्रेस और एक सीट पर बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) का कब्जा था. हालांकि कांग्रेस के दोनों राज्यसभा सदस्यों- डॉ. संजय सिंह और भुवनेश्वर कलिता ने पार्टी और उच्च सदन के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है.

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम का असर असम में दिखने लगा है. विधायकों के खरीद फरोख्त के खेल से बचने के लिए कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने बुधवार को संयुक्त रूप से अजीत कुमार भुइयां को अपना सर्वसम्मत उम्मीदवार घोषित कर दिया.

राज्यसभा चुनाव और मध्य प्रदेश में चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर ईटीवी भारत ने असम विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता देवव्रत सैकिया से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत से बातचीत करते देवव्रत सैकिया

देवव्रत सैकिया ने कहा, 'राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी हमारे विधायकों की खरीद फरोख्त कर सकती है. लेकिन हमे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है, विधायक पार्टी के निर्देशानुसार ही कार्य करेंगे.'

सैकिया ने यह भी कहा, 'राज्यसभा चुनाव के दौरान हम बीजेपी की सहयोगी पार्टी असम गणपरिषद (एजीपी) से भी अजीत भुइयां के लिए समर्थन की अपील कर रहे हैं.'
सैकिया ने कहा, 'हमने एजीपी से राज्य के हित में हमारे उम्मीदवार को समर्थन करने की अपील की है क्योंकि नागरिक संशोधन कानून का एजीपी द्वारा भी विरोध किया जा रहा है. अगर एजीपी हमारे उम्मीदवार को समर्थन करती है तो यह बीजेपी के खरीद फोरख्त नीति को हतोत्साहित करेगा.'

गौरतलब है कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी मध्य प्रदेश में ड्रामा कर रही है और कांग्रेस के विधायकों को कर्नाटक और गुरुग्राम में रखकर सरकार बनाने- बिगाड़ने के खेल में लगी हुई है.

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह कथित तौर पर यह आरोप लगा चुके हैं कि राज्यसभा के चुनाव में विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने के लिए 25-30 करोड़ रुपये का प्रलोभन दिया जा रहा है.

पढ़ें : राज्यसभा चुनाव : असम में कांग्रेस-एआईयूडीएफ की दोस्ती, भुइयां संयुक्त उम्मीदवार

राज्यसभा का चुनाव 26 मार्च को होना है. राज्यसभा में 17 राज्य की 55 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से तीन सीटें असम कोटे से हैं, जिनमें से दो पर कांग्रेस और एक सीट पर बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) का कब्जा था. हालांकि कांग्रेस के दोनों राज्यसभा सदस्यों- डॉ. संजय सिंह और भुवनेश्वर कलिता ने पार्टी और उच्च सदन के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है.

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